रोल बैक- चारधाम देवस्थानाम एक्ट निरस्त-सीएम धामी

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। चुनावी साल में तीर्थ पुरोहितों के बढ़ते विरोध को देखते हुए धामी सरकार ने दो साल पहले गठित चारधाम देवस्थानाम एक्ट को निरस्त कर दिया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार की सुबह एक समाचार एजेंसी से बातचीत में यह फैसला बताया।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यह फैसला किया।

भाजपा सरकार अब विधानसभा सत्र में एक्ट की समाप्ति की प्रक्रिया पूरी करेगी। सरकार के इस फैसले के बाद नाराज तीर्थ पुरोहितों व ब्राह्मण समाज की नाराजगी दूर होने की उम्मीद जताई जा रही है।

हाल ही में तीर्थ पुरोहितों ने दून में मंत्री आवास घेरने व सचिवालय कूच के बाद विधानसभा घेराव की चेतावनी तक दे डाली थी।

इससे पूर्व, आंदोलन को नई धार देते हुए तीर्थ पुरोहितों ने उत्त्तराखण्ड व उत्तरप्रदेश के चुनावों को भी प्रभावित करने की धमकी दे डाली थी। यही नहीं, हरिद्वार के संतों ने भी आंदोलन को समर्थन देते हुए सरकार को हल निकालने के लिए कहा था।

चारधाम हक हुकुकधारी महापंचायत के आंदोलन से ब्राह्मण मतदाता की नाराजगी की खबरें भी भाजपा के गलियारे में तैर रही थी। नतीजतन नये सीएम धामी की पार्टी हाईकमान से मंथन के बाद चारधाम बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया गए।

हाल ही में भाजपा चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी की सीएम धामी व प्रदेश संगठन से हुई चर्चा में भी देवस्थानाम बोर्ड का मसला प्रमुखता से छाया रहा।

सोमवार को सौंपी रिपोर्ट

दो साल पूर्व तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने चारधाम देवस्थानाम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया था। बोर्ड के तहत 51 मंदिरों का अधिग्रहण किया गया। इस फैसले के बाद चारों धामों के पंडे आंदोलन पर उतर आए।

धामी सरकार ने मामले के हल के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी किया। इस कमेटी में चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया गया। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने 30 नवंबर तक उचित समाधान निकालने का भरोसा दिया।

दो साल से जारी विरोध के बाद तीर्थ पुरोहितों ने देहरादून में मंत्रियों के आवास पर प्रदर्शन कर सरकार की धड़कनें बढ़ा दी। इस बीच, हरिद्वार के संत समाज ने भी पुरोहितों की मांग का समर्थन कर सरकार को चेतावनी दे डाली थी।

यही नहीं, तीर्थ पुरोहितों ने 2022 के चुनावों में उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर नये समीकरणों की ओर इशारा किया। साथ ही उत्तर प्रदेश में चारधामों से जुड़े अपने यजमानों को भी साथ लेने की चेतावनी दे डाली थी।

व्यापक हित में वापस लिया चारधाम देवस्थानाम एक्ट-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार की सांय कहा कि राज्य सरकार द्वारा व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड अधिनियम को वापस लिये जाने का निर्णय लिया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 4 जुलाई को प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में चारधाम से जुडे तीर्थ पुरोहित, रावल, पंडा समाज, हक हकूधारियों एवं जनप्रतिनिधियों के स्तर पर अलग अलग प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आयी। इस सम्बन्ध में सभी तथ्यों पर विचार करने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा पूर्व सांसद श्री मनोहर कान्त ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया, समिति द्वारा तीन माह में अपनी अन्तरिम रिपोर्ट राज्य सरकार को उपलब्ध कराने के साथ ही अन्तिम प्रत्यावेदन भी राज्य सरकार को उपलब्ध कराया गया। राज्य सरकार द्वारा मंत्रिमण्डलीय उपसमिति का भी इसके लिये गठन किया गया। उच्च स्तरीय समिति एवं मंत्रिमण्डलीय उप समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में सम्यक विचारोपरान्त देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड अधिनियम को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चार धामो सहित अन्य स्थानों में सभी सम्बन्धित लोगों से परामर्श कर इन स्थानों पर बेहतर व्यवस्था सम्पादित हो सके इसके प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही देश की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाये इसके लिये राज्य सरकार सन्त समाज का भी सहयोग लेगी।

उन्होंने अधिनियम वापस लिये जाने की घोषणा के साथ चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के साथ ही अन्य सम्बन्धित लोगों से अपना आन्दोलन वापस लेने का भी अनुरोध किया। उन्होंने सभी से चार धाम सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के लिये सहयोग की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देशकाल परिस्थिति के अनुसार सभी सम्बन्धित विषयों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी के सहयोग से इन स्थानों पर बेहतर व्यवस्थायें बनाने का हमारा प्रयास रहेगा।

चारधाम देवस्थानाम एक्ट- त्रिवेंद्र से धामी तक

27 नवंबर 2019 – सीएम त्रिवेंद्र के शासन में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को मंजूरी

5 दिसंबर 2019 – देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पारित

14 जनवरी 2020 – देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।

24 फरवरी 2020 – देवस्थानम बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया। विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन

21 जुलाई 2020- हाईकोर्ट ने  सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की जनहित विपक्षी याचिका को खारिज किया

15 अगस्त 2021 – सीएम धामी ने  हाई पावर कमेटी बनाई और पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी को अध्यक्ष बनाया

30 अक्टूबर 2021 –  उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ और सदस्य नामित किए गए

25 अक्तूबर 2021-  उच्च स्तरीय समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी

26 नवंबर 21-मंत्री आवास का घेराव के दौरान सुबोध उनियाल से तीखी झड़प

27 नवंबर 2021- तीर्थ पुरोहितों ने देहरादून में आक्रोश रैली निकाली

28 नवंबर 2021 –  उच्च स्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी

29 नवंबर 2021 – मंत्रिमंडलीय उप समिति के सदस्य सतपाल महाराज ने रिपोर्ट सीएम को सौंपी

30 नवंबर 21- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम देवस्थानाम  एक्ट को निरस्त करने की घोषणा की

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