विज्ञान व प्रौद्योगिकी के विकास की आवश्यकता -डोभाल

आँचलिक विज्ञान केंद्र के छठवें स्थापना दिवस पर ई-कचरा जागरूकता तथा प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित। रंगारंग कार्यक्रम भी हुए

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और राज्य में लोगों के बीच वैज्ञानिक सोच विकसित करने की दृष्टि से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास की आवश्यकता है ।यह बात आँचलिक विज्ञान केंद्र के छठवें स्थापना दिवस पर महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कही।

इस अवसर पर प्रो. संजय जसोला (ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय), श्री. राकेश ओबराय (अध्यक्ष, ओबराय मोटर्स, देहरादून), प्रो. ए.एन. पुरोहित (HNBGU पूर्व वीसी और अध्यक्ष, NASI-UK चैप्टर), डॉ. शशि आहूजा (पूर्व सलाहकार DST) और श्री जी.एस. रौतेला (सलाहकार, साइंस सिटी) आदि उपस्थित थे। जी. एस. रौतेला ने भारत में विज्ञान संग्रहालयों की शुरुआत कैसे हुई, इसकी संक्षिप्त पृष्ठभूमि और इतिहास के बारे में जानकारी दी।

डॉ अजीत चतुर्वेदी (निदेशक, IIT रुड़की) और प्रो अशोक मिश्रा, (पूर्व निदेशक, IIT बॉम्बे) ने वर्चुअल मोड के माध्यम से छात्र छात्राओं और दर्शकों को संबोधित किया और IIT द्वारा शुरू किए गए विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचारों के बारे में बात की। इस सत्र का संचालन वैज्ञानिक अधिकारी एवं प्रभारी आरएससी डॉ के एन भारद्वाज ने किया। 

डॉ. डी. पी. उनियाल, संयुक्त निदेशक, यूकोस्ट ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया तथा कांउसिल और विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रमों से सबको अवगत कराया । कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST), देहरादून द्वारा ई-कचरा जागरूकता तथा प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसे नेशनल मिशन ओन हिमालयन स्टडीज (NMHS), जी. बी. इन्स्टीट्यूट अल्मोड़ा, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (NASI), इलाहाबाद उत्तराखंड अध्याय द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित किया गया था ।

इसमें डॉ. एन. ए. सिद्दीकी (पेट्रोलियम विश्वविद्यालय) तथा इंजीनियर प्रशांत रतूड़ी (स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, देहरादून) ने ई-कचरा प्रबंधन पर व्याख्यान दिया और डेस्कटॉप, कंप्यूटर और लैपटॉप और बैटरी वाले मोबाइल सहित ई-कचरे की हैंडलिंग/मरम्मत के बारे में प्रशिक्षण दिया। इस कार्यक्रम में आर. जे. काव्या और ओहो रेडियो की टीम द्वारा जागरूकता तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया ।

कंचन डोभाल ने इस ई-वेस्ट जागरूकता कार्यक्रम का समन्वयन किया। इस अवसर पर डॉ बीपी पुरोहित, डॉ आशुतोष मिश्रा, इंजीनियर जितेंद्र, अमित पोखरियाल और यूकोस्ट और बायोटेक काउंसिल के अधिकारी और स्टाफ उपस्थित थे । इस कार्यक्रम में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से 200 से अधिक विद्यार्थियों, अधिकारियों एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

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