श्रमिकों का निजी अस्पताल में होगा इलाज
संविदा चिकित्सकों की होगी नियुक्ति
प्रत्येक जिले में बनेगी आयुष हेल्प डेस्क
कोविड उपचार में लगे आयुष कर्मियों को एलोपैथिक कर्मियों की भांति मिलेंगी सुविधा
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
हर्रावाला राजकीय आर्युेवेदिक मेडिकल कालेज में 60 बेड को कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए रिज़र्व कर दिया गया। इसमें 20 आक्सीजन बेड रखे जायेगें। आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कुलसचिव को इस बाबत मुकम्मल व्यवस्था करने को कहा।
बुधवार को होम्योपैथिक तथा आर्युेवेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवाओं के अधिकारियों के साथ कोविड-19 के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में मंत्री ने कहा कि आयुष विभाग (होम्योपैथिक तथा आर्युेवेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवाएं) के एैसे चिकित्सक और विभिन्न कार्मिक जो विभिन्न तरीकों से कोविड-19 से सम्बन्धित लोगो के उपचार में लगे है उनके जीवन बीमा से लेकर अन्य प्रकार की सुविधाएं एलोपैथिक चिकित्सको की भाॅति ही प्रदान की जायेगी।
प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में मानक के अनुरूप आर्युेवेदिक एवं होम्योपैथिक आयुष चिकित्सक उपलब्ध हो सके इसके लिए मंत्री ने तत्काल संविदा के माध्यम से चिकित्सकों की भर्ती कराने से सम्बन्धित प्रस्ताव बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिये।
मंत्री हरक सिंह ने होम्योपैथिक तथा आर्युेवेदिक विभागों के अधिकारियों को प्रत्येक जनपद में लोगो की कोविड-19 से सम्बन्धित निःशुल्क सहायता देने, आयुष किट प्रदान करने तथा इससे सम्बन्धित लोगो की काउंसलिग करने एवं जरूरी जानकारी प्रदान करने के लिए संयुक्त रूप से एक आयुष हैल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिये।
मंत्री ने कहा कि इसके लिए दोनो विभागों को कुल 05 करोड 85 लाख रूपये की धनराशि सरकार द्वारा तत्काल अवमुक्त की गई है। इस आयुष हैल्प डेस्क के माध्यम से होम आईसोलेशन, विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रो में उपचार हेतु आने वाले आगन्तुकों तथा लोगो द्वारा डिमांड किये जाने पर 24 धण्टे के भीतर आयुष चिकित्सा किट उपलब्ध कराये जाने का प्रयास किया जायेगा। यह हैल्प डेस्क 24 धण्टे कार्य करेगा, जहाॅ पर आयुष चिकित्सक सम्बन्धित स्टाफ के साथ उपस्थित रहेंगे।
आयुष मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा प्रत्येक जनपद में हेल्प डेस्क स्थापित करने से लेकर आर्युेवेदिक कोविड अस्पताल तथा विभिन्न क्षेत्रों में आयुष चिकित्सकों की तैनाती होने से एक ओर गाॅव में ही कोविड-19 की प्राथमिक चिकित्सा का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा और मुख्य अस्पतालों में मरीजों का भार भी कम हो सकेगा। दूसरी ओर इससे कोविड-19 के उपचार में एलोपैथिक चिकित्सा पर बढता दबाव भी कम हो सकेगा।
बैठक में सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा डी सेन्थिल पाण्डियन, निदेशक होम्योपैथिक सेवाएं डा. ए बी भट्ट, निदेशक आर्युेवेदिक एवं यूनानी सेवाएं डा. एम पी सिंह, कुलसचिव राजकीय आर्येवेद विश्वविद्यालय उत्तम कुमार शर्मा सहित सम्बन्धित चिकित्सक व कार्मिक उपस्थित थे।
श्रमिकों का निजी अस्पतालों में होगा इलाज
देहरादून।
राज्य कर्मचारी बीमा निगम के सभी श्रमिकों का आयुष्मान योजना के तहत कोविड-19 के मरीजों की दरों की भाॅति ही निजी अस्पतालों में उपचार किया जायेगा। कर्मचारी बीमा निगम के सूचीबद्व चिकित्सालयों में बीमा निगम के श्रमिकों का निःशुल्क उपचार किया जायेगा । और आयुष्मान योजना के तहत कोविड-19 के मरीजों की उपचार दरों पर सम्बन्धित निजी चिकित्सालय को भुगतान किया जायेगा।
श्रम एवम कौशल विकास मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में उनके विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआई.) में पंजीकृत श्रमिकों तथा उससे जुडे लाभार्थियों के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि कर्मचारी बीमा निगम से सूचीबद्व निजी चिकित्सालयों की 31 मार्च 2021 तक की पूर्व की जितनी भी देनदारी अभी तक बकाया है उसका दो माह के भीतर राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जायेगा।
बैठक में कर्मचारी बीमा निगम के मानकों के अनुसार कोविड-19 को देखते हुए चिकित्सक एवं फार्मेसिस्ट के पदों के सृजन किये जाने का भी निर्णय लिया गया है। कर्मचारी बीमा निगम के रिक्त पदों को एलोपैथिक विभाग के मानदेय के अनुसार संविदा से भरे जाने का निर्णय लिया गया है। इससे कोविड-19 के महामारी के दौरान राज्य के स्वास्थ्य विभाग को सहायता मिल सकेगी तथा उन पर उपचार के लिए पडने वाले अतिरिक्त दबाव में कमी आयेगी।
इस दौरान बैठक में अपर सचिव श्रम/निदेशक कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआई) प्रशान्त आर्य तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ईएसआई. डाॅ0 आकाशदीप उपस्थित थे।
ऊर्जा निगमों ने मुख्यमंत्री को सौंपा 76,491,752 रुपए का चेक
जनहित में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने निगमों के प्रयासों की सराहना की
देहरादून। मुख्यमंत्री आवास में आज ऊर्जा सचिव श्रीमती राधिका झा के नेतृत्व में यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल एवं यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक नीरज खैरवाल ने मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत जी को अपनी सामाजिक दायित्व निर्वहन (Corporate Social Response) योजना के अंतर्गत राज्य में कोविड एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने हेतु कुल रुपए 76,491,752 (सात करोड़ चौंसठ लाख इक्यानवे हजार सात सौ बावन रुपए) के चेक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नाम से भेंट किए गए।
राधिका झा ने बताया कि उक्त धनराशि में रुपए 57518291 का चेक यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा तथा रुपए 18973461 का चेक यूपीसीएल द्वारा दिया गया है। उक्त धनराशि राज्य को आपदाओं से बेहतर तरीके से निबटने में मददगार होगी। इससे पूर्व भी यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा फरवरी माह में वित्तीय वर्ष 2019-20 में अर्जित लाभ के अनुरूप राज्य सरकार को रुपए 40.01 करोड़ लाभांश के रूप में दिया गया था।
इस संबंध में जानकारी देते हुए यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री संदीप सिंघल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा निर्धारित लक्ष्य 4822 मिलियन यूनिट के सापेक्ष 5088.88 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया था। साथ ही संपूर्ण कोविडकाल में भी निगम के समस्त विद्युत गृहों की मशीनें चौबीसों घंटे उत्पादन के लिए तैयार रखी गई थी। श्री संदीप सिंघल ने बताया कि भविष्य में भी हमारी योजना अधिक से अधिक ऊर्जा उत्पादन कर राज्य सरकार की आर्थिक एवं ऊर्जा आवश्यकताओं में सहयोग की रहेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी द्वारा सामाजिक हित में निगमों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऊर्जा निगम के कार्मिकों द्वारा अपनी मेहनत से न केवल प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है, बल्कि समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया जा रहा है।
एक करोड़ तक के कोविड सम्बंधी काम करा सकेंगे विधायक
कोविड संक्रमण की परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने लिया निर्णय
उत्तराखंड में बढते कोविड संक्रमण के देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यहित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए विधायक निधि से 1 करोड़ रुपए तक के कोविड कार्यो को करवाने हेतु स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद अब प्रदेश के सभी विधायकगण अपनी विधायक निधि से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कोविड रोकथाम सम्बंधी जरुरी व्यवस्थाओं पर एक करोड़ रुपए तक खर्च कर सकते हैं। वर्तमान में कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह निर्णय लिया है। *मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी विधायकगणों से अपेक्षा की है, कि वे तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड की रोकथाम के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे और विशेषकर सूदूरवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को कोविड की जंग जीतने में मदद करेंगे।
सरकार के शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के विधायक अपनी विधायक निधि से 1 करोड़ रुपए तक खर्चा कर सकते हैं जिसके जरिए आईसीयू वार्ड, आक्सीजन सिलेंडर, वेन्टीलेटर जैसी जरुरतों को पूरा करने के लिए विधायकगण, जिलाधिकारी और सीएमओ से विचार विमर्श करने के बाद जारी कर सकते हैं।
शासकीय प्रवक्ता उनियाल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय से सूदूरवर्ती गांवों के जो प्रथामिक केद्र एंव अन्य स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहां भी वो सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी जो बडे अस्पतालों में कराई जा रही हैं। शासकीय प्रवक्ता श्री उनियाल ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कोरोना के इस संकटकाल में इस निर्णय का फायदा निस्संदेह इस विषम भौगोलिक परस्थितियों वाले राज्य के दूरस्थ क्षेत्र के हर एक व्यक्ति को मिल सकेगा।
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