अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। प्रदेश के मैदानी व पर्वतीय महाविद्यालयों में 7 मई से ग्रीष्म अवकाश घोषित कर दिया गया है। गर्मियों की छुट्टियां 12 जून तक रहेंगी। इस बाबत शासन ने शुक्रवार 7 मई को उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक को पत्र भेज फैसले की जानकारी दी है।
वैश्विक महामारी कोविड-19 (कोरोना) की द्वितीय लहर के दृष्टिगत मैदानी एवं पर्वतीय राजकीय महाविद्यालयों के पूर्व एवं भविष्य के देय अवकाशों के साथ यथा समायोजन करते हुए दिनांक 05 मई, 2021 से 12 जून, 2021 तक ग्रीष्म अवकाश घोषित किये जाने का अनुरोध किया गया है।
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत राज्य के समस्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को अग्रिम आदेशों तक बंद किये सम्बन्धी शासनादेश 3 मई, 2021 निर्गत किया गया था।
अतः इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासनादेश 03 मई, 2021 के क्रम में कोविड-19 (कोरोना) की द्वितीय लहर के दृष्टिगत मैदानी एवं पर्वतीय राजकीय महाविद्यालयों के पूर्व एवं भविष्य के देय अवकाशों के साथ यथा समायोजन करते हुए 7 मई, 2021 से 12 जून, 2021 तक ग्रीष्म अवकाश घोषित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
सभी की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे
विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि, छात्रों, शिक्षकों एवं कार्मिकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है, उसके लिए जो भी आवश्यक कदम होगा सरकार उठाएगी. शिक्षा के साथ लोगों का जीवन भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है. माननीय मंत्री ने यह भी कहा कि, अधिकांश महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम पूरा किया जा चुका है, तथा ग्रीष्मावकाश से छात्रों के पठन-पाठन में कोई नुकसान नहीं होगा. डॉ. रावत ने यह भी कहा कि अशासकीय महाविद्यालय भी अपने विश्वविद्यालय कैलेंडर के अनुसारण सम्बंधित महाविद्यालयों में ग्रीष्मावकाश कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि, विश्वविद्यालयों को भी उक्तानुसार अपना अकादमिक कैलेंडर समायोजित करने हेतु निर्देशित किया गया है.
विभाग के कई प्राचार्य एवं शिक्षकों के कोविड महामारी से असामयिक निधन के कारण विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में ग्रीष्मावकाश करने का निर्देश दिया।
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