बीते दो दिन से कोरोना सैंपल कलेक्शन में भारी गिरावट
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। उत्त्तराखण्ड की अफसरशाही यूँ ही खबरों में नही बनी रहती। कोरोनाकाल में बड़े बड़े आंकड़े पेश करने वाली नौकरशाही ने एक नया तोड़ निकाल लिया है। बीते दो दिन में सैंपल कलेक्शन में आयी भारी गिरावट से संक्रमण का ग्राफ अपने आप ही गिर गया। यही नहीं,प्रतिदिन सैंपल कलेक्शन और लैब में टेस्टिंग के लिए भेजे जाने वाले केस में भी साफ अंत दिख रहा है। इसी वजह से प्रदेश में दस मई तक 23 हजार से अधिक सैंपल की रिपोर्ट पेंडिंग पड़ी हुई है। महीनों से बना यह बैकलॉग भी इशारा जर रहा है कि टेस्टिंग में भी भारी सुस्ती बनी हुई है।
चूंकि,कोरोना डेथ व संक्रमण के मामले में उत्त्तराखण्ड टॉप के राज्यों की सूची में लंबे समय से बना हुआ है। मृत्यु के मामले में तो नौ हिमालयी राज्यों में सबसे टॉप पर है। प्रति लाख 37 मौतें उत्त्तराखण्ड में हो रही है। जबकि हिमाचल व सिक्किम में 28-28 मौतें। जनसंख्या के अनुपात में मौतें और संक्रमण की दर में भी उत्त्तराखण्ड देश भर में सुर्खियां बना हुआ है।
राज्य में कुल मौतें 3896 (1.56%) हो गयी हैं। तीन मई को 2930 (1.49%) मृत्यु हुई। यानि कि 3 मई से 10 मई के बीच 966 मौत हुई। तीन मई को प्रदेश में एक्टिव केस 55436 थे जबकि दस मई तक यह संख्या 74480 पर पहुंच गई। इसके अलावा प्रतिदिन सैंपल कलेक्शन में कमी व उसके अनुपात में टेस्टिंग के कम होने से भी पेंडिंग केस की संख्या भी 23267 (10 मई 2021) होना भी सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर रहा है।
लिहाजा, नया खेल करते हुए सैंपलिंग करनी कम कर दी है। कोरोना टेस्ट कम होने की वजह से संक्रमित लोगों की संख्या भी कम ही दिख रही है। 3 मई से 10 मई के आंकड़े देखें तो प्रतिदिन टेस्टिंग में भारी कमी देखी जा रही है। आठ मई के मुकाबले बीते दो दिन 9 व 10 मई को तो सैंपलिंग में 10 से 17 हजार का अंतर दिख रहा है। यही नहीं, 4 मई को सप्ताह के सर्वाधिक 45213 टेस्ट जबकि नौ मई को सिर्फ 17579 व दस मई को 25497 टेस्ट ही किये गए। टेस्टिंग में 20 से 28 हजार का अंतर साफ दिख रहा।
उत्त्तराखण्ड में 3 से 10 मई के मध्य कोरोना सैंपल कलेक्शन /पॉजिटिव केस/मृत्यु का तुलनात्मक चार्ट
राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक 3 मई को 38174, चार मई को 45213,पांच मई को43489,छह मई को 33097, सात मई को 30531, आठ मई को 34937 कोरोना टेस्ट किये गए। जबकि नौ व दस मई को टेस्टिंग के आंकड़े में भारी गिरावट देखी गयी। नौ मई को मात्र 17579 व दस मई को 25497 टेस्ट ही किये। लिहाजा 9 व 10 मई को पॉजिटिव लोगों का आंकड़ा क्रमशः 5890 व 5541 पर टिक गया। और यह संदेश चला गया कि प्रदेश में संक्रमण की दर घट रही है। जबकि चार्ट में देखेंगे कि 9 मई से पहले 4 मई तक संक्रमण लोगों की संख्या 7 हजार से 10 हजार के बीच आंकी गयी।
केंद्र से लेकर सभी राज्य ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दे रहे हैं। लेकिन बीते दो दिन में उत्त्तराखण्ड में सैंपल कलेक्शन व टेस्टिंग का कम होना सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर रहा है। मौजूदा समय में उत्त्तराखण्ड में सरकारी अस्पतालों में अलावा व कुछ प्राइवेट लैब को कोरोना टेस्टिंग की जिम्मेदारी दी गयी है।
बीते दो दिन से संक्रमित लोगों की संख्या में भारी गिरावट देखी गयी 10 मई को 5541 और 9 मई को 5890 संक्रमित केस आये। 8 मई को 8390 संक्रमित लोगों की संख्या आने पर हड़कंप च गय्या था। 7 मई को 9642 के संक्रमित होने से राज्य सरकार की कोशिशों पर भारी झटका लगा। 6 मई को 8571 संक्रमित हुए। जबकि 5 मई को 43 हजार से अधिक टेस्ट करने पर 7783 लोग पॉजिटिव पाए गए। बीते एक हफ्ते से पॉजिटिव लोगों की संख्या 7 हजार से 10 हजार के बीच आ रही थी। लेकिन दो दिन से संक्रमण को “सरकारी कंट्रोल” करते हुए संक्रमित संख्या 5 हजार के आस पास दिखाई जा रही है।
हरिद्वार कुम्भ अवधि में एक्टिव केस में हुई 1800 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
एक यह भी आंकड़ा चौंकाने वाला आया है कि कुम्भ में 31 मार्च से 24 अप्रैल के बीच संक्रमण की दर में 1800 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 31 मार्च तक एक्टिव केस 1863 थे लेकिन 24 अप्रैल आते आते एक्टिव केस 33,330 हो गए। और 10 मई को एक्टिव केस 74480 हो गए। 12 अप्रैल के शाही स्नान में हरिद्वार में 35 लाख से ज्यादा लोगों के आने का दावा किया गया जबकि 14 अप्रैल को 14 लाख लोगों के आने की बात कही गयी।
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