शराब की दुकानें 2 बजे बन्द होंगी। राजस्व से अधिक मुझे प्रदेश की जनता की चिंता हैः मुख्यमंत्री तीरथ
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। सचिव पंकज पांडेय ने बताया कि शासकीय कार्यालयों में कोरोना वायरस (COVID-19) के बढ़ते हुए संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रदेश के समस्त कार्यालयों को 23, 24 एवं 25 अप्रैल, 2021 तीन दिन शुक्रवार, शनिवार एवं रविवार को बंद रखे जाने हेतु दिशा-निर्देश निर्गत किये गये थे।
शासन में मंथन के बाद 26, 27 एवं 28 अप्रैल, (सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार) प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालय बंद रखे जायेंगे। समस्त अधिकारी / कर्मचारी मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे तथा अपने मोबाईल स्विच आन रखेंगे एवं किसी भी समय आवश्यकता पड़ने पर उनको कार्यालय बुलाया जा सकेगा।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
कोविड-19 के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से किया विचार-विमर्श।
राजनीतिक दल के सदस्यों के सुझाव पर किया जाएगा अमल।
राजनीतिक दल के सदस्यों ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री को दिया सहयोग का आश्वासन।
सभी सदस्यों का मुख्यमंत्री ने जताया आभार।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए सभी दलों से सहयोग की अपेक्षा की है। शनिवार को सचिवालय में वर्चुअल माध्यम से आयोजित सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत सुझाव पर प्रभावी कार्यवाही का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वैश्विक महामारी से निजात पाने में भविष्य में भी समय-समय पर सभी दलों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर उनका सहयोग लेंगे।
सर्वदलीय बैठक में जिन्होंने अपने सुझाव रखे उनमें कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, इंदिरा हृदयेश, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रीतम सिंह पंवार, दिवाकर भट्ट, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक तथा महामंत्री कुलदीप कुमार शामिल रहे।
मुख्यमंत्री तीरथ ने सभी के सुझाव को उपयोगी बताते हुए कहा कि प्राप्त सुझाव पर अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर किस प्रकार इस महामारी का सामना कर सके इसके लिए आपसी विचार-विमर्श, चिंतन एवं समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी का मत है कि कोरोना वायरस के चैन को कैसे प्रभावी ढ़ंग से तोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने सभी सदस्यों द्वारा इस संबंध में उनके द्वारा दिए गए सहयोग के आश्वासन के लिए भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। स्पोर्ट्स कॉलेज कोविड सेंटर में 500 बेड और बढ़ाए गए हैं। कोरोनेशन मे भी 100 बेड की व्यवस्था की गई है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के अलावा पांच निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित करने की व्यवस्था की गई है। होटलों को भी अधिकृत किया जा रहा है। रुद्रपुर, सेलाकुई, रुड़की आदि स्थानों पर ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ बाहर से भी इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाई गई है, अन्य राज्यों की अपेक्षा राज्य में ज्यादा टेस्टिंग प्रतिदिन की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की चैन तोड़ने के लिए भी कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी दफ्तरों को तीन दिन के लिए बंद किया गया है, आगे भी तीन दिन इन्हें बंद रखे जाने की व्यवस्था की जा रही है। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर शेष प्रतिष्ठान अपराह्न दो बजे के बाद बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। मास्क सभी लोग पहने इसके लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता से हम इस पर नियंत्रण पा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना रोकथाम में प्रयुक्त होने वाली दवा व इंजेक्शन आदि की कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। कोई भी व्यक्ति यदि इसमें शामिल पाया गया तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी को कैसे बेहतर इलाज मिल सके इसकी भी व्यवस्था की गई है। आयुष्मान भारत कार्ड की सीमा तक अस्पतालों में इलाज की सुविधा है। इसके अलावा गरीबों के इलाज में यदि कोई अन्य व्यवस्था की जानी होगी तो वह भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना कि बीमारी के इलाज के लिए अस्पतालों में दरों का भी निर्धारण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है अब 18 से अधिक उम्र वालों का भी वैक्सीनेशन निशुल्क किए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में क्वारंटीन सेंटरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। कोविड-19 के इस दौर में प्रवासी प्रदेशवासियों को भी आवश्यक मदद सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने जानकारी दी कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना की गति पिछले वर्ष की अपेक्षा तीन गुना बढ़ी है। पहले की अपेक्षा इसमें तेजी आई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पहले 10-12 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे थे, अब यह संख्या 25 हजार प्रतिदिन हो गई है। राज्य में लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध हो इसके प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी भी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के चार मैदानी जनपदों में समस्या अधिक है। इसके लिए भी ऑक्सीजन व वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था की गई है। निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित किए जा रहे हैं। राज्य में आर्थिक गतिविधियां अधिक प्रभावित ना हो इसके लिए मिनी लॉकडाउन पर ध्यान दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के चैन को तोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना कि दवाई व इंजेक्शन की सप्लाई चैन को बढ़ाया जा रहा है, अभी प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है।
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