बरसात में बेघर न करें बस्तियों के लोग: जन संगठनों की अपील

बेदखली प्रक्रिया में पारदर्शिता और वैकल्पिक आश्रय की मांग

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। बिंदाल नदी किनारे बस्तियों से लोगों को बेदखल करने की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए विभिन्न जन संगठनों और विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने शनिवार को नगर आयुक्त सृष्ट मंडल से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने आग्रह किया कि बेदखली की प्रक्रिया पूरी तरह कानून सम्मत हो, पारदर्शी हो और मानवीय दृष्टिकोण के साथ की जाए।

प्रतिनिधियों ने कहा कि मजदूर बस्तियों के बाहर बने अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जबकि नदी से दूर रह रहे गरीब लोगों को भी हटाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम कानूनी प्रावधानों से हटकर केवल कुछ ही दस्तावेजों को मान्य मान रहा है और सुनवाई की जानकारी भी ठीक से लोगों तक नहीं पहुंचाई जा रही।

उन्होंने बरसात के मौसम में इस तरह की कार्रवाई को बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए खतरनाक बताया और कहा कि यदि हटाना अनिवार्य हो, तो प्रशासन को लोगों के रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।

नगर आयुक्त सृष्ट मंडल ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्य समर भंडारी, सर्वोदय मंडल उत्तराखंड के अधिवक्ता हरबीर सिंह कुशवाहा, एटक के राज्य सचिव अशोक शर्मा और चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल मौजूद रहे।

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