भारत जोड़ो अभियान को लेकर हल्द्वानी में बनेगी रणनीति

8 अक्टूबर को हल्द्वानी बैठक में आंदोलनकारी व बौद्धिक समूह की मौजूदगी रहेगी अहम

सुचेतना केन्द्र काठगोदाम नियर निर्मला कान्वेंट स्कूल में “जीतेगा इंडिया-बनेगा भारत” की थीम पर होगा मंथन

अविकल उत्तराखण्ड

हल्द्वानी। देश भर के आंदोलन समूहों, नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, बौद्धिक समूहों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं तथा नागरिकों द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर चलाए जा रहे “भारत जोड़ो अभियान” को उत्तराखण्ड में संचालित करने के लिए 8 अक्टूबर को हल्द्वानी में विस्तृत बैठक का आयोजन किया जाएगा।

सुचेतना केन्द्र काठगोदाम नियर निर्मला कान्वेंट स्कूल में आयोजित होने वाली इस बैठक के लिए देहरादून के कमला पंत, रवि चोपड़ा, गीता गैरोला, शंकर गोपाल, वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, उमा भट्ट, इन्द्रेश मैखुरी, हल्द्वानी के अखलाक खान, इस्लाम हुसैन, एडवोकेट अंजू, बागेश्वर के लक्ष्मण आर्या, विपिन जोशी, भुवन पाठक, नैनीताल के राजीव लोचन साह, उमा भट्ट, एडवोकेट डीके जोशी, पिथौरागढ़ के गोपाल राम, भवाली के तरूण जोशी, रूद्रपुर की हीरा जंगपांगी, अल्मोड़ा के ईश्वर जोशी, टिहरी के अरण्य रंजन, सल्ट के अजय कुमार आदि ने संयुक्त रूप से आह्वान किया है।

बैठक के एजेंडे की बाबत जानकारी देते हुए वरिष्ठ राज्य आंदोलकारी राजीव लोचन साह ने बताया कि वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था द्वारा संरक्षित हिंसा और सामाजिक विभाजन को भड़काने के प्रयासों के रूप में प्रदेश व देश की एकता पर अनेक हमले हो रहे हैं। हाल के दिनों में उत्तराखण्ड में भी हमने इन हमलों का सामना और सामूहिक प्रतिरोध किया है। इसके साथ ही देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संवैधानिक मूल्यों पर क्रूर बहुसंख्यावादी हमला और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की तोड़-फोड़ और उन पर कब्जे की कार्यवाही का भी सामना करते हुए आम लोगों को आर्थिक मंदी, महंगाई और बेरोजगारी का खामियाजा भुगतते भी देखा है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अपने पूंजीपति मित्रों का पक्ष लेते उनकी वित्तीय धोखाधड़ी का बचाव करने, सार्वजनिक संपत्ति की हेराफेरी और राष्ट्रीय संपत्ति की लूट में व्यस्त है। धर्मनिरपेक्ष राज्य का विघटन एवं उसके द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे की नागरिकता, नफरत का प्रचार, जातीय आधारित उत्पीड़न व महिलाओं के साथ हिंसा का समर्थन राज्य द्वारा किया जा रहा है। उत्तराखंड को भी भाजपा एवं आरएसएस द्वारा सांप्रदायिकता व जातीय हिंसा की प्रयोगशाला बनाने की कोशिश की जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों की बेलगाम लूट को बढ़ावा दिया जा रहा है।

साह ने कहा कि राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर इन गंभीर खतरों का मुकाबला सामूहिक तौर पर करने व 2024 के लोकसभा चुनाव में नागरिक समाज की भूमिका को सुनिश्चित करने के लिए “भारत जोड़ो अभियान” द्वारा “जीतेगा इंडिया-बनेगा
भारत” की प्रक्रिया को आगे बढाने के एजेंडे के तहत ही इस चिंतन व रणनीतिक बैठक का आयोजन तय किया गया है। बैठक में भविष्य की रणनीतियों का खाका तैयार कर जमीनी स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।

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