कश्मीर नियंत्रण सीमा पर हुए हिमस्खलन से बर्फ में समा गए थे हवलदार राजेंद्र
मई में सेना ने बैटल कैजुअल्टी घोषित किया था। मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र ने कहा शहीद की पार्थिव देह मिल गयी
17 अगस्त को हरिद्वार में पूरे सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
गोपेश्वर से वरिष्ठ पत्रकार हरीश मैखुरी की कलम से
सात महीने पूर्व 8 जनवरी को जम्मू कश्मीर की नियंत्रण सीमा पर लापता हुए 11 गढ़वाल राइफल के जवान राजेंद्र नेगी का शव कश्मीर में गुलमर्ग एलओसी के पास मिल गया है।
हवलदार राजेन्द्र सिंह नेगी मूल रूप से चमोली गैरसैंण के पज्याणा के निवासी हैं और वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के अंबीवाला में रहता है। आज स्वतंत्रता दिवस के दिन उनकी यूनिट ने राजेन्द्र सिंह नेगी के परिवार को शव मिलने की सूचना दी। इस वर्ष 8 जनवरी 2020 को नियंत्रण रेखा पर ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन के कारण वे फिसलने से बर्फ में समा गये थे।
कई दिनों तक सेना द्वारा खोजबीन के बाद भी जब शव नहीं मिल सका तो सेना ने मई 2020 में उनको बैटल कैजुअल्टी घोषित कर दिया था। कल बलिदानी वीरगति प्राप्त नेगी का शव दिन तक दिल्ली पंहुचेगा। शाम तक उनका शव और गैरसैंण से परिवार जन भी देहरादून पंहुचेंगे। 17 अगस्त 2020 को हरिद्वार में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जायेगा।
पूर्व में शहीद की पत्नी द्वारा शव नहीं मिलने तक खुद को विधवा मानने से मना किया गया था, अब उनको असीम दुख तो होगा लेकिन वीर को अधोगति से मुक्ति का संतोष भी रहेगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घटना पर लिखा 11गढवाल राइफल्स के शहीद जवान राजेन्द्र सिंह नेगी जी की पार्थिव देह मिल गई है।
शहीद की शहादत को सलाम। राज्य सरकार उनके परिवार जनों के साथ खड़ी है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करे|
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