…तो अब शुरू होता है उत्त्तराखण्ड काँग्रेस में महायुद्ध

शिष्य रंजीत रावत ने गुरु हरदा पर साधे निशाने

कहा, हरीश रावत ने टिकट बेचे

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। मतदान के बाद जहां भाजपा में सिर फुटौव्वल देखी जा रही थी वहीं अब चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में खुलकर तलवारें चलने लगी है।

मुख्य झगड़ा हरीश गुट व प्रीतम गुट के बीच चल रहा है। इस बीच, पूर्व सीएम हरीश रावत के बेहद करीबी पूर्व विधायक रंजीत रावत ने हल्ला बोल दिया है।

रंजीत रावत ने हरीश रावत पर टिकट बेचने का सनसनीखेज आरोप लगा डाला। रंजीत रावत ने कहा कि हरीश रावत के मैनेजर कुछ लोगों को अब टिकट के एवज में लिए पैसे लौटा रहे हैं। कुछ को मिल गए हैं कुछ को मिलने बाकी हैं।

उन्होंने कहा कि , 2017 में हरीश रावत के कहने पर ही वो रामनगर चुनाव लड़े थे। लेकिन इसबार हरीश रावत ने स्वंय रामनगर से दावेदारी कर दी। और मुझे सल्ट शिफ्ट कर दिया गया। जिससे कई सीटों का चुनावी गणित ही बिगड़ गया।

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रंजीत रावत ने कहा कि हरीश रावत बहुत ही मासूमियत से झूठ बोलते है। पूर्व विधायक ने कहा कि 35 साल बाद उनका हरीश रावत से मोहभंग हुआ। उन्होंने कहा कि वे बहुत बातें जानते हैं लेकिन काफी कुछ बाद में कहेंगे।

उन्होंने कहा कि हरीश रावत सल्ट उपचुनाव में भाजपा को वाकओवर देने की बात कह रहे थे। कांग्रेस मोदी से लड़ रही है और हरीश रावत यह नारा लगा रहे हैं कि -मोदी तुझसे बैर नहीं, धामी तेरी खैर नहीं..

रंजीत रावत ने कहा कि हरीश रावत ने मुस्लिम विवि की बात कह भाजपा को मुद्दा थमा दिया। इसे भाजपा ने बहुत भुनाया।

इससे पूर्व,प्रीतम सिंह भी हरीश रावत के ऐन मौके पर रामनगर से चुनाव लड़ने पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि “बोए कोई और काटे कोई और.. इस बयान के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने ही सोशल मीडिया पर पोस्ट लिख जवाब दिया।

बहरहाल, हरीश रावत के पुराने साथी रंजीत रावत के तीखे बयान के बाद कांग्रेस में अंदरूनी युद्ध के हालात बन गए है। 2017 चुनाव के बाद हरीश रावत और रंजीत रावत के बीच दूरी बढ़ने लगी।

इस बीच, चुनाव परिणाम के बाद सह प्रभारी दीपिका पांडेय इस्तीफा दे चुकी हैं। और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व हरीश रावत हार की जिमेदारी ले चुके हैं।

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