फूलदेई- सत्ता की चौखट से गांवों की देहरी तक फूल ही फूल

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। प्रदेश में नये सीएम को लेकर जारी अटकलों के बीच सत्ता के गलियारों से लेकर स्कूली बच्चों ने लोकपर्व फूलदेई को पारंपरिक ढंग से मनाया। फूलों की टोकरी लिये बच्चों ने घरों की चौखट पर खुशहाली की कामना की। सुबह से ही बच्चे फूलदेई पर्व मनाने में जुट गए। कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी व स्कूल स्टाफ ने बच्चोँ संग फूलदेई पर्व मनाया।

समूचे उत्त्तराखण्ड में फूलदेई पर्व उत्साह के साथ मनाने की खबर आ रही है। पहली बार स्कूलों में पर्व मनाने के आदेश के बाद बच्चों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। पारंपरिक पोशाक में सजे धजे स्कूली बच्चों की रौनक देखते ही बनती थी।


पौड़ी जिले जे विकासखंड एकेश्वर के अंतर्गत इण्टर कॉलेज इंदिरापुरी व राजकीय कन्या इंटर कालेज कलालघाटी में फूलदेई पर्व धूमधाम से मनाया गया।

कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में बच्चों के साथ उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई मनाया। धामी ने प्रकृति का आभार प्रकट करने वाले फूलदेई पर्व की प्रदेशवादियों को शुभकामनाएं दी एवं प्रदेश की सुख- समृद्धि की कामना की।

फूलदेई लोकपर्व पर धामी ने ईश्वर से कामना की कि वसंत ऋतु का यह पर्व सबके जीवन में सुख समृद्धि एवं खुशहाली लाए। श्री धामी ने इस अवसर पर आए बच्चों को उपहार भेंट किये। शशिभूषण मैठाणी एवं पर्वतीय संस्कृति संरक्षण समिति के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि फूलदेई उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़ा प्रमुख पर्व है। उन्होंने कहा कि किसी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लागातार प्रयास करने होंगें।

रा०क०इ०काॅ०कलालघाटी, कोटद्वार में स्कूली बच्चों ने पारंपरिक पोशाक में फूलदेई पर्व मनाया

एकेश्वर विकास खंड के इण्टर कॉलेज इंदिरापुरी में मनाया गया फूलदेई


विकासखंड एकेश्वर के अंतर्गत इण्टर कॉलेज इंदिरापुरी में फूलदेई पर्व धूमधाम से मनाया गया


इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य कुलदीप थपलियाल ने फूलदेई त्यौहार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियों में अगर अपनी लोकसंस्कृति को जिंदा रखना है तो उसके लिए अपने पारम्परिक त्योहारों को मनाना जरुरी है, अध्यापक रोशन लाल गौड़ ने कहा कि फूलदेई प्रकृति का ऋतु परिवर्तन का सन्देश देने वाला त्यौहार है, इस त्यौहार में सभी वृक्षों की टहनियाँ फूल से लद जाती है इस त्यौहार में प्रकृति दुल्हन जैसी प्रतीत होती है जो कि खुशहाली का प्रतीक है, विद्यालय के छात्र -छात्राओं ने सभी कक्षाओं की देहरियों में “फूलदेई छम्मा देई, गुड़ चना देई ” पारम्परिक गाना गाकर फूल चढ़ाये इस अवसर पर कैलाश थपलियाल, कुलदीप थपलियाल, शुकल सिंह, सुन्दर लाल,, रोशन लाल गौड़, दयावंती चौहान, विनीता भट्ट, अरविन्द शाह, रंजना भट्ट, रितिक पांडे मौजूद थे

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