नन्दप्रयाग-घाट सड़क प्राथमिकता में
कुम्भ में मंडलायुक्त हरिद्वार कैम्प करेंगे

जिलाधिकारियों के साथ सीएम तीरथ की वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग

अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के संवाद बना रहना चाहिये

बार्डर से श्रद्धालुओं को बस से लाया जाएगा

नन्दप्रयाग-घाट मुकदमे वापसी पर विचार होगा

मोबाइल कनेक्टिविटी व ट्रंचिंग ग्राउंड के मुद्दे पर केंद्र सरकार से वार्ता की जाएगी।

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून/हरिद्वार। मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा कि कुम्भ की समाप्ति तक गढ़वाल मंडलायुक्त हरिद्वार में कैम्प करेंगे। इस बाबत निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा नन्दप्रयाग-घाट के आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमे वापस होंगे। उन्होंने कहा कि कुम्भ आने वाले श्रद्धालुओं को उत्त्तराखण्ड बॉर्डर से बसों के जरिये हरिद्वार कुम्भ स्नान के लिए लाया जाएगा। इन बसों को पूरी तरह senitize कर यात्रियों को कोविड नियमो का पालन कराते हुए स्नान करवा कर वापस बॉर्डर पर छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि 12 साल में एक बार कुम्भ आता है ,किसी को स्नान से वंचित नहीं किया जाएगा।

एक्शन में सीएम तीरथ रावत

रविवार को हुई वार्ता में सीएम तीरथ रावत ने कहा कि नन्दप्रयाग-घाट सड़क का दोहरीकरण मेरी प्राथमिकता में है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी आवाज उठाने का हक है।  समस्याओं का समाधान वार्ता व जनसम्पर्क से भी किया जा सकता है। शक्ति के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पूरी रिपोर्ट मंगा ली है। और सड़क निर्माण को लेकर आंदोलनकारियों पर हुए मुकदमो के बाबत भी विचार कर वापस लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पर्वतीय इलाके में मोबाइल टावर लगाने में वन कानून आड़े आ रहे हैं। इस बाबत केंद्र सरकार से वार्ता कर मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के जल्द प्रयास किये जायेंगे।

सीएम ने कहा कि पर्वतीय इलाके के ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए चिन्हित जमीन पर फारेस्ट की NOC में आ रही अड़चनों को शीघ्र केंद्रीय वन मंत्री से वार्ता कर सुलझाया जाएगा।

अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के संवाद बना रहना चाहिये

जिलाधिकारियों के साथ सीएम तीरथ की वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग

सचिवालय में सांय 7 बजे डीएम के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद रहना चाहिए। जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि लोगों को वास्तव में लाभ मिले और उनकी समस्याएं दूर हों। जनता की सरकार जनता के द्वार की परिकल्पना साकार होनी चाहिये। मुख्यमंत्री, सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली तथा दोनों मंडलायुक्त, जिलों में मुख्य विकास अधिकारी, एसएसपी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी गर्मियों के सीज़न को देखते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। ज़रूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा हमारे लिए टाप प्रायोरिटी पर है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले 6 माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली आदि सभी सुविधाएं हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेस का प्रभावी क्रियान्वयन हो। लोगों को वास्तव मे इसका लाभ मिले। छोटी-छोटी सेवाओं के लिए जनता परेशान न हो। जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को जरूर अवगत कराएं। 

आने वाले समय में वनाग्नि को रोकने का कुशल प्रबंधन हो। इसके लिए अभी से तैयारी कर ली जाए। फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों की लगातार मानिटरिंग की जाए। आगामी चार धाम यात्रा और पर्यटन के सीज़न को देखते हुए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कर लिया जाएं। पार्किग की व्यवस्था के लिए प्लान कर लिया जाए। 

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से मनरेगा और स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड काल में लाकडाऊन के समय कोविड-19 के दिशा-निर्देश के उल्लंघन पर लोगों पर हुए मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। मुख्यमंत्री ने चमोली जिलाधिकारी से तपोवन आपदा से प्रभावित गांवों में पुनः कनेक्टीवीटी सुचारू करने के बारे में जानकारी ली।

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