…और सच हुई सीएम त्रिवेंद्र की भविष्यवाणी, उत्त्तराखण्ड हुआ 25 हजारी

मई के पहले सप्ताह में सीएम ने कहा था निकट भविष्य में प्रदेश में 25 हजार होंगे कोरोना संक्रमित

प्रदेश सरकार की तैयारियों पर उठते रहे कई सवाल

पीपीई किट व उपकरण खरीद के नाम पर घपले की खबर मीडिया की सुर्खियां बन


क्वारंटाइन केंद्रों की व्यवस्था पर हो चुके है बवाल

उत्त्तराखण्ड में कोरोना संक्रमित 25 हजार पार, कुल मौत 348, सोमवार को 807 नये मरीज

केदारनाथ धाम में धरनारत पुरोहित बीमार, एम्स में भर्ती, देवस्थानम बोर्ड का विरोध जारी

अविकल उत्त्तराखण्ड


देहरादून।
मई के पहले सप्ताह में जब देश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या इतना नही डरा रही थी। ठीक उसी समय उत्त्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भविष्यवाणी की थी कि राज्य में अक्टूबर-नवंबर तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 25 हजार तक पहुंच जाएगी। और इसी हिसाब से प्रदेश सरकार तैयारी कर रही है।

प्रदेश सरकार की तैयारी कितनी सफल है इस पर तो बहुत दावे के साथ कुछ कहा नही जा सकता। लेकिन तय महीने से काफी पहले 7 सितम्बर को सीएम त्रिवेंद्र की 25 हजार संक्रमितों की भविष्यवाणी सौ फीसदी सच हो गयी। अब यह आंकड़ा डराने लगा है।

अप्रैल माह के आखिरी दिन 57 कोरोना संक्रमित मरीज थे उत्त्तराखण्ड में। मई आखिरी सप्ताह में यह आंकड़ा 900 को पार कर गया था। और मई के पहले हफ्ते में जब सीएम ने भविष्य में 25 हजार तक कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा पहुंचने की बात कही तो उस समय सभी को यह असंभव सा लगा था। क्यों कि अप्रैल आखिर में हाफ सेंचुरी से कुछ ज्यादा ही कोरोना पॉजिटिव थे। मई आखिर तक 1000 से नीचे ही संक्रमितों का आंकड़ा झूल रहा था। जून, जुलाई और अगस्त के तीन महीनों में ही लगभग 24 हजार संक्रमित बढ़ गए।

7 सितम्बर 2020, हेल्थ बुलेटिन। कुल संक्रमित 25436

सितम्बर के पहले सप्ताह में 25 हजार से अधिक संक्रमित होने से उत्त्तराखण्ड में दहशत का माहौल है। सचिवालय समेत कई छोटे बड़े संस्थान में कई लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। बाहरियों का प्रवेश प्रतिबंधित है। कई मंत्री, अधिकारी व बड़े लोग आइसोलेशन में है। कोविड अस्पताल के बेड फुल हैं। दो दिन पहले ही देहरादून के 40 साल के व्यक्ति को किसी भी अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया और उसकी मौत हो गयी। अव्यवस्था से जुड़े कई मामले रोज मीडिया की सुर्खियां बन रहे हैं।

उत्त्तराखण्ड के शहरों और ग्रामीण इलाकों के क्वारंटाइन सेंटर की अव्यवस्था और मासूम बालिका की सांप के काटे जाने की घटना को लोग भूले नही है। कई केंद्रों की बदहाली और इनमें हुई असमय मौतें भी सरकार को आईना दिखाती रही है।

प्राइवेट लैब में कोविड जांच के नाम पर ठीक ठाक चांदी कट रही है। शुरुआती दौर में ही स्वास्थ्य महकमे में पीपीई किट व उपकरण खरीद के नाम पर घपले की खबर मीडिया की सुर्खियां बन चुकी है। नतीजतन अधिकारी को हटाना पड़ गया।

इधर, सोमवार को नाराज चिकित्सक हड़ताल पर जाते जाते रुक गए। अब नर्सेज 11 सितम्बर से आंदोलन की तैयारी कर रही हैं। सेनीटाइज के लिए चयनित स्थानों के लिए भी भेदभाव की खबरें हैं। कुल मिलाकर सीएम त्रिवेंद्र के दावों के बावजूद व्यवस्था पर लगातार उंगली उठ रही है। उठती भी रहेगी।

चूंकि राज्य गठन के 20 साल बाद सबसे कमजोर महकमों में आज भी स्वास्थ्य विभाग की चर्चा होती है। अव्यवस्था कहाँ कितनी है। सभी को पता है। हम सभी अनलॉक 4 के orbit में प्रवेश कर चुके हैं और 25 हजारी भी हो चुके हैं। अब प्रवासी भी कोरोना नही ला रहे हैं। अभी भी कोविड जांच के लगभग 13 हजार सैंपल लाइन में लगे हैं। जांच की स्पीड कब बढ़ेगी, यह सवाल भी पूछा जाना चाहिए।348 मौत हो चुकी है अभी तक। कुछ दिनों से हर दिन लगभग 10 मौतों का आंकड़ा सामने आ रहा है। और संक्रमित करीब औसतन 600 प्रतिदिन आ रहे हैं। 7 सितम्बर को भी 807 संक्रमित मरीज चिन्हित हुए।

फिर भी सीएम त्रिवेंद्र सरकार बड़े बड़े विज्ञापनों के जरिये कोरोना से सावधानी व रोकथाम में जुटी है। बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमे के चिकित्सक व सभी स्वास्थ्यकर्मी 100 फीसदी मेहनत में जुटे है। ऐसे सभी कोरोना योद्धाओं को सलाम।

मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र के कार्यों की प्रशंसा में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने फेसबुक में कुछ यूं लिखा

पुरोहित संतोष त्रिवेदी एम्स में भर्ती

केदारनाथ धाम में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ कई दिन से अर्धनग्न अवस्था मे धरना दे पुरोहित संतोष त्रिवेदी की तबीयत बिगड़ने पर उनको एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया है।

धरना दे रहे 35 वर्षीय पुरोहित संतोष त्रिवेदी की सोमवार को तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया जाया गया। स्टेट डिजाजस्टर रिस्पांस फोर्स की टीम केदारनाथ से लिंचोली तक कंधे पर लायी। वहां से हेलीकाॅप्टर से ऋषिकेश पहुंचाया गया।

बीमार पुरोहित को पैदल लाते SDRF की टीम

मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को उन्हें पेट दर्द हुआ। केदारसभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने शासन-प्रशासन को  सूचना दी।

केदारनाथ मंदिर परिसर में आचार्य संतोष त्रिवेदी तीन माह से अपनी दो मांगों को लेकर अर्धनग्न होकर धरना दे रहे हैं।  सिर्फ एक ही समय भोजन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाए और केदारनाथ में मास्टर प्लान के तहत हो रहे निर्माण कार्यों को भी बंद किया जाए।





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