फर्जीवाड़ा- हरिद्वार महाकुम्भ में आरिफ व गुलाम की भी हो गयी कोरोना जांच

आरिफ मध्य प्रदेश का रहने वाला। गुलाम मोहम्मद कभी हरकीपैडी गए ही नहीं।
दोनों की फर्जी सैंपल रिपोर्ट दिखा किया घोटाला

पांच हजार मोबाइल नंबर्स की जांच में 90 फीसदी फर्जी

मैक्स कार्पोरेट सर्विसेज के पार्टनर शरत पंत की भाजपा नेताओं से नजदीकी जगजाहिर

अविकल उत्त्तराखण्ड

हरिद्वार। महाकुम्भ घोटाले के मास्टरमाइंड के दिमाग की भी दाद देनी पड़ेगी। अप्रैल के महीने में महाकुम्भ में गंगा जी में छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश के आरिफ व हरिद्वार के गुलाम मोहम्मद की भी कोरोना जांच हो गयी। जबकि आरिफ कभी हरिद्वार गए ही नहीं। दोनों की गंगा जी में डुबकी लगवा दी गयी।

इसके अलावा कोरोना जांच कर रही लैब डॉ लालचंदानी व नलवा ने एक कदम आगे बढ़ते हुए है हरिद्वार के गुलाम मोहम्मद की भी फर्जी जांच कर दी। जबकि गुलाम मोहम्मद कभी हरकी पैड़ी ही नही गए। इन दोनों को हरकी पैड़ी में होना दर्शाया गया। जबकि आरिफ और गुलाम मोहम्मद हरकी पैड़ी पर थे ही नहीं। कोरोना टेस्टिंग में दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव दिखाई गई।

एक लाख फर्जी कोरोना टेस्ट के मामले में इन दिनों दिल्ली, हिसार की लैब के अलावा मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस के पार्टनर शरत व मल्लिका पंत दम्पत्ति से भी पूछताछ हो रही है । इस पूरे खेल में करोड़ों रुपए की बिलिंग की गई।

शरत पंत व केंद्रीय मंत्री निशंक

आरिफ व गुलाम ने बताया कि मैसेज देखकर वह डर गए और उन्होंने अपने परिवार व दोस्तों से इस बात का जिक्र किया। हालांकि बाद में ऑनलाइन देखने पर उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट नेगेटिव आई। तब जाकर उन्होंने राहत की सांस ली। लेकिन उन्होंने इस बात पर बहुत हैरानी जताई कि आखिर जब उन्होंने कोरोना टेस्टिंग के लिए सैंपल दिया ही नहीं तो उनका मोबाइल नंबर टेस्टिंग वाली सूची में कैसे डाल दिया गया। उन्होंने यह भी कहा क्यों हरिद्वार में ही रहते हैं लेकिन कभी हर की पैड़ी नहीं गए आरिफ और गुलाम मोहम्मद ही नहीं बल्कि ऐसे दर्जनों नंबर है जो कभी हरिद्वार नहीं आए लेकिन उनके मोबाइल नंबर कांटेक्ट वाली सूची में डाल दिए गए।

शरत पंत व सीएम तीरथ सिंह रावत

आरिफ ने बताया कि वह छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और एक गैराज में काम करते हैं वह कभी हरिद्वार नहीं गए और ना ही उन्हें इस बात की जानकारी है कि हरिद्वार में कुंभ मेला आयोजित हो रहा है।

यही नहीं, उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि उनका नंबर मोबाइल नंबर कोरोना टेस्टिंग कराने वाले लोगों की सूची में कैसे चला गया ।जबकि उन्होंने आज आज तक कोरोना की कोई टेस्टिंग नहीं कराई। इसी तरह हरिद्वार के देहात इलाके के रहने वाले गुलाम मोहम्मद जो एक कॉमन सर्विस सेंटर चलाते हैं उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर अप्रैल महीने में एक मैसेज आया जिसमें कोरोना सैंपल लेने की बात कही गई थी। साथ ही उन्हें आइसोलेट होने के लिए भी कहा गया था जबकि उन्होंने कभी सैंपल दिया ही नहीं था।

मिली जानकारी के मुताबिक इन सभी टेस्टिंग की जिला प्रशासन और मेला प्रशासन जांच कर रहा है। अभी तक करीब 5000 मोबाइल नंबरों की जांच हो चुकी है। जिनमें से 90% फर्जी पाए गए हैं।

गौरतलब है कि पंजाब के फरीदकोट निवासी एक व्यक्ति के मोबाइल में कोरोना जांच का मैसेज आने के बाद यह खुलासा हुआ। उस व्यक्ति ने I C M R में शिकायत दर्ज।कराई थी।

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