80 कोरोना मौत, इंदिरा बिफरीं, महाराज की चिट्ठी, हरक के 25 करोड़

वैक्सीनेशन की कमी पर बिफरी इंदिरा, सीएम को लिखा पत्र। मंत्री हरक ने पीसीबी से सीएम राहत कोष में दिए 25 करोड़

मंत्री महाराज ने गृह मंत्री को लिखा पत्र, एसएसबी और आईटीबीपी के माध्यम से हो सीमांत क्षेत्रों में टीकाकरण

कोरोना से जंग को सीएम राहत कोष में दिए 25 करोड़ का चेक

आपदा प्रभावित चकराता तहसील के बिजनाड गांव पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह। खबर नीचे link में।

अविकल उत्त्तराखण्ड

उत्त्तराखण्ड में गुरुवार को कोरोना से 80 लोगों की मौत हुई। 3658 संक्रमित हुए। कुल मौतें 5484


हल्द्वानी/देहरादून।नेता प्रतिपक्ष डा इन्दिरा हृदयेश ने सीएम तीरथ को लिखे पत्र में कहा कि  सरकार ने 18 से 45 आयु वर्ग के व्यक्तियों हेतु वैक्सीनेशन अभियान तो चलाया परन्तु वैक्सीनेशन की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

इधर, वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोरोना से जंग लड़ने के लिए 25 करोड़ की धनराशि का योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। इस धनराशि का चेक उन्होंने आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को सचिवालय स्थित कार्यालय में भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एसपी सुबुद्धि भी उपस्थित थे।

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य से गुरुवार को राजभवन में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शिष्टाचार भेंट की |


इसके बाद मीडिया सेन्टर में आयोजित पत्रकार वार्ता में वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि पिछले साल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 50 करोड़ की राशि कोरोना काल में मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की थी।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर साल पर्यावरण शुल्क लेता है। इससे हुई आमदनी से बोर्ड हमेशा सामुदायिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निर्वहन करता है। बोर्ड का कार्मिकों के वेतन आदि समेत का खर्च 20 करोड़ रुपया है। इस व्यय के बाद शेष बची राशि का उपयोग जनहित में भी किया जाता है। इसी मद से आज मुख्यमंत्री राहत कोष में बोर्ड से 25 करोड़ की राशि का सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास सीमित संसाधन हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई लम्बी चल सकती है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दूसरी लहर के बाद कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। ऐसे में सरकार को दूसरी लहर से निपटने के साथ ही तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना है। एकजुट होकर और सामूहिक सहभागिता से ही यह लड़ाई जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को एक साल से अधिक का समय हो गया है। हमें खुद को संभालने के साथ ही इस लड़ाई को जीतने में यथासंभव योगदान देना होगा। पर्याप्त धनराशि होने पर ही सरकार और अधिक संसाधन जुटा सकती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य सरकार पूरे प्रदेश खासतैार पर पहाड़ी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है। हर चिकित्सालय में ऑक्सीजन सिलेण्डर और कंसंट्रेटर मुहैया करवा रही है। आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों व दवाओं की खरीद बड़े पैमाने पर की जा रही है।

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राज्य में स्थित 300 आयुर्वेदिक अस्पतालों में अब 10 -10 बेड इलाज के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें 5 बेड ऑक्सीजन 5 सामान्य होंगे। मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा है कि अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ भी तैनात किया जाएगा। राज्य में 550 आयुर्वेदिक अस्पताल है लेकिन 300 के पास अपना भवन है। ये अस्पताल 24 घण्टे चलेंगे। मंत्री ने कहा है कि पहाड़ के दूरस्थ ऐसे स्थान जहाँ एलोपैथिक इलाज की व्यवस्था नहीं है वहा ये व्यवस्था काम करेगी। इसके लिए पदों का सृजन व वित्त से मंजूरी के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए मंत्री ने सचिवालय में अफसरो को निर्देशित कर दिया है। मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि 300 डॉक्टर्स 70 स्टाफ की नियक्ति उपनल से होगी। प्रदेश के दूर दराज के इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करना हमारा फोकस है।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ने सीएम तीरथ को लिखी पाती, वैक्सीनेशन की लचर व्यवस्था पर जतायी नाराजगी


हल्द्वानी। नेता प्रतिपक्ष डा इन्दिरा हृदयेश ने सीएम तीरथ को लिखे पत्र में कहा कि सरकार ने 18 से 45 आयु वर्ग के व्यक्तियों हेतु वैक्सीनेशन अभियान तो चलाया परन्तु वैक्सीनेशन की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश

उन्होंने कहा कि सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि प्रत्येक नागरिक का वैक्सीनेशन कराया जाय ताकि इस जानलेवा महामारी से निजात पायी जा सके, परन्तु समाचार पत्रों, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक दिवस जानकारी प्राप्त होती रहती है कि प्रदेश में 18 से 45 आयु वर्ग के समस्त व्यक्तिअयों का टीकाकरण किये जाने हेतु वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

सरकार प्रदेश में वैक्सीनेशन की समुचित व्यवस्था किये जाने एवं अन्य आवश्यक औषधियां व इंजेक्शन उपलब्ध कराने के मामले मंे पूर्ण रूप से विफल साबित हुयी है। वर्तमान में एक अन्य बीमारी ब्लैक फंगस भी प्रदेश में दस्त दे चुकी है, जिसके कारण मृत्यु का सिलसिला भी आरम्भ हो चुका है, परन्तु उक्त महामारी की रोकथाम हेतु आवश्यक औषधि एवं इंजेक्शन भी सरकार आज तक प्रदेश में उपलब्ध नहीं करा पाई है। आज वैक्सीनेशन की स्थिति यह है कि सरकार वैक्सीन की प्रथम डोज के बाद दूसरी डोज लगाने के बीच के समय के सही मानक भी तय नहीं कर पा रही है, पहले वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने का समय 4 हफ्ते बाद निर्धारित किया गया था परन्तु वर्तमान में उसे बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया गया है।
भ्रम और अव्यवस्था के इस माहौल में जनता अपने को डरा हुआ एवं एवं असुरक्षित महसूस कर रही है। अगर सरकार अपने प्रदेश और देश की जनता की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य का उचित ध्यान नहीं रख सकती है तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी की बीमारी का उपचार हर नागारिक को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाना चाहिए, यदि यह संभव नहीं है तो सरकार अपने देश एवं प्रदेश के हर नागरिक का स्वास्थ्य बीमा करवाये। साथ ही मेरी प्रदेश सरकार से मांग है कि वह प्रदेश के समस्त नागरिकों हेतु शीघ्र अतिशीघ्र वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध कराते हुये उनका टीकाकरण करवाये।

महाराज ने केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा पत्र

एसएसबी और आईटीबीपी के माध्यम से हो सीमांत क्षेत्रों में टीकाकरण

देहरादून । प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों में कोविड-19 टीकाकरण को तेज करने के लिए पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व मंत्री श्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखने के साथ साथ फ़ोन पर बात कर उन्हें सुझाव दिया है कि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के माध्यम से प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान चलाया जाए।


पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सीमांत क्षेत्रों के लोगों को आसानी से कोरोना का टीका लगवाने के लिए उन्होने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखकर और फोन से बात कर उनसे मांग की गई है कि सीमांत क्षेत्रों में एसएसबी और आईटीबीपी के माध्यम से टीकाकरण अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि एसएसबी और आईटीबीपी के जवानों के माध्यम से वैक्सीनेशन की राह को आसान किया जा सकता है।

महाराज ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि एसएसबी का मुख्यालय रानीखेत में स्थि‌त है। जिसका सीमांत क्षेत्र कुटटी, गुंजी काला पानी, लखनपुर, मालपा, बुदी, शिया लेख है। इसी प्रकार आईटीबीपी का मुख्यालय देहरादून में स्थित है और इसका सीमांत क्षेत्र नीति, माणा, मलारी, हर्षिल, कालापानी गुंजी, कुटी है। इन सीमांत क्षेत्रों में लोग मार्च से सितबंर तक अपनी भेड़ बकरियां व अन्य पशु चराने भी जाते हैं। इन लोगों से हमारी सेना को सीमाओं पर हो रही गतिवि‌धियों की भी जानकारी मिलती है। ऐसे में इन क्षेत्रों में एसएसबी और आईटीबीपी के माध्यम से कोविड-19 का टीकाकरण करवाये जाने से लोगों को राहत मिलेगी।

आपदा प्रभावित चकराता तहसील के बिजनाड गांव पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह। खबर नीचे link में।

प्रीतम सिंह आपदा प्रभावित इलाके में

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