पौड़ी में डॉक्टर्स पर हमले के विरोध में कार्य बहिष्कार, मामला दर्ज

जिला अस्पताल पौड़ी के डॉक्टरों पर हुए जानलेवा
हमले के विरोध में कार्य बहिष्कार
आरोपियों से बताया जान का खतरा, पुलिस से की सुरक्षा की मांग

अविकल थपलियाल

देहरादून। जिला अस्पताल पौड़ी के डॉक्टरों पर हुए जानलेवा हमले के विरोध मंे जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बुधवार को आधे दिन का कार्य बहिष्कार किया। डॉक्टरों ने काले फीते बांधकर विरोध जताया। हालांकि मरीजों के लिए इमजरेंसी सेवाएं संचालित रहीं। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक व डॉक्टरों ने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र लिखकर आरोपियों की गिरफतारी की मांग की है।पौड़ी कोतवाली में डॉक्टरों की षिकायत के बाद अभियोग पंजीकृत हो चुका है।

आरोपियों द्वारा रात में जिला अस्पताल आकर डॉक्टरों को अस्पताल मंे ही जान से मारने की धमकी व अस्पताल को बंद कराने की धमकी के बाद डॉक्टरों मंे भय का माहौल है। डॉक्टरों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है।

मारपीट में घायल चिकित्सक एस के सैनी


जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रशांत जैन ने जानकारी दी कि 28 फरवरी 2022 की रात कैलाश पीजी हॉस्टल के स्वामी गुंजन नेगी पुत्र मनवर सिंह नेगी, अंजलि नेगी, गुंजन नेगी के भाई मोंटी नेगी निवासी विकास मार्ग पौड़ी व 6-7 अन्य अज्ञात लोगों द्वारा डॉॅ राहुल सैनी व जिला अस्पताल पौड़ी के अन्य डॉक्टरों पर रॉड व धारधार हथियार से हमला किया गया।

गुंजन नेगी विकास मार्ग रोड पर कैलाश पीजी के नाम से हॉस्टल संचालित करता है। पौड़ी अस्पताल में कार्यरत स्थानीय निवासियों ने जानकारी दी कि गुंजन नेगी के भाई मोंटी नेगी का पौड़ी बाजार में होटल मानसरोवर है।

घटना की रात गुंजन नेगी, मोंटी नेगी व अन्य ने जिला अस्पताल पौड़ी के डॉक्टरों पर जानलेवा हमला किया। डॉ राहुल के सिर पर गम्भीर चोटें आई हैं। जिला अस्पताल की षिकायत पर कोतवाली पौड़ी में अभियोग पंजीकृत किया गया।

घटनाक्रम के बाद देर रात आरोपियों के दोबारा जिला अस्पताल में आने व डॉक्टरों को धमकाने से डॉक्टरों में डर व भय का माहौल है। गुंजन नेगी, अंजलि नेगी व भाई मौंटी नेगी ने डॉक्टरों को दोबारा हमले की धमकी दी है इसके चलते डॉॅक्टरों ने बुधवार को कार्य बहिष्कार किया।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रशांत जैन, डॉ सौरभ जुनेजा, डॉ श्रीषांक, डॉ माणिक, डॉ अभिनव व अस्पताल मैनेजर प्रमोद चौहान ने जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर सम्बन्धित अधिकारियांे को दोबारा लिखित शिकायत देकर हस्तक्षेप की मांग की है। डॉक्टरों के जिला अस्पताल के प्रतिनिधिमण्डल ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

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