साल के पहले दिन भी गूंजा अंकिता हत्याकांड, दून में निकाला कैंडल मार्च

पूर्व सीएम ने वीआईपी के मुद्दे पर फिर घेरा, कहा, वीआईपी को बचाया जा रहा है.. सीबीआई जांच की मांग

अंकिता हत्याकांड में वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग को लेकर हर माह की 1 तारीख को निकाला जाएगा कैंडल मार्च

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। नये साल 2023 के पहले दिन भी अंकिता हत्याकांड से जुड़ा वीआईपी का मुद्दा गरमाया रहा। देहरादून की सर्द शाम को कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकाल अंकिता हत्याकांड मामले में सरकार से कई सवाल किए।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में देहरादून के गांधी पार्क से अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड में सीबीआई जॉच एवं वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग को लेकर घंटाघर तक कैंडल मार्च निकाला  गया।


मार्च में भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए। अंकिता हम शर्मिदा हैं तेरे कातिल जिन्दा हैं, सीबीआई की जॉच कराओ अंकिता को न्याय दिलाओ, वीआईपी का नाम बताओं जैसे नारों  के साथ गांधी पार्क से शुरू हुआ कैंडल मार्च घंटाघर होते हुए गांधी जी की प्रतिमा के पास समाप्त हुआ।


उपस्थित लोगो में अंकिता हत्याकांड के तीन महीने बीत जाने के बावजूद भी वीआईपी के नाम का खुलासा न होने के कारण भारी आक्रोश देखने को मिला। आम जन राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जॉच से असंतुष्ट दिखी। धरने के दौरान मीडिया बन्धुओं से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि
भाजपा सरकार में उत्तराखण्ड राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।


रावत ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा सरकार में राज्य की कानून व्यवस्था लचर अवस्था में पहुॅच गयी है। आये दिन महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं घटित हो रही है। यमकेश्वर ब्लॉक के वंननतरा रिर्जोट में घटित अंकिता हत्याकांड जैसी विभत्स घटना से उत्तराखंड राष्ट्रीय पटल पर शर्मसार हो गया है। पौडी जिले की बेटी अंकिता भण्डारी जो मात्र अपनी मौत से 15 दिन पहले भाजपा सरकार में राज्य मंत्री रहे विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्या के रिजोर्ट में रिसेपसनिस्ट के पद पर नौकरी में लगायी गयी थी।

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उसका विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य ने मानसिक उत्पीडन किया तथा किसी वीआईपी को एकस्ट्रा सर्विस देने के लिए दबाव डाला। राज खुलने के डर से अंकिता को चीला नहर फेंक दिया जिस घटना को सुनकर हर किसी की रूह कांप गयी और घटना के तीन माह बीत जाने के बाद भी उत्तराखण्ड की सरकार और पुलिस प्रशासन मामले की लीपापोती में जुटे हैं। रावत ने अंदेशा जताया कि कहीं न कहीं जिस वीआईपी को बचाने का ऐड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा वो इतना बडा नाम है कि उसका खुलासा करने से भाजपा को बेनकाब होने का डर है।


रावत ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनायें लगातार बढती जा रही हैं। रावत ने बताया कि उन्होंने प्रदेश भर की मातृशक्ति का आहवाहन किया है कि वह हर वह माह कि 1 तारीख को अंकिता के लिए न्याय की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाल भाजपा सरकार पर वीआईपी के नाम के खुलासे को लेकर दबाव डालें।


रावत ने कहा भाजपा सरकार में अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। भाजपा नेता के बिना अनुमति के चल रहे रिजार्ट में राज्य की बेटी अंकिता भण्डारी के साथ हुई जघन्य अपराध की घटना इसका जीता जागता उदाहरण है। रावत ने कहा कि आज उत्तराखण्ड की बेटियां अपने ही राज्य में सुरक्षित नही है?

कैंडल मार्च में पूर्व सीएम हरीश रावत शामिल


रावत ने कहा कि अंकिता हत्याकाण्ड में बहुत सारे सवाल उलझे हुए हैं बहुत से ऐसे सवाल हैं जो अनुउत्तरित हैं। जैसे रिजोर्ट में बुलडोजर किसके आदेशों से चलाया गया, क्यों चलाया गया, रिजोर्ट को सील क्यों नही किया गया, रिजोर्ट में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में दो बार आग कैसे लग गयी। क्या इस लापरवाही के लिए किसी की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गयी?

उन्होंने कहा कि जबसे भाजपा सत्ता में आई है तब से राज्य की कानून व्यवस्था अपने निम्न स्तर पर पहुॅच चुकी है। भाजपा सरकार में न तो बच्चियॉ सुरक्षित हैं और न महिलाएं। पिछले छः माह के अन्दर राज्य में महिलाओं के साथ घटित घटनाएॅ इसका प्रमाण हैं। कहा कि राज्य के मैदानी जनपद ही नही अपितु पर्वतीय जनपदों में भी महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

रावत ने कहा कि बेटी पढाओं-बेटी बचाओं का नारा केवल भाजपा का चुनावी जुमला बनकर रह गया है। उन्होनें कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में यहां की महिलाओं का अतुलनीय योगदान रहा है तथा आन्दोलन में कई आन्दोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति तक दे दी थी। परन्तु आज जिस प्रकार भाजपा की सरकार में महिलाओं आये दिन बलात्कार एवं हत्या जैसे जघन्य अपराधों का शिकार हो रही हैं उससे पूरा उत्तराखण्ड अपने को शर्मशार महसूस कर रहा है। उन्होनें सरकार से मांग की है कि अंकिता भण्डारी प्रकरण के दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जॉच मा0 उच्च न्यायालय के न्यायधीश की निगरानी में हों ताकि वीआईपी का नाम उजागर हो सके और सत्य सबके सामने आ सके।

कैंडल मार्च में मुख्यत , मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, महिला प्रदेश उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल सेवादल प्रदेश अध्यक्ष हेमा पुरोहित,गोदावरी थापली,पार्षद उर्मिला थापा,मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह,प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, सुजाता पॉल महेन्द्र सिंह नेगी गुरूजी, राजकुमार,सुशील राठी, शान्ति रावत, परिणीता बडोनी ओमप्रकाश सती, शकील मंसूर, श्रीमती नजमा खान, शिवानी ,महावीर रावत, जसबीर रावत, चन्द्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, एमकेपी की नवनिर्वाचित अध्यक्ष बुशरा, सह सचिव सृजोत,सावित्री थापा,मंजू कुमारी,आरुषि सुंदरियाल,पुरुषोत्तम भट्ट,अनुराधा तिवारी साधना तिवारी तथा भारी संख्या में आम जन ने हिस्सा लिया।

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