संघ ने सीएम धामी को कहा सूची फर्जी। मुकदमा दर्ज। कहा घृणा, वैमनस्य का माहौल पैदा हुआ और लोक शांति भंग हुई।
वह सूची पूर्ण रूप से फर्जी, असत्य व कूटरचित है । तथा वे लोग उल्लिखित स्थान पर न तो कार्यरत है और न ही उनका किसी प्रकार का सम्पर्क व सम्बन्ध प्रान्त प्रचारक जी के साथ है- दिनेश सेमवाल प्रान्त कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखण्ड प्रान्त
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड के भर्ती घोटाले में उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव के रिश्तेदारों की नौकरी सम्बन्धी फर्जी सूची वॉयरल होने के बाद साइबर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 501/502 व 66 आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया। दरअसल, 16 सितम्बर से सोशल मीडिया में वॉयरल हो रही इस हाई प्रोफाइल सूची के बाद संघ से लेकर सीएम दरबार तक हलचल मच गई। fake list viral
इस सूची में यह बताने की खुली कोशिश की गई कि आरएसएस के प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव ने अपने 52 लोगों को उत्तराखंड के विभिन्न संस्थानों ,विभागों में नौकरी लगाई और लगभग डेढ़ दर्जन लोगों को खनन, शराब व अन्य निर्माण कार्यों के ठेके दिलाये गए।
वायरल हो रही कथित सूची में बाकायदा प्रान्त प्रचारक युद्धवीर के तमाम रिश्तेदारों के नाम दिए हुए हैं। और उनका युद्धवीर यादव से क्या रिश्ता है, यह भी साफ साफ बताया गया है। कथित ‘सूची’ में यह भी जानकारी दी गयी कि 2017 से 2022 के बीच युद्धवीर यादव के इन रिश्तेदारों की उत्तराखंड में नौकरी लगाई गई।
शुक्रवार को ‘लीक’ की गई यह सूची शनिवार तक प्रदेश के कोने कोने से लेकर सत्ता के गलियारे में धुआं उड़ाती चली गयी। ‘सूची’ की प्रतिक्रिया स्वरूप राजनीतिक व सामाजिक हलकों में भी तीखी बहस भी उमड़ने घुमड़ने लगी। इस कथित सूची के बाद बेरोजगारों का गुस्सा भड़कने की आशंका को भांपते हुए संघ के नेताओं ने सीएम दरबार में दस्तक दी। और शनिवार की सांय सीएम को सौंपे ज्ञापन में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि शब्द का कूटकरण कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा संघ के पदाधिकारीगण की ख्याति को चोट पहुँचाई और झूठी अफवाह फैलाई कि जिसमें समाज में संघ व उनके कार्यकर्ताओं के प्रति घृणा व वैमनस्य का वातावरण पैदा हुआ है और लोक शांति भंग की गई है।
मामले का संज्ञान लेते हुए सीएम धामी ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। और फिर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में धारा 501/505 आईपीसी व 66 आईटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया ।
सोशल मीडिया में वॉयरल होने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस फर्जी सूची को लेकर संघ पर हमला बोला।
सीएम से कार्रवाई की मांग करते संघ कार्यकर्ता
सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपा गया ज्ञापन
यह है संघ नेता युद्धवीर यादव के नाम से जारी कथित फर्जी सूची को लेकर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर दर्ज मुकदमा
एसटीएफ एसएसपी व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन प्रभारी अजय सिंह ने बताया कि आज दिनाक 17/9/22 को वादी श्री दिनेश सेमवाल प्रांत कार्यवाह आरएसएस उत्तराखंड प्रांत द्वारा एक एफआईआर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर दी गई जिसमे उत्तराखंड प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव द्वारा वर्ष 2017 से 2022 के मध्य पद का दुरुपयोग कर सरकारी नौकरी लगाने का फर्जी, कूटरचित दस्तावेज कुछ लोगो द्वारा भ्रामक सूची बनाकर फेक आईडी द्वारा सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है
उपरोक एफआईआर में कहा गया है की उपरोक्त फर्जी कूट रचित लिस्ट में उल्लेखनीय लोग न तो उक्त स्थान पर नियुक्त है न तो कार्यरत है।उपरोक्त भ्रमित खबर को फैला कर समाज में घृणा और वैमनस्य फैलाया जा रहा है
उपरोक्त सूचना पर सीसीपीएस देहरादून पर धारा 501/505 आईपीसी व 66 आईटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
साइबर क्राइम पुलिस की अपील
सोशल मीडिया पर कुछ लोगो द्वारा फेक न्यूज और फर्जी आईडी द्वारा भ्रामक खबरे प्रसारित की जा रही है,ऐसे लोगो को चिन्हित कर आवश्यक कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी और किसी भी ऐसे अपराधियो को बख्शा नही जायेगा जो लोक शांति और कानून का उलंघन करेंगे
यह है संघ नेता युद्धवीर यादव के रिश्तेदारों को उत्तराखंड में मिली नौकरी व शराब -खनन के ठेके से जुड़ी फर्जी सूची। संघ इस सूची की पड़ताल कर फर्जी करार दे चुका है। और “अविकल उत्तराखंड” भी सरकार से इस सूची की प्रमाणिकता की जांच की मांग करता है ताकि साजिश का पर्दाफाश हो व दोषी चिन्हित हों।
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