ऐसा वातावरण न बनाएं कि समूचा उत्तराखण्ड खतरे में है-सीएम धामी
जोशीमठ पहुंचकर मुख्यमंत्री ने की भू-धसाव से प्रभावित लोगों से मुलाकात. प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण.723 भवनों में दरारें.131 परिवार अस्थाई तौर पर विस्थापित
जेपी कालोनी में पानी का रिसाव कम हुआ-आपदा सचिव
अविकल उत्तराखण्ड
जोशीमठ। जोशीमठ संकट को देखते हुए सीएम धामी पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर एक बार फिर प्रभावित परिवारों के बीच पहुंचे। बुधवार को
जोशीमठ पहुंचे सीएम ने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें
केंद्र व राज्य सरकार की ओर से हर संभव सह
योग का भरोसा दिया।
सीएम ने कुछ महीने बाद शुरू होने वाली चारधाम यात्रा व अंतरराष्ट्रीय खेलों के आयोजन का जिक्र किया। और साफ कहा कि ऐसा वातावरण न बनाया जाय कि समूचा उत्तराखण्ड खतरे में है। धीरे- धीरे इस संकट से सकुशल निकलेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में चिन्हित सभी
भवनों को नहीं बल्कि सिर्फ दो होटल तोड़े जाएंगे
। यह कार्य सभी की सहमति से
किया जाएगा। सीएम ने कहा कि राहत एवं पुनर्वास के लिए कमेटी बना दी है
।
राहत एवं पुनर्वास ठीक तरीके से
किया जाएगा। सभी
प्रभावितों
को फौरी राहत के तौर पर अंतरिम राहत
पहुंचाएंगे।
मारवाड़ी स्थित जेपी कॉलोनी के समीप जहां पानी का रिसाव हो रहा है उसका स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि आज पानी आधे से भी कम हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके आज सुबह से ही अन्य जगह भी कार्यक्रम लगे थे लेकिन उन्हें लगा कि इस संकट की घड़ी में उन्हें जोशीमठ में प्रभावित भाई बहनों के साथ रहना चाहिए और वे यहां आ गये हैं, इस संकट की घड़ी में वे उनके साथ खड़े हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी इस संकट के समय हमारे साथ खड़े हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं
। उन्होंने कहा कि
आने वाले समय में यहां पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन होना है और कुछ समय बाद चार धाम यात्रा भी शुरू होनी है, इसलिए इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाये कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है
।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ के साथ-साथ उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी हम आंकलन करवाएंगे अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा।
मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम जोशीमठ में करेंगे
। प्रभावितों की हर संभव मदद के लिये जोशीमठ में कैम्प कर रहे उच्चाधिकारियों, आयुक्त एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
भू
धंसाव से प्रभावित लोगों से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कम्बल भी वितरित किये।
सचिव आपदा प्रबन्धन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास कार्यों के अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।
राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप में रू 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है
131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है
एन०डी०आर०एफ० की दो टुकड़ियां पूर्व से ही जोशीमठ में तैनात तथा एक अतिरिक्त टुकड़ी गौचर में तैयार रखी गई है। एसडीआरएफ की चार टुकड़ियां जोशीमठ में तैनात की गई है
सचिव आपदा प्रबन्धन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने बुधवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की ओर से एन०डी०आर०एफ० की दो टुकड़ियां पूर्व से ही जोशीमठ में तैनात हैं तथा एक टुकड़ी गौचर में तैयार रखी गई है। एसडीआरएफ की चार टुकड़ियां जोशीमठ में तैनात की गई है।
भारत सरकार द्वारा अपने विभिन्न तकनीकी संस्थानों को यह निर्देश दिये गये है कि जोशीमठ में घटित हो रही है आपदा के सम्बन्ध में की जा रही जांच / सर्वे की कार्यवाही को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाये। जेपी काॅलोनी में पानी का रिसाव कम हुआ है, जोकि एक राहत की खबर है।
जोशीमठ में 131 परिवार अस्थायी तौर पर विस्थापित
131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 462 है। अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 344 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 1425 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है । उन्हें चिहिन्त कर लिया गया हैं। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार रू 5000 की दर से घरेलू राहत सामग्री हेतु अभी तक कुल 53 ( कुल 2.65 लाख रूपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतुः 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप में रू 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है।
जनपद चमोली में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये धनराशि रू 11.00 करोड़ पूर्व में ही अवमुक्त की जा चुकी है। जोशीमठ में ड्रेनेज सम्बन्धित कार्यों तथा टो-इरोजन की रोकथाम हेतु तत्काल कार्य प्रारम्भ किये जाने के उददेश्य से ई०पी०सी० मोड में कार्य करवाने के लिये सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त करते हुये अग्रेत्तर कार्यवाही की जा रही है। जोशीमठ में आपदा प्रभावित एच०टी०/एल०टी० लाईनों एवं परिर्वतकों को स्थानान्तरित किये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को धनराशि रू 214.43 लाख अवमुक्त की जा रही है।
सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि अभी तक 723 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। गांधीनगर, सिंहधार, मनोहरबाग, सुनील क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 86 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।
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