राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून/नरेन्द्रनगर। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर प्रदेश भर के शिक्षण संस्थाओं में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। कण कार्यक्रमों में स्टूडेंट्स ने विज्ञान के प्रति अपनी रुचि को प्रदर्शित किया। गोष्ठी, चित्रकला,लेखन, वैज्ञानिक मॉडल, भाषण प्रतियोगिता के अलावा वेबिनार के जरिए विज्ञान दिवस पर सार्थक विचारों का आदान प्रदान किया गया। जनजाति कल्याण विभाग ने भी छात्रों के मध्य विभिन्न प्रतियोगिता आयोजित की।

नरेन्द्रनगर के धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय में किये गए कई कार्यक्रम आयोजित

नरेन्द्रनगर के धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवशीय कार्यक्रम के प्रथम दिन दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई । कार्यक्रम की समन्वयक डॉ रश्मि उनियाल द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम ‘एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एकीकृत दृष्टिकोण’ का परिचय कराया व सार्थकता को समझाया ।

कार्यक्रम में विज्ञान दिवश की विषय वास्तु पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गयाl भाषण प्रतियोगिता रिया भंडारी ने प्रथम शिवम् ड्यूडी ने द्वितीय नेहा जोशी ने तृतीय स्थान प्राप्त कियाl पोस्टर प्रतियोगिता में दीपक ड्यूडी एवं शिवानी चमोली ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त कियाl निबंध प्रतियोगिता में बी० ए० के छात्र अमित कुमार ने प्रथम स्थान प्राप्त कियाl क्विज प्रतियोगिता में बी० एस० सी० अंतिम वर्ष के छात्र शिवम् ड्यूडी प्रथम रहेl बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा सरिता नेगी ने “ये कौन चित्रकार है” गीत की प्रस्तुति दी।

बी० एस० सी० के छात्र शिव गांगुली व गुरप्रीत सिंह द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित स्वनिर्मित एप्लीकेशन का प्रारम्भिक स्वरूप प्रस्तुत किया व बताया कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे सामान्य जीवन में परिवर्तनकारी सिद्ध होने वाली हैl सभी के द्वारा इस प्रस्तुती को खूब सराहा गया ।

डॉ. विक्रम बर्तवाल ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर अपने विचार ‘बेहतर भविष्य बनाने के लिए विज्ञान का क्या योगदान है ’ पर प्रस्तुत कर बच्चों को प्रोत्साहित किया। डॉ विजय भट्ट द्वारा ने ‘वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर व विज्ञान का उपयोग करते समय प्रकृति को कोई नुकसान ना हो ’इस बात पर आकर्षित किया। प्रोफेसर जीतेन्द्र नौटियाल ने विज्ञान के आयामों का रोचक विश्लेषण प्रस्तुत एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया ।

डॉ. राजपाल रावत द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर हो रहे प्रथम दिवसीय कार्यक्रम का समापन करते हुए विद्यार्थियों के प्रयाशों को सराह व पुरस्कार वितरण किया ।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर हो रहे द्वितीय दिवसीय कार्यक्रम 28 फरवरी को आयोजित होगा जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर परिचर्चा की जायेगीl

इस अवसर पर डा० सपना कश्यप, डा० सोनी तिलारा, डा० नताशा , डा० शैलजा रावत, डा० चंदा टी० नौटियाल, डा० हिमांशु जोशी, मुनेन्द्र कुमार एवं समस्त संकायों के छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.

इसके अलावा
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के आखिरी दिन धर्मानन्द उनियाल, राजकीय महाविध्यालय नरेंद्र नगर, टिहरी गढ़वाल तथा राजकीय स्नातकोत्तर महाविध्यालय गोपेश्वर, चमोली द्वारा संयुक्त रूप से एक राष्ट्रीय स्तर के।वेबिनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार का थीम Integrated approach in.Science and technology For sustainable. future.था।कार्यक्रम समन्वय डॉक्टर रश्मि उनियाल द्वारा स्वागत ज्ञापन।प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।डॉक्टर उनियाल ने कहा कि यह तकनीकी का ही करिश्मा है कि उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे छात्र भी इस वेबिनार के माध्यम सेराष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थानों सेविभिन्न श्रोताओं के विचार सुन पाएंगेऔरनिश्चय ही उससे लाभान्वित होंगे। भारतीय ताराभौतिकी संस्थान(IIA),बेंगलुरुके वैज्ञानिक डॉक्टर एम सी कार्तिक नेब्रह्मांड में तारों कीगति।और उनसे संबंधित विभिन्न तथ्यों को।रोचक तरीके से प्रस्तुत किया और साथ ही युवाओं के लिए एस्ट्रो फिजिक्स में शोध की विभिन्न संभावनाओं की भी विस्तार से जानकारी दी।
ऋषिकेश कैंपस श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव ने सतत ऊर्जा के।श्रोत के लिए हाइड्रोजन ऊर्जा के विकल्प पर विस्तृत चर्चा की। इस चर्चा में ऊर्जा के लिए वर्तमान में मौजूद विकल्पों के साथ ही ग्रीन टेक्नोलॉजी पर भी श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया गया।


दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टीआर शेषाद्री ने ऐस्ट्रोफिज़िक्स की दुनिया में हुई कुछ अकस्मात किंतु अतिमहत्वपूर्ण खोजों के बारे में जानकारी दी।और साथ ही विद्यार्थियों को सतत् परिश्रम के लिए प्रेरित किया।
प्रख्यात इकोलॉजिस्ट प्रोफेसर जीएस रजवार ने अपने वक्तव्य में उत्तराखंड में युवाओं के लिए स्वरोजगार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार न सिर्फ स्वयं के बल्कि प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए बुनियादी जरूरत है।


धर्मानन्द उनियाल, राजकीय महाविध्यालय नरेंद्र नगर के बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र शिव गांगुली तथा द्वितीय वर्ष के छात्र गुरप्रीत सिंह द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक स्वनिर्मित एप्लिकेशन का भी प्रदर्शन किया गया। इस एप्लिकेशन के निर्माण के लिए इन छात्रों ने पाइथन कंप्यूटर भाषा का प्रयोग किया है। छात्रों को उपस्थित अतिथियों ने खूब सराहा और एप्लिकेशन को और अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।


ARIES की वैज्ञानिक डॉक्टर नीलम पवार ने एस्ट्रोनॉमी के एक विषय के रूप में विकास और उसके साथ ही मानव के विज्ञान की समझ के विकास क्रम पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही उन्होंने बताया किस प्रकार विज्ञान व्यक्तिगत, संस्थागत, राष्ट्रीय तथा वैश्विक स्तर पर विकास के लिए आधारभूत है।


DaDU इथियोपिया के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर विनोद कुमार ने सतत ऊर्जा के विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा के प्रयोग की दिशा में विभिन्न सोलर सेल डिवाइसेस के निर्माण और उनसे संबंधित भौतिकी पर महत्वपूर्ण तथ्यों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया।
CSIR-AMPRI भोपाल के वैज्ञानिक डॉक्टर तिलक जोशी ने अपने संस्थान के परिचय के साथ यह बताया कि CSIR-AMPRI के मुख्य उद्देश्यों में विज्ञान के प्रति जागरूकता को जनमानस में फैलाने के साथ ही उनके जीवन स्तर को उठाने का प्रयास करना भी है। डॉक्टर जोशी ने इंडस्ट्रियल प्रयोग के लिए विभिन्न ऊर्जा अवशोषित मेटल्स के निर्माण एवं अनुप्रयोग की विस्तृत जानकारी दी।


अंत में डॉ दिनेश चंद्र सती ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। वेबिनार में दोनों संस्थानों के प्राध्यापक तथा विद्यार्थियों के साथ ही विभिन्न शोध संस्थानों से शोधार्थी भी सम्मिलित हुए। डॉक्टर रश्मि उनियाल, समन्वयक, डॉक्टर प्रियंका उनियाल, सह समन्वयक तथा डॉक्टर दिनेश चंद्र सती ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी के रूप में सक्रिय रूप से कार्यरत रहे।

जनजाति छात्राओं ने चित्रकला व रचनात्मक लेखन में हिस्सा लिया

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर जनजाति कल्याण विभाग, उत्तराखंड के अंतर्गत जनजाति शोध संस्थान, देहरादून, उत्तराखंड के द्वारा उत्तराखंड के सभी जनजाति छात्राओं हेतु चित्रकला एवं रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सिंगल प्लास्टिक के विरुद्ध सभी छात्र-छात्राओं ने समाज को इसके दुष्पाकी के बारे में अवगत कराते हुए अपने वातावरण से सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने कापना लिया है

जनजाति विभाग के निदेशक संजय सिंह टोलिया ने कहा कि जनजाति समाज हमेशा से ही प्रकृति के सबसे करीब रहा है और इस राष्ट्रव्यापी मुहिम मैं एक आवश्यक भूमिका निभा सकता है। हमारे प्रयास से समाज में इस विषय पर जागरूकत बढ़ेगी और भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को एक जनभागीदारी मुहिम के रूप में विकसित किया जा सकेगा।

जनजाति कल्याण विभाग के अपर निदेशक योगेंद्र रावत ने कहा की राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित इस प्रतियोगिता का यह उद्देश्य है की छात्र छात्राओं को वैज्ञानिक रूप से इस समस्या का निदान खोजने हेतु प्रेरित किया जाए। विभाग द्वारा आने वाले निकट भविष्य में इस संबंध में एक विस्तृत कार्यक्रम भी चलाया जाएगा जिसमे समाज के सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

जनजाति शोध संस्थान के शोध अधिकारी श्री राजीव सोलंकी ने बताया कि इस कार्यक्रम में विभागान्तर्गत सभी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं राजकीय जनजाति छात्रावास के सभी छात्र छामाओं ने हजारों की संख्या में प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता में जीतने वाले सभी छात्र छात्राओं को विभाग द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।

रा0 क0 उ0 मा0 विद्यालय चकजोगीवाला, डोईवाला ब्लॉक देहरादून में छात्राओं ने कई वैज्ञानिक मॉडल बनाये

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सोमवार की सुबह उत्त्तराखण्ड छात्रों का एक और ग्रुप भारत पहुंचा

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