उत्तराखंड के प्रदीप लेखवार को राष्ट्रपति ने रजत कमल से सम्मानित किया

68 वें रास्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार – नॉन फिक्सन डॉक्यूमेंट्री फिल्म “जादुई जंगल” को ऑन लोकेशन साउंड रिकॉर्डिंग श्रेणी में “रजत कमल”

जयप्रकाश पंवार “जेपी”, चैनल माउंटेन

चैनल माउंटेन से अपनी फिल्म, टेलीविजन, रेडियो एवं न्यू मीडिया की यात्रा शुरू करने वाले हमारे युवा साथी प्रदीप लेखवार को हाल ही में 68 वें रास्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार के तहत नॉन फिक्सन डॉक्यूमेंट्री फिल्म “जादुई जंगल” को ऑन लोकेशन साउंड रिकॉर्डिंग श्रेणी में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा “रजत कमल” प्रदान कर रास्ट्रीय पुरुस्कार से सम्मानित किया गया हैं.

प्रदीप लेखवार, सांकरी गांव, थौलधार, टिहरी से 12 वीं पास कर सन 2007 में रोजगार की तलाश में देहरादून पहुंचे, ठिकाना बना चैनल माउंटेन कार्यालय . फिल्ममेकिंग के अनेक पक्षों के प्रशिक्षण के पश्चात, प्रदीप ने मेरे साथ एक विद्यार्थी व सहयोगी की तरह बड़ी मेहनत व लगन के साथ काम किया.

एक बेहतरीन वीडियो एडिटर, कैमरामैन, साउंड एडिटर, विजुअल इफ़ेक्ट के रूप में प्रदीप ने दर्जनों डॉक्यूमेंट्री फिल्म, दूरदर्शन पर प्रसारित “पहाड़नामा”, विज्ञापन फिल्मों में मुख्य वीडियो संपादक की भूमिका निभाई. चैनल माउंटेन के साथ काम करते – करते प्रदीप ने अपना ग्रेजुएशन, पत्रकारिता व जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पूर्ण किया.


सन 2014 में प्रदीप को मध्य प्रदेश की “एस. पी. एस. कम्युनिटी मीडिया” संस्थान का ऑफर मिला व वे मध्य प्रदेश चले गये. यह संस्थान आदिवासियों के जन जीवन पर फिल्मों के निर्माण व उनके विकास के लिये समर्पित संस्था है. प्रदीप को यंहा “रास्ट्रीय फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान” के एलुमनाई श्री शोभित जैन व नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिजाईन की एलुमनाई श्रीमती पिंकी ब्रह्मा चौधरी के मार्गदर्शन में अपने हुनर को और निखारने का मौका मिला, परिणाम सामने है. प्रदीप के साथ-साथ उनके सहयोगी साथी श्री संदीप भाटी को भी यह पुरूस्कार प्राप्त हुआ है.

भले ही यह पुरूस्कार युवा प्रदीप लेखवार को मिला है, लेकिन यह पूरे उत्तराखंड राज्य के लिये गौरव का क्षण हैं. प्रदीप ने यह सूचना मुझे कल ही बताई, लेकिन जिस तरह इस क्षण को पूरे उत्तराखंड में सैलिब्रैट किया जाना चाहिए था वह नहीं हो पाया. उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद् के अधिकारीगन इस समारोह में “फिल्म फ्रेंडली स्टेट” अवार्ड लेने गए थे लेकिन वे प्रदीप की इस उपलब्धि को नोटिस नहीं कर पाए. शायद यद उनको जानकारी नहीं थी.

प्रदीप की उपलब्धियां उसकी अपनी मेहनत जरुर है, लेकिन वह पहाड़ – उत्तराखंड का युवा है, जो हजारों युवाओं को प्रेरित कर सकता है, कर चुका है. को उत्तराखंड सरकार सम्मानित करे. एक बार प्रदीप लेखवार व उसकी संस्था के सहयोगियों को बहुत बहुत बधाई. आगे बढ़ते रहो…..साधुवाद

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