महंत इंद्रेश अस्पताल में अब दांतों के इलाज के लिए आधुनिकतम तकनीक

अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त श्री महंत इंदिरेश अस्पताल
का नवनिर्मित दंत रोग विभाग जनसेवा में समर्पित


अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने दंत रोग विभाग के डॉक्टरों व पूरी टीम को दी बधाई
एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने किया सेंटर का शुभारंभ

अविकल उत्तराखंड


देहरादून । श्री महंत इंदिरेश अस्पताल का नवनिर्मित दंत रोग विभाग आमजन की सेवा के लिय पूरी तरह तयार है। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में दंत रोग विभाग वर्ष 2002 से संचालित है, लेकिन अब यह विभाग नए कलेवर में सभी अल्ट्रा मॉडर्न मशीनों व मॉडर्न तकनीकों के साथ अपडेट कर जनसेवा के लिय समर्पित कर दिया गया है। सोमवार से मरीजों को नए दंत रोग विभाग की सेवाओं का लाभ मिलने लगा है। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने दंत रोग विभाग की पूरी टीम को बधाई दी।


सोमवार को श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के प्राचार्य डॉ यशबीर दीवान ने अस्पताल के नए दंत रोग विभाग विंग का शुभारंभ किया। प्राचार्य डॉक्टर यशबीर दीवान ने कहा कि दंत रोग विभाग को सभी मॉर्डन आवश्यकताओं के अनुकूल तैयार किया गया है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को आधुनिक मशीनों व कुशल दंत चिकित्सकों की टीम की देखरेख मंे सभी प्रकार के दंत प्रोसीजर मरीजों को उपलब्ध होंगे।
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय पंडिता ने कहा मेडिकल सेवाओं के अन्तर्गत अन्य विभागों की भांति दंत रोग चिकित्सा में भी कई मॉर्डन तकनीकें आ चुकी हैं, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के दंत रोग विभाग में उपलब्ध हैं।


दंत रोग विभाग की प्रमुख डॉ भावना मलिक ने जानकारी दी कि दांतों की जटिल से जटिल बीमारियों के इलाज की सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। सामान्य दंत उपचार जैसे दांतों की सफाई के साथ साथ, आरसीटी के साथ ही कॉस्मैटिक दंत चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है। मुंह के कैंसर का उपचार, दांतों के टयूमर, जबड़ों के टयूमर के उपचार की सुविधा उपलब्ध है।

दुर्घटना के कारण दांतों, जबड़े पर चोट या फ्रैक्चर के उपचार की सुविधा के साथ ही ज्वाइंट्स की समस्याओं के उपचार की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके साथ ही मसूढ़ों से सम्बन्धित सभी बीमारियां सिकुड़े मसूड़े, मसूड़ों में जलन या अल्सर तथा पाइरिया का इलाज विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। पाइरिया या अन्य कारणों से जबड़े की गली हुई हड्डी का उपचार ग्राफ्टिंग तथा फ्लैप सर्जरी द्वारा किया जाता है। उखड़े हुए दांतों को वापिस लगाने (ट्रांस्प्लांटेशन) से लेकर जबड़े में फंसे दातों को निकलवाने का इलाज भी उपलब्ध है।


दंत रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ भावना मलिक ने कहा कि मॉर्डन दंत चिकित्सा के अन्तर्गत हमने दंत रोग विभाग में आधुनिक आरवीजी तकनीक (रेडियो विजियोग्राफी) को भी शामिल किया है। इस तकनीक से दातों के एक्स-रे अत्याधुनिक तकनीक से किये जाते हैं, इसमें बहुत कम रेडिएशन होता है। इसके अलावा मॉर्डन दंत उपचार के अन्तर्गत ग्राफ्टिंग, टेढे़ मेढ़े दांतों का इलाज (ब्रेसिस) सहित जिरकोनिया कैप तथा कृत्रिम दांत लगाए जाने की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी।

इस अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉ आर.पी. सिंह, चीफ प्रोक्टर कम स्पोक्सपर्सन, मनोज तिवारी, एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ पुनीत ओहरी, दंत रोग विभाग की डॉ हिमानी पैनयूली, डॉ रिक चटर्जी व श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एंड हैल्थ साइंसेज एवम् श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, डॉक्टर, फेकल्टी, स्टाफ व मेडिकल छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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