विश्व श्रवण दिवस – बहरेपन की समस्या व शोर प्रदूषण पर एक्सपर्ट ने किया मंथन

मीजिल्स एवं रूबेला की रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध

विश्व श्रवण दिवस पर बधिरता रोकथाम हेतु वेबिनार का आयोजन

अविकल उत्तराखण्ड


देहरादून. विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर एन.एच.एम. द्वारा राज्य स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा एन.एच.एम. के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रतिनिधियों, कर्मचारियों को बधिरता रोकथाम हेतु धरातल पर जनजागरुकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने हेतु कार्य करने पर बल दिया। उन्होंने प्रतिभागी डॉक्टरों को बधिरता के संबंध में बच्चों की स्क्रीनिंग आवश्यक रुप से किए जाने हेतु निर्देशित किया।


विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार कार्यक्रम का शुभारंभ एन.एच.एम. निदेशक डॉ. सरोज नैथानी द्वारा किया गया। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व श्रवण दिवस की थीम “कान एवं सुनने की शक्ति की देखभाल आओ इसे मिलकर सार्थक बनाए” रखी गई है। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी डॉ. पकंज कुमार सिंह ने किया ।


वेबिनार में मुख्य वक्ताओं डॉ. आलोक जैन सीनियर ई.एन.टी. सर्जन प्रेसिडेंट उत्तराखंड स्टेट ई.एन.टी. सर्जन एसोसिएशन, डॉ. मनु मलहोत्रा हेड ईं.एन.टी. एम्स ऋषिकेश, डॉ. अनूप कौशल हेड नेक सर्जन व सीनियर ई.एन.टी, डॉ. वी.एस. टोलिया निदेशक राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के द्वारा वेबिनार में जुड़े हेल्थ वर्कर्स एवं डॉक्टर को बधिरता के प्रारंभिक रोकथाम व नियंत्रण एवं प्राथमिक स्तर पर बधिरता की पहचान करते हुए संभावित उपचार के बारे में बताया गया।


वेबिनार पर लोगों को बहरेपन की समस्या के कारण और निवारण के प्रति जागरूक और सचेत करने पर जोर दिया गया। इसके साथ यह जानकारी दी गई कि कैसे अपने कान के स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते हैं।


विश्व श्रवण दिवस का उद्देश्य बहरेपन की समस्या से लोगों को जागरूक करना व इससे ग्रस्त लोगों का उपचार करना है तथा ऑडियो उपकरणों के असुरक्षित उपयोग यानी नॉइज पॉल्युशन के प्रति लोगों को सचेत करना है।

मीजिल्स एवं रूबेला की रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य में पूर्व में समस्त नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को लक्ष्य मानते सम्पूर्ण राज्य में माह अक्टूबर, 2017 से जनवरी, 2018 तक मीजिल्स रूबेला वेक्सीनेशन अभियान आयोजित किया गया। जिसमें 2835658 लक्षित बच्चों के सापेक्ष 2876211 बच्चों को लाभान्वित किया गया।

भारत सरकार द्वारा देश में पुन: मीजिल्स तथा रूबेला का उन्मूलन पर वर्ष 2023 तक नियंत्रण प्राप्त किये जाने हेतु संकल्प किया गया है। जिस हेतु राज्य खसरा और रूबेला युक्त टीकों (MRCV) की दोनों खुराक के लिए 95: कवरेज को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा खसरा रूबेला वैक्सीन 1st डोज कवरेज (एनएफएचएस-5 के अनुसार) के बेसलाइन डेटा के आधार पर राज्यों को Very High Risk (Outbreak reporting Districts), High Risk, Medium Risk de Low Risk # वर्गीकृत किया गया है। जिसमें उत्तराखण्ड राज्य Medium Risk में वर्गीकृत है।

एम०आर० उन्मूलन हेतु राज्य द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2023 को स्टेट टास्क फोर्स की एक दिवसीय बैठक सचिव, स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। जिसमें राज्य स्तर से निदेशक, एन.एच.एम., राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी, प्रतिरक्षण टीम प्रभारी अधिकारी, आई.ई.सी, प्रभारी अधिकारी, आई.डी.एस.पी. प्रभारी अधिकारी आई.टी तथा जनपद देहरादून, हरिद्वार नैनीताल, टिहरी एवं उधमसिंह नगर के जिला अधिकारी / सहायक जिला अधिकारी एवं स्टेट टास्क फोर्स के सदस्यों (निदेशक पंचायतीराज निदेशालय, देहरादून, निदेशक, महिला एवं बाल विकास, नन्दा की चौकी, चकराता रोड, देहरादून, निदेशक (विद्यालय शिक्षा). उत्तराखण्ड, अध्यक्ष, आई०एम०ए०, देहरादून, उत्तराखण्ड, अध्यक्ष, आई०ए०पी०, देहरादून उत्तराखण्ड, निदेशक (चिकित्सा शिक्षा), उत्तराखण्ड) और स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय संस्था यू०एन०डी०पी०, जे०एस०आई० तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भौतिक रूप से एवं शेष सदस्यों द्वारा virtual माध्यम से प्रतिभाग किया गया।

सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा एम०आर० उन्मूलन के लिए 9 माह से 05 वर्ष तक के समस्त बच्चों को (Left out/drop out) MR1, MR2 डोज के कवरेज को 95% कवरेज तथा गैर-खसरा, गैर-रूबेला discard rate (NM, NR) के वांछित बेंचमार्क को प्राप्त करने हेतु surveillance प्रचार-प्रसार करने तथा MR outbreak वाले क्षेत्रों में 9 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को एक अतिरिक्त डोज से आच्छादित किये जाने हेतु विशेष ध्यान दिये जाने हेतु अवगत कराया गया। साथ ही विभाग के साथ विभागाध्यक्षों एवं प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय संस्था यू०एन०डी०पी० जे०एस०आई० तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एम०आर० उन्मूलन में सहयोग प्रदान किये जाने हेतु अपेक्षा की गयी है। जिससे की टीकाकरण के कवरेज को व्यापक पैमाने पर बढावा दिया जा सके।

बैठक के दौरान डा० सरोज नैथानी निदेशक एन.एच.एम. द्वारा बताया गया कि एम०आर० उन्मूलन के लिए 9 माह से 05 वर्ष तक के समस्त बच्चों को (Left out / drop out) MR1, MR2 डोज की खुराक हेतु जनपदों में संचालित विशेष टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से प्रदान की जा रही है।

राज्य का प्रयास यह है कि मीजिल्स का उल्मूलन तथा रूबेला पर वर्ष 2023 तक नियंत्रण प्राप्त किया जा सके। जिस सम्बन्ध में विभाग द्वारा दिशा निर्देश जनपदों एवं विभागाध्यक्षों को प्रेषित किये जा चुके हैं।

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