.. बिजली वाले चुनावी साल में सरकार को देंगे झटका, हड़ताल की बनी रणनीति

26 जुलाई की मध्य रात्रि से बेमियादी हड़ताल पर जाएंगे बिजली कर्मचारी

ग्रेड पे 4600 के मुद्दे पर पुलिसकर्मियों के परिजन आज रविवार को गांधी पार्क में देंगे धरना प्रदर्शन। शासन-सत्ता में हलचल

चुनावी साल में प्रदेश में हड़ताल का सिलसिला बढ़ने से सरकार को कई मोर्चों पर जूझना पड़ेगा। कई संगठन।पहले से ही कमर कसे हुए हैं । जबकि अब बिजली कर्मचारी संगठन भी आर पार की लड़ाई करने जा रहे है। नये नये ऊर्जा मंत्री बने हरक सिंह रावत के लिए यह हड़ताल विशेष चुनौती खड़ी करने जा रही है।

एसीपी की व्यवस्था को लेकर कोई आदेश जारी नहीं होने से नाराज हैं विद्युत कर्मचारी संगठन

अविकल उत्त्तराखण्ड


देहरादून। बिजली विभाग की होने वाली हड़ताल सरकार के लिए परेशानी का सबब बनने जा रही है। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के विभिन्न घटक संगठनों/एसोसिएशनों ने 26 जुलाई की मध्य रात्रि से प्रस्तावित हड़ताल की रणनीति बनाई।

यह बैठक शनिवार को यमुना कॉलोनी स्थित हाइड्रो इलेक्ट्रिक एंप्लाइज यूनियन के कार्यालय में आहूत की गई।


सभा में वक्ताओं ने शासन व प्रबंधन के नकारात्मक रवैए पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि लगातार कई वर्षों से संघर्ष के बाद भी कर्मचारियों की 9, 14, 19 वर्ष की एसीपी की व्यवस्था को लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ।

संविदा कार्मिकों के नियमितिकरण व समान कार्य समान वेेतन की मांग पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अतिरिक्त ऊर्जा निगमों में इंसेंटिव एलाउंसेस का रिविजन और अनेक समस्याएं भी लंबित हैं, जिस कारण मोर्चा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 27 जुलाई की प्रथम पाली अर्थात 26 जुलाई की मध्य रात्रि से अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य है। वक्ताओं ने शासन से अपील की कि तत्काल कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जाए अन्यथा की 27 जुलाई की प्रथम पाली से तीनों ऊर्जा निगम में सम्पूर्ण हड़ताल तय है।


उल्लेखनीय है कि ऊर्जा निगम के कार्मिक पिछले चार वर्षा से एसीपी की पुरानी व्यवस्था तथा उपनल के माध्यम से सेवायोजित सांविदा कार्मिकों के नियमितीकरण एवं समान कार्य हेतु समान वेेतन को लेकर लगातार शासन-प्रशासन से वार्ता कर रहे हैं। वर्ष 2017 में ऊजा निगम के कार्मिक आंदोलनरत थे तब 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ परंतु आज तक उस समझौते पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ऊर्जा निगम के कार्मिक इस बात से क्षुब्ध हैं कि सातवें वेतन आयोग में उनकी पुरानी
चली आ रही 9-5-5 की एसीपी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया, जो कि उन्हें उत्तर प्रदेश के समय से ही मिल रही थी। यही नहीं पे मैट्रिक्स में भी काफी छेड़खानी की गई। इससे पूर्व कार्मिक संघटन मुख्यमंत्री के आश्वासन तथा कोविड के कारण जनहित को देखते हुए 27 मई 2021 की अपनी हड़ताल स्थगित कर चुके हैं। कर्मचारियों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन एवं पत्र के द्वारा शासन और प्रबंधन से अपील की जाती रही है लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं होने के कारण आांदोलन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।

मोर्चे द्वारा सभी घटक
संगठनों/एसोसिएशनों से अपील की गई है कि सभी अपने-अपने सदस्यों को, चाहे नियमित हों अथवा उपनल सांविदा या फिर स्वयं सहायता समूह के कर्मचारी हों, की हड़ताल को सफल बनाने में शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करें।


सभा की अध्यक्षता प्रदीप कंसल तथा संचालन मोर्चा के संयोजक इंसारूल हक ने किया। सभा में जगदीश चंद्र पंत, डीसी ध्यानी, विनोद कवि, कार्तिकेय दुबे, दीपक बेनीवाल, अमित रंजन, भानुप्रकाश जोशी, गोविन्द प्रसाद नौटियाल, प्रमोद नरेंद्र नेगी, नीरज तिवारी, प्रदीप प्रकाश शर्मा, सोहनलाल शर्मा आदि मौजूद थे।

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