बाल मित्र थाना जहां बच्चों को मिलेंगे डोरिमोन, छोटा भीम, मोगली और कई दोस्त

मुख्यमंत्री ने किया राज्य के पहले बाल मित्र थाने का शुभारम्भ

एक करोड़ के रिवॉल्विंग फंड की घोषणा

बच्चों की सुरक्षा के लिए एक करोड़ रूपये की रिवॉल्विंग फण्ड की व्यवस्था की जायेगी-सीएम

सभी जिलों में बाल मित्र पुलिस थाना खोला जायेगा

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून।
देहरादून के थाना डालनवाला में राज्य का पहला बाल मित्र पुलिस थाना शुरू हो गया है। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस बाल मित्र पुलिस थाने का उदघाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों की सुरक्षा के लिए एक करोड़ के राहत कोष की घोषणा की।

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पीड़ित, आगंतुक या किसी घटना से जुड़े बच्चे जब थाने में आते हैं तो वह डर जाते हैं। उनके मन से यही बात निकालने के उद्देश्य से बाल मित्र पुलिस थाने बनाया गया है। इससे थाने के नाम से बच्चों के मन में जो भय रहता है, वह दूर होगा। यहां बच्चों की बहुत ही प्यार से काउंसलिंग भी की जाएगी। प्रदेश के सभी जनपदों के एक-एक थाने में बाल मित्र थाना बनाए जाएंगे और यह प्रयोग सफल होने पर सभी थानों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।

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बच्चों को यहां घर जैसा माहौल देने का प्रयास किया जाएगा। यहां उन्हें खेलने, पढ़ने आदि की सुविधा मिलेगी। आवश्यकता पड़ने पर काउंसलिंग की जाएगी। बच्चों को बेहतर माहौल देने के लिए थाने की दीवारों पर कार्टून और परिसर में खेल के सामान भी रखे गए हैं। थाने में बच्चों को तनाव मुक्त रखने के लिए प्रेरक प्रसंग वाली पुस्तकें भी उपलब्ध होंगी। साथ ही इस कमरे में पुलिस कर्मी सादे वस्त्रों में मौजूद रहेंगे, ताकि उन्हें देखकर बच्चे डरने की बजाय आराम से बैठ सकें।

       मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में बाल मित्र थाने के रूप में उत्तराखण्ड में एक नई शुरूआत की गई है। यह पुलिस का एक महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को जिस माहौल में ढ़ालना चाहें, वे उस माहौल में ढ़ल जाते हैं। इसलिए बच्चों को बेहतर माहौल मिलना जरूरी है।

बाल मित्र पुलिस थाने से लोगों को ये लगे कि बच्चों के संरक्षक आ रहे हैं। जो बच्चे अनजाने में अपनी दिशा से भटक जाते हैं, इन थानों के माध्यम से इनको सही दिशा देने के प्रयास किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निराश्रित बच्चों के लिए सरकारी सेवाओं में 05 प्रतिशत  तथा दिव्यांगजनों के लिए भी 04 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

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       उत्तराखण्ड बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ऊषा नेगी ने कहा कि पुलिस के सहयोग से प्रदेश के सभी 13 जिलों में बाल मित्र पुलिस थाने खोले जायेंगे। इन थानों में बच्चों के काउंसलिग की व्यवस्था भी की जायेगी। उन्हें कहा कि इसके लिए पुलिस विभाग को 13 लाख रूपये दिये जायेंगे।
       पुलिस महानिदेशक  अशोक कुमार ने कहा कि बाल मित्र पुलिस थाना उत्त्तराखण्ड पुलिस uttarakhand।police ने नई मुहिम शुरू की है। हर थाने को महिला एवं चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाय। इससे थाने के नाम से बच्चों के मन में जो भय रहता है, वह दूर होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में ऑपरेशन ‘मुक्ति’ के तहत लगभग 2200 बच्चे चिन्हित किये गये। इनको सड़को से भीख मांगने के प्रचलन से बाहर निकाला गया। इस अभियान के तहत ‘भिक्षा नहीं शिक्षा दो’ की मुहिम चलाई गई। आज इनमें से अधिकांश बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।
       इस अवसर पर मेयर  सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री खजानदास, महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया बड़थ्वाल, सचिव  विनोद रतूड़ी, श्री एच.सी सेमवाल, डीआईजी गढ़वाल श्रीमती नीरू गर्ग, जिलाधिकारी  आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी डॉ. वाई.एस. रावत आदि उपस्थित थे।

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