भू माफिया को संरक्षण दे रही त्रिवेंद्र सरकार-गरिमा दसौनी
उत्तराखण्ड परिवहन विभाग की 7 सौ करोड़ की देनदारी उत्तर प्रदेश पर
13 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि एवं 4 हजार से अधिक भवनों पर यूपी का कब्जा
हरिद्वार में 697 हेक्टेयर मेला भूमि, भीमगौड़ा बैराज, बनबसा का लोहिया हेड बैराज, कालागढ़ का रामगंगा बैराज अभी भी उत्तर प्रदेश के कब्जे में है।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी-उत्त्तराखण्ड परिसम्पत्ति निपटारे पर जनता को गुमराह कर गए। जबकि 20 साल बाद भी कई परिसंपत्तियों का मामला अभी भी उलझा हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि यह सब योगी ने उत्त्तराखण्ड के सीएम की मौजूदगी में कहा।
दसौनी ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले दिनों बद्रीनाथ- केदारनाथ आये थे और इसी दौरान उत्तराखण्ड सरकार ने जनता की आंखों में धूल झोंकते हुए बद्रीनाथ हैलीपैड़ के बगल में 20 नाली भूमि उत्तर प्रदेश के पर्यटन गृह के निर्माण हेतु दे दी। हद तो तब हो गई जब इस पर्यटन गृह के शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच परिसम्पत्तियों के सारे विवाद निपटा लिये गये हैं।
हैरतअंगेज बात यह है कि उस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत भी वहाॅ मौजूद थे, योगी आदित्यनाथ के इतने बड़े झूठ पर भी वह मौन धारण कर आपत्ति तक दर्ज नही करा पाये।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का उत्तराखण्ड के सिंचाई विभाग के 13 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि एवं 4 हजार से अधिक भवनों पर कब्जा है। हरिद्वार का कुंभ मेला क्षेत्र जहाॅ कावड़ मेला लगता है वहाॅ की 697.05 हेक्टेयर मेला भूमि पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का कब्जा है जिसे लौटाने पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग साफ इंकार कर चुका है। उत्तराखण्ड की आवास-विकास की भूमि को लौटाने के बजाय उत्तर प्रदेश खुद उस भूमि का मालिक बने रहना चाहता है। दसौनी ने कहा कि हरिद्वार का भीमगौड़ा बैराज, बनबसा का लोहिया हेड बैराज, कालागढ़ का रामगंगा बैराज अभी भी उत्तर प्रदेश के कब्जे में है।
टिहरी डैम के जिस हिस्से का मालिक उत्तराखण्ड का होना चाहिए था उत्तर प्रदेश अभी भी उसका मालिक बना हुआ है और करीब 1 हजार करोड़ सालाना राजस्व ले रहा है। इतना ही नही 11 विभागों की भूमि, भवन तथा उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर कई अन्य परिसम्पत्तियों पर उत्तर प्रदेश का कब्जा है।
उत्तराखण्ड परिवहन विभाग की 7 सौ करोड़ की देनदारी उत्तर प्रदेश पर है जिस कारण उत्तराखण्ड परिवहन विभाग भारी आर्थिक संकट में है।
दसौनी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बाहरी लोगों के जमीन खरीद पर जो रोक लगाई गई थी, त्रिवेन्द्र सरकार ने भू-कानून में संशोधन करके जमीन की खरीद फरोख्त पर लगी बंदिशें हटाकर जमीन हडपने की खूली छूट दे दी है। यही नही, धारा 143 के तहत कृषि भूमि का भू उपयोग को बदलने की जो प्रतिबंध थे, उन्हें भी समाप्त कर दिया गया है।
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के साथ ही हैलीपेड़ के नजदीक प्राईम लोकेशन पर 6 नाली स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने खरीद ली।
इससे साफ पता चलता है कि त्रिवेन्द्र सरकार ने भू माफिया को संरक्षण दिया है,भाजपा सरकार उनके हाथों की कठपुतली बन गई है।
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