कांग्रेस ने कहा, प्रभु राम इन भूमि घोटालेबाजों को सजा दीजिये

कांग्रेस नेता सुरेन्द्र कुमार ने राम मन्दिर जन्मभूमि इन खरीद घोटाले को लेकर रामायण व सुन्दरकाण्ड  के पाठ के साथ प्रभु राम से घोटालेबाजों को सजा देने की मांग की

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून ।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेन्द्र कुमार ने मंगलवार को पंचायती मन्दिर में राम मन्दिर जन्मभूमि के लिये खरीदी गयी जमीन में करोड़ों रुपयों के घोटाले के मुद्दे पर रामायण व सुन्दरकाण्ड का पाठ किया।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम दरबार में उनके चरणों में बैठकर रामायण के सुन्दरकाण्ड व हनुमान चालीसा का पाठ कर प्रभु श्री राम से पापियों को सजा दिलाने के लिऐ प्रार्थना व उपवास किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के नाम पर जमीन खरीद में हुए घोटालें की जॉच सर्वोच्च नयायालय की निगरानी में की जानी चाहिए, प्रधानमंत्री मोदी जी की चुप्पी भी इस मामले को लेकर आश्चर्यजनक है। ईड़ी, इन्कम टैक्स व सीबीआई एजेंसी भी आंख बंद कर सो रही है।

उन्होने कहा कि कैसे 2 करोड़ करोड़ की जमीन 5 मिनट में 18.5 करोड़ में बिक गई है कई सवाल है जिनका जवाब जनता को दिया जाना चाहिए जैसे कुसुम पाठक व हरीश पाठक ने अयोध्या में 12080 वर्ग मीटर जमीन 18 मार्च 2021 को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर रजिस्टर्ड सेल ड़ीड़ से 2 करोड़ रु में रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी को बेच दी। उसी दिन 18 मार्च 2021 को शाम 7 बजकर 15 मिनट बजे सही 12080 वर्गमीटर जमीन रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी द्वारा श्री राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट मार्फत सेक्रेट्री श्री चंपत राय को 18.5 करोड़ रु में बेचने का रजिस्टर्ड इकरारनामा कर पैसे का भुगतान कर दिया।

दोनों ही रजिस्टर्ड़ डॉक्यूमेंट पर अनिल मिश्रा व  ऋषिकेश उपाध्याय गवाह है। अनिल मिश्रा श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी भी है व राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के पूर्व प्रांत कार्यवाहक तथा राष्ट्रीय सेवक संघ के आजीवन सदस्य है। इन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मन्दिर निर्माण ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है । ऋषिकेश उपाध्याय अयोध्या के मेयर भी है और प्रमुख भाजपा नेता भी । वह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नजदीकी भी है।

गड़बड़झाला केवल इस बात से ही साफ है कि 18 मार्च 2021 को शाम 7.10 व 7.15 बजे यानि पॉच मिनट के बीच रजिस्टर्ड दोनों कागजात में राम मन्दिर निर्माण के लिए खरीदी जा रही जमीन की कीमत 2 करोड़ से बढ़कर 18.5 करोड़ रु हो जाती है।

दुनिया के इतिहास में 5,50,000 रुपया प्रति सेकेड़ के हिसाब से बढ़ने वाली जमीन की यह अनोखी कीमत है । इस पैसे का भुगतान उस धनराशि से किया गया, जो करोड़ो भारतीयों ने आस्था से मन्दिर निर्माण के लिए दी थी।

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