अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। उत्त्तराखण्ड में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू जर दी है। इस कडी में सीएम चयन को लेकर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह व मीनाक्षी लेखी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
अगले कुछ दिनों के भीतर दोनों पर्यवेक्षक देहरादून आकर विधानमंडल दल की बैठक में नये सीएम के नाम का ऐलान करेंगे। इस बीच, उत्त्तराखण्ड समेत अन्य राज्यों में नेता चयन को लेकर विभिन्न स्तरों पर मंथन जारी है। सीएम पद के कुछ दावेदार दिल्ली में मौजूद बताए जा रहे हैं। इनमें सतपाल महाराज का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
हालांकि, पार्टी की ओर से अभी पर्यवेक्षकों की उत्त्तराखण्ड आगमन की तारीख तय नहीं की गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि होली के बाद भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में नये सीएम के नाम का ऐलान किये जाने की संभावना बन रही है।
केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में नये सीएम पर सहमति बनते ही नाम का ऐलान किया जाएगा। इस बीच, उत्त्तराखण्ड के नये सीएम को लेकर पार्टी के कई नेताओं का नाम सामने आ रहा है। इनमें कुछ सांसदों को भी दौड़ में बताया जा रहा है।
हालांकि, पार्टी के रक गुट ने भाजपा नेतृत्व को विधायकों से ही सीएम चुनने का सुझाव दिया है। इस लाबी का कहना है कि सांसद में सीएम का चयन होने से पार्टी को छह महीने कर भीतर एक उपचुनाव में जाना होगा। साथ ही एक विधायक को सीट खाली करने के लिए मनाना होगा।
फिलवक्त 10 मार्च को आये चुनाव परिणाम के बाद नये सीएम को लेकर भाजपा का गुटीय संघर्ष तेज हो गया है। खटीमा से चुनाव हारने के बाद पुष्कर सिंह धामी को रिपीट किये जाने से लेकर सतपाल महाराज, धनसिंह रावत, ऋतु खंडूडी,गणेश जोशी, मदन कौशिक, चुफाल के अलावा तीन सांसद दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं। लेकिन मोदी राज में पहले की तरह इस बार भी नये सीएम को लेकर सस्पेंस बरकरार है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी सभी पहलुओं पर विचार कर निर्णय लेगी।
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…तो अब शुरू होता है उत्त्तराखण्ड काँग्रेस में महायुद्ध
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