फैसला- कामन एंट्रेंस टेस्ट से होंगे बीएड व एमएड में प्रवेश,देखें आदेश

सत्र 2022- 23 में गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में बीएड व एम एड प्रवेश ceut राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से होंगे – डॉ सुनील अग्रवाल अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस मोड इंस्टीट्यूशन्स

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। मौजूदा सत्र 2022 -23 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबंध सभी कॉलेजों में प्रवेश ceut राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से ही किए जाएंगे। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा B.ed प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा कराई जाती थी लेकिन इस वर्ष
ceut के माध्यम से ही विश्वविद्यालय के कैंपस और संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया संपन्न होगी ।

डॉ सुनील अग्रवाल ,अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट ने यह जानकारी देते हुए बताया कि b.ed एवं m.ed के अलावा अन्य कोर्सो में प्रवेश पूर्व की भांति ही संपन्न होंगे और ceut के माध्यम से सिर्फ यूनिवर्सिटी के कैंपस कॉलेजों में प्रवेश होंगे संबद्ध कॉलेजों को इस वर्ष,ceut से छूट दी गई है प्रवेश हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 18 जून तक नियत है।


डॉ सुनील अग्रवाल ने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से b.ed एवं m.ed करने के इच्छुक सभी छात्र 18 जून तक ceut.nta.nic.in पर ऑनलाइन अपना आवेदन सुनिश्चित कर लें क्योंकि इस वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा अपनी पृथक प्रवेश परीक्षा नहीं करवाई जा रही है और b.ed m.ed में प्रवेश कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के तहत ही होंगे ।

डॉ सुनील अग्रवाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस संबंध में छात्रों के असमंजस को दूर करने हेतु एवं अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित करने हेतु विश्वविद्यालय को उक्त प्रवेश परीक्षा हेतु प्रचार और प्रसार करना चाहिए था लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर इस तरह का कुछ भी प्रयास नहीं किया गया। वर्तमान समय में गढ़वाल विश्वविद्यालय के अधिकारियों में निर्णय लेने से बचने की प्रवृत्ति ज्यादा है जिसके कारण छात्रों की छोटी-छोटी समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पाता है ।

डॉ सुनील अग्रवाल अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट

उन्होंने कहा कि छात्रों की रोजमर्रा की समस्याओं के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारी उपलब्ध नहीं होते हैं और जो उपलब्ध होते हैं वह अपनी जिम्मेदारी दूसरों के ऊपर डाल कर निर्णय लेने से बचते हैं यह स्थिति शिक्षा के लिए बहुत अच्छी नहीं है क्योंकि गढ़वाल क्षेत्र के अधिकांश कॉलेज हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबंध है और बड़ी संख्या में छात्र अध्ययन कर रहे हैं ।

गढ़वाल क्षेत्र के दूसरे राज्य विश्वविद्यालय श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में स्थापना के 10 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी अभी तक डेपुटेशन पर ही स्टाफ चल रहा है जबकि वहां संबद्ध कॉलेजों की संख्या बहुत अधिक हो चुकी है और कुछ अन्य कॉलेज भी संबंध होने की कतार में है लेकिन पूर्णकालिक स्थापना होने के कारण समस्याएं बरकरार हैं जिसकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है सरकार का काम सिर्फ घोषणाएं करना है जिन पर अमल पिछले कई वर्षों से हुआ ही नहीं है और सारा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है यह स्थिति उच्च शिक्षा के लिए अच्छी नहीं है।

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