धारा 27 के तहत विभागीय तबादला प्रस्तावों पर शासन ने लगाई मुहर

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 की धारा 27 के अंतर्गत विभिन्न विभागों के तबादला प्रस्ताव पर मंथन किया। विभागों को कहा, समिति की संस्तुति के आधार पर करें कार्रवाई

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु की अध्यक्षता में गठित समिति ने वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 की धारा 27 के अंतर्गत विभागों के प्रस्ताव पर मंथन किया। और समिति ने अपनी संस्तुति दी। annual transfer committee

कार्मिक अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने विभिन्न विभागों परिवहन विभाग / वित्त विभाग ( राज्य कर ) / माध्यमिक शिक्षा विभाग / सिंचाई विभाग / चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग / कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग / पशुपालन विभाग उच्च शिक्षा विभाग को समिति की संस्तुति के अनुरूप कार्यवाही की बात कहते हुए संस्तुतियों का ब्यौरा भेजा है। transfer act

कार्मिक अपर सचिव का मूल पत्र व कार्यवृत

अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव / सचिव (प्रभारी) परिवहन विभाग / वित्त विभाग ( राज्य कर ) / माध्यमिक शिक्षा विभाग / सिंचाई विभाग / चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग / कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग / पशुपालन विभाग उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन ।

उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिये वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा-27 के अन्तर्गत मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में गठित समिति की दिनांक 26.08.2022 को सम्पन्न बैठक में आपके अधीनस्थ विभागों के प्रस्ताव पर समिति द्वारा विचार किया गया ।

2 उक्त बैठक के कार्यवृत्त की छायाप्रति इस आशय प्रेषित है कि कृपया कार्यवृत्त में उल्लिखित संस्तुतियो के अनुरूप अग्रेत्तर कार्यवाही करने का कष्ट करें।

Signed by Lalit Mohan Rayal Date: 26-09-2022 18:24:00

(ललित मोहन रयाल ) अपर सचिव

लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम, 2017 की धारा-27 ( अधिनियम के क्रियान्वयन में कठिनाई के निवारण) के अन्तर्गत मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक दिनांक 26.08.2022 का कार्यवृत्त ।

उपस्थिति :

(1) श्री शैलेश बगौली, सचिव, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग, उत्तराखण्ड शासन ।

  1. बैठक में, विभागीय आवश्यकताओं के आलोक में अधिनियम के प्राविधानों में विचलन / छूट दिये जाने हेतु निम्नलिखित विभागों से प्राप्त प्रकरण समिति के विचारार्थ प्रस्तुत किए गए विभागों द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्तावों पर समिति द्वारा विचारोपरान्त की गयी संस्तुति का विवरण निम्नवत् है।

उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा 27 के अंतर्गत विचलन के माध्यम से प्रस्तावित परिवहन विभाग के अंतर्गत सामान्य वार्षिक स्थानान्तरण हेतु स्थानान्तरण नीति

क.

आर.टी.ओ., ए. आर.टी.ओ., परिवहन कर अधिकारी तथा आर.आई. (टैक्निकल) संवर्ग हेतु

स्थानान्तरण के मानक :

(1) इन संवर्गों में पदों की अपेक्षाकृत कम संख्या, प्रवर्त्तन कार्य हेतु तैनाती तथा तैनाती के पद की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए इन संवर्गों के ऐसे कार्मिक अनिवार्य स्थानान्तरण हेतु पात्र

होंगे जिन्होंने : (i) सुगम क्षेत्रांतर्गत वर्तमान तैनाती के पद पर 03 वर्ष अथवा सम्पूर्ण सेवाकाल में सुगम क्षेत्र में 08 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो;

(ii) दुर्गम क्षेत्रांतर्गत वर्तमान तैनाती के पद पर 02 वर्ष अथवा सम्पूर्ण सेवाकाल में दुर्गम क्षेत्रांतर्गत 08 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो;

( 2 ) सेवा अवधि की गणना विषयक उक्त मानक के अनुसार स्थानान्तरण हेतु चिन्हित पात्र कार्मिकों से 03 विकल्प लिए जायेंगे। स्थानान्तरण समिति / नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा प्राप्त विकल्पों पर विचार करते हुए प्रदत्त विकल्पों में से किसी 01 विकल्प पर तैनाती हेतु कार्मिक विशेष की उपयुक्तता अनुसार निर्णय लिया जाएगा, किन्तु यदि प्रदत्त विकल्पों से सम्बन्धित पद रिक्त न हों अथवा समिति / नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा कार्मिक की उपयुक्तता के दृष्टिगत प्रदत्त विकल्पों से भिन्न अन्य किसी समान श्रेणी के पद पर तैनाती का औचित्य पाया जाय तो ऐसे कार्मिक की तद्नुसार तैनाती की जा सकेगी।

( 3 ) सुगम क्षेत्र में तैनात ऐसे कार्मिक जो दुर्गम क्षेत्र में स्थानान्तरण हेतु पात्रता रखते हैं, को अनिवार्य रूप से दुर्गम क्षेत्र में स्थानान्तरित किया जायेगा और यदि दुर्गम क्षेत्र में पर्याप्त रिक्तिउपलब्ध न हों तो दुर्गम क्षेत्र में तैनात कार्मिकों को कुल सेवाकाल के संदर्भ में यथाआवश्यक शिथिलता जो

कि 02 वर्ष से अधिक न हो, प्रदान करते हुए उन्हें सुगम क्षेत्र में स्थानान्तरित किया जा सकेगा। (4) ऐसे कार्मिक जो चैक पोस्ट समाप्ति अथवा ढाँचा पुनर्गठन के फलस्वरूप अधिसंख्य हैं और अनिवार्य स्थानान्तरण के मानकानुसार पात्रता क्षेत्र में भी आते हैं, उन्हें वार्षिक सामान्य

(5) ऐसे कार्मिक जो नीति अनुसार अनिवार्य स्थानान्तरण हेतु पात्रता क्षेत्र में नहीं आते हैं किन्तु जिन्हें चैक पोस्ट समाप्ति अथवा ढाँचा पुनर्गठन के फलस्वरूप अधिसंख्य होने के कारण अन्यत्र तैनात किया जाना आवश्यक है, उन्हें समान श्रेणी ( दुर्गम / सुगम) में स्थित निकटतम कार्यालय के उपलब्ध / रिक्त पद पर स्थानान्तरित / तैनात किया जाएगा, किन्तु यदि समान श्रेणी में कोई रिक्ति उपलब्ध न हो तो श्रेणी के बाहर अन्य श्रेणी में निकटतम कार्यालय के रिक्त पद पर तैनात किया जायेगा।

(6) ढाँचा पुनर्गठन के फलस्वरूप नवसृजित पदों / कार्य स्थलों पर तैनाती के लिए दुर्गम क्षेत्र के पदों हेतु सुगम में तथा सुगम क्षेत्र के पदों हेतु दुर्गम में सर्वाधिक समय से तैनात कार्मिक से प्रारम्भ करते हुए अवरोही क्रम में कार्मिकों को स्थानान्तरण नीति में संवर्ग विशेष हेतु विहित अधिकतम स्थानान्तरण सीमा के अन्तर्गत स्थानान्तरित किया जाएगा।

ख.

मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के पदों के सन्दर्भ में स्थानान्तरण के मानक :

(1) मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के सन्दर्भ में स्थानान्तरण हेतु सुगम एवं दुर्गम में सेवावधि सम्बन्धी वे ही मानक लागू होंगे जैसा कि स्थानान्तरण अधिनियम में विहित है।

(2) ऐसे कार्मिक जो अनिवार्य स्थानान्तरण की पात्रता क्षेत्र में आते हैं और जिन्हें चैकपोस्ट समाप्ति के कारण अथवा ढाँचा पुनर्गठन के फलस्वरूप वर्तमान तैनाती के कार्यालय में पद की संख्या से अधिक कार्यरत होने के कारण अन्य रिक्त स्थानों पर स्थानान्तरित किया जाना है, को स्थानान्तरण नीति में संवर्ग हेतु विहित अधिकतम स्थानान्तरण सीमा के अन्तर्गत ही सामान्य वार्षिक स्थानान्तरण नीति के अनुसार स्थानान्तरित किया जायेगा ।

(3) ऐसे कार्मिक जो नीति अनुसार अनिवार्य स्थानान्तरण की पात्रता क्षेत्र में नहीं आते हैं और जिन्हें चैकपोस्ट समाप्ति के कारण अथवा ढाँचा पुनर्गठन के फलस्वरूप वर्तमान तैनाती के कार्यालय में पदों की संख्या से अधिक कार्यरत होने के कारण अन्य रिक्त स्थानों पर स्थानान्तरित किया जाना है, को निकटतम स्थित कार्यालय के रिक्त पद पर तैनात किया जायेगा।

(4) नवसृजित पदों / कार्यस्थलों पर तैनाती के लिए दुर्गम क्षेत्र के पदों हेतु सुगम में तथा सुगम क्षेत्र के पदों हेतु दुर्गम में सर्वाधिक समय से तैनात कार्मिक से प्रारम्भ कर अवरोही क्रम में आवश्यक संख्या में कार्मिकों का स्थानान्तरण किया जायेगा।

ग.

प्रवर्तन दलों में सम्बद्ध पर्यवेक्षकों एवं प्रवर्तन सिपाहियों के सन्दर्भ में मानक:

(1) अनिवार्य स्थानान्तरण हेतु पात्र कार्मिकों के चिन्हीकरण, विकल्प प्राप्ति एवं स्थानान्तरण / तैनाती स्थल के संदर्भ में उक्त श्रेणी क में वर्गीकृत कार्मिकों के लिए विहित मानक / प्रक्रिया ही लागू होंगे।

(2) सड़क सुरक्षा, राजस्व प्राप्तियों एवं अनाधिकृत संचालन के रोकथाम की दृष्टि से पर्वतीय तथा मैदानी जनपदों में न्यूनतम आवश्यकता के अनुसार प्रवर्तन कर्मियों की तैनाती किया जाना आवश्यक है। उक्त के दृष्टिगत कुल सृजित पदों एवं कार्यरत के अनुपात के आधार पर ही सुगम एवं दुर्गम क्षेत्र में रिक्त पदों पर प्रवर्तन पर्यवेक्षकों की तैनाती की जायेगी।

(3) यद्यपि संरचनात्मक ढांचे के अनुसार एक प्रवर्तन दल में 03, टास्क फोर्स में 06, इंटरसेप्टर पर 02 प्रवर्तन सिपाहियों एवं मोटर साईकिल दल पर 01 प्रवर्तन सिपाही के पदों का आबंटन किया गया है, परन्तु चूँकि वर्तमान में मात्र 60 प्रतिशत प्रवर्तन सिपाही ही कार्यरत हैं, अतः प्रत्येक प्रवर्तन दल में 02, टास्क फोर्स में 04, इंटरसेप्टर पर 01 और मोटरसाईकिल दल पर 01 प्रवर्तन सिपाही की तैनाती का मानक निर्धारित करते हुए तदनुसार स्थानान्तरण किए जायेंगे ।

घ.वार्षिक सामान्य स्थानान्तरण हेतु अन्य सामान्य सिद्धान्त :

(3)

(2) चूँकि परिवहन विभाग के अन्तर्गत कतिपय संवर्गों में पदों की संख्या अत्यन्त न्यून है तथा गत वर्ष चैकपोस्ट समाप्ति एवं ढाँचे के पुनर्गठन सम्बन्धी लिए गए निर्णयों के फलस्वरूप कुछ कार्यालयों में अधिसंख्य कार्मिक हो जाने के कारण उनका अन्यत्र स्थानान्तरण एवं नवसृजित पदों / टास्क फोर्सेस / कार्यस्थलों पर नवीन तैनाती किए जाने की आवश्यकता है, अतः कार्यहित में स्थानान्तरण अधिनियम के अन्तर्गत शासन द्वारा यथा निर्धारित स्थानान्तरण हेतु पात्र कार्मिकों का 15 प्रतिशत की ऊपरी सीमा को शिथिल करते हुए इस वर्ष संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों में से समिति द्वारा अनुमोदित नवीन मानकों के अनुसार अधिकतम 33 प्रतिशत की सीमा तक स्थानान्तरण किए जा सकेंगे।

(3) विचलन सम्बन्धी उक्त प्रस्ताव अनुमोदित किए जाने की दशा में पात्रता क्षेत्र का निर्धारण, विकल्प प्राप्ति एवं स्थानान्तरण समितियों द्वारा विचार आदि प्रक्रियाएं नये सिरे से करनी होंगी, अतः विचलन प्रस्ताव अनुमोदित होने के उपरान्त प्रशासकीय विभाग द्वारा सामान्य स्थानान्तरण नीति प्रख्यापित करने की तिथि के उपरान्त 01 माह के अन्दर स्थानान्तरण की प्रक्रिया पूर्ण की जा सकेगी।

(4) वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 के अन्य प्राविधान उस सीमा तक लागू किए जायेंगे जिस सीमा तक वे इस सामान्य वार्षिक स्थानान्तरण नीति के प्राविधानों से असंगत न हों।

1 स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-5 के अन्तर्गत सुगम / दुर्गम स्थलों के चिन्हांकन और प्रकटीकरण में विचलन

राज्य कर विभाग के अधिकारियों के स्थानान्तरण हेतु समस्त कार्यालय जिला मुख्यालयों पर अवस्थित होने के कारण समस्त कार्यस्थल (कार्यालय) सुगम माने जायेंगे।

2

स्थानान्तरण के मानक

(क) एक जिले में लगातार 05 वर्ष अथवा एक पद पर लगातार 03 वर्ष सेवा अवधि पूर्ण करने वाले कार्मिक अनिवार्य रूप से उक्त जिले / पद से स्थानान्तरण हेतु पात्र माने जायेंगे।

परन्तु मुख्यालय, राज्य प्रतिनिधि एवं मा0 उच्च न्यायालय कार्यालयों में तैनाती की अवधि जिले की अवधि की गणना में सम्मिलित नहीं की जायेगी।

सचल दल में तैनात समस्त अधिकारियों / कार्मिकों को 270 दिन के पश्चात अनिवार्य रूप से स्थानान्तरण विभागीय कर्मचारियों का एक पटल पर 03 वर्ष तथा एक कार्यालय में 05 वर्ष में स्थानान्तरण

अनुरोध एवं चिकित्सा के आधार पर स्थानान्तरण

  1. ऐसे कार्मिक जिनकी आयु 58 वर्ष अथवा उससे अधिक हो या जिनके द्वारा विगत स्थानान्तरण सत्र के पश्चात चिकित्सा के आधार पर स्थानान्तरण / सम्बद्धीकरण का अनुरोध किया गया है, को सचलदल में स्थानान्तरित नहीं किया जायेगा।
  2. ऐसे कार्मिक जिनकी अधिवर्षता आयु पूर्ण होने में 02 वर्ष की अवधि शेष रह गई हो, को उनके अनुरोध के आधार पर यथासंभव ऐच्छिक कार्यस्थल पर तैनाती के सम्बन्ध में विचार किया जायेगा।
  3. वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रवर्तन सम्बन्धी अनिवार्य स्थानान्तरण के अतिरिक्त कार्यरत कार्मिकों में से कुल 32 प्रतिशत कार्मिकों का स्थानान्तरण किया जायेगा, जिससे कि राजकीय कार्य प्रभावित न हो।

उपरोक्तानुसार विचलन के आदेश निर्गत होने के तीन सप्ताह के भीतर स्थानान्तरण की

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