इंदु पांडेय बने वेतन विसंगति समित्ति के अध्य्क्ष, देखें ताजा आदेश

अपर सचिव अरुणेन्द्र चौहान व अमिता जोशी बने सदस्य

पदेन सदस्य, वित्त अनुभाग 7 से होगा एक सदस्य


अविकल उत्त्तराखण्ड


देहरादून।
राज्य कर्मचारियों एवं अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों के कार्मिकों की विभिन्न मांगो / वेतन विसंगति के लम्बित प्रकरणों का केन्द्र सरकार में सृजित पदों की तुलनीयता, केन्द्र / राज्य में प्रचलित पदनाम / वेतनमान कार्यदायित्व, शैक्षिक योग्यता, भर्ती का स्रोत आदि की समानता का भली-भांति अध्ययन करने, भारत सरकार एवं अन्य प्रदेशों में प्रचलित ए०सी०पी० / एम०ए०सी०पी० का अध्ययनोपरान्त राज्य में लागू एम०ए०सी०पी० में संशोधन / परिवर्धन, राज्य सरकार के कार्मिकों के वेतन विसंगति के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण हेतु संस्तुतियां / सुझाव आमंत्रित करने, विभिन्न कर्मचारी संगठनों व अन्य पक्षों से विचार-विर्मश कर उन पर शासन को संस्तुतियों देने हेतु  वेतन विसंगति समिति का गठन किया गया। डॉ० वी० षणमुगम , सचिव प्रभारी ने सोमवार को यह आदेश जारी। किए

अध्य्क्ष, श्री इन्दु कुमार पाण्डे, सेवानिवृत्त मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन।

सदस्य ,श्रीमती अमिता जोशी, अपर सचिव, वित्त विभाग, उत्तराखण्ड

सदस्य, श्री अरूणेन्द्र सिंह चौहान, अपर सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन।

पदेन सफ़सय, अपर सचिव, वित्त अनुभाग-7, उत्तराखण्ड शासन।

वेतन विसंगति समिति इन बिंदुओं पर विचार करेगी

1. विभिन्न विभागों के कार्मिकों / संवर्गों के वेतन विसंगति के प्रकरणों पर परीक्षण 2. विभिन्न कार्मिकों / संवर्गों के ए०सी०पी० / एम०ए०सी०पी० से सम्बन्धित विसंगतियों का परीक्षण।

3. विभिन्न कार्मिकों / संवर्गों के वेतन / भत्तों का पुनरीक्षण / परीक्षण |

4. समान वेतनमान / समान पदनाम के पदधारकों हेतु कामन सेवा नियमावली तैयार किया जाना।

5. भारत सरकार एवं अन्य प्रदेशों में प्रचलित ए०सी०पी० / एम०ए०सी०पी० के अध्ययनोपरान्त प्रदेश में लागू एम०ए०सी०पी० की व्यवस्था में परिवर्तन / परिवर्धन / संशोधन का प्रस्ताव।

6. राज्य कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के सम्बन्ध में परीक्षाणोपरान्त संस्तुति |

7. अन्य बिन्दु जो शासन द्वारा समिति को सन्दर्भित किये जायेगे। समिति उपरोक्त बिन्दुओं के सम्बन्ध में संस्तुति करते समय राज्य की आर्थिक दशा, संसाधनों 3 एवं वित्तीय क्षमता तथा विकास एवं उत्तराखण्ड राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबन्धन अधिनियम, 2005 में निहित प्रतिबद्धताओं के अतिरिक्त राज्य के विकासात्मक एवं कल्याणकारी उपायों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें, को ध्यान में रखेगी। समिति सार्वजनिक निगमों / उपक्रमों तथा

स्वायत्तशासी सरकारी प्रतिष्ठानों के सम्बन्ध में संस्तुति करते समय उनकी वित्तीय स्थिति को भी ध्यान में रखेगी।

4 समिति के अध्यक्ष को कार्यालय ज्ञाप संख्या 31/xxvii(7) / 50 (16)/2014 दिनांक 15.02.2016 में यथा निर्धारित सुविधाएं अनुमन्य होगी। समिति को उसके कार्यों के सुचारू संचालन हेतु 01 आशुलिपिक, 01 कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं 02 अनुसवक अनुमन्य होगें, जिनकी नियुक्ति आउटसोर्स के माध्यम से की जायेगी और उन्हें उपनल दरों पर भुगतान किया जायेगा।

5 समिति के अध्यक्ष एवं उक्त कार्मिकों का वेतन वेतन आयोग प्रकोष्ठ से वहन किया जायेगा। वेतन आयोग प्रकोष्ठ में कार्यरत सहायक लेखाधिकारी द्वारा समिति को समय-समय पर अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जायेगा। समिति के सदस्य सचिव राजकीय सेवा में कार्यरत है। अतः उनके द्वारा धारित पद पर पूर्व से अनुमन्य सुविधाओं का उपयोग वे समिति के कार्यों हेतु करेंगे।

5 पूर्व में वेतन समिति को यमुना कालोनी में आवंटित भवन समिति का कार्यालय होगा। समिति विचार-विमर्श के लिए समय-समय पर आवश्यकतानुसार बैठक करेगी। समिति ऐसी सूचना मांग सकती है और ऐसे साक्ष्य भी ले सकती है जिसे वह आवश्क समझे। इसके अतिरिक्त समिति किसी बिन्दु पर किसी सक्षम अधिकारी / विषय विशेषज्ञ को विचार-विमर्श हेतु आमंत्रित करने के लिए अधिकृत होगी।

6 समिति प्रदेश के विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों की वेतन विसंगति, ए०सी०पी० / एम०ए०सी०पी० के विषय में पूर्व से स्थापित समतुल्यता के आधार पर एवं सन्दर्भित विषयों तथा अन्य विषय, जिसे समिति राज्य के व्यापक हित में उचित समझे, पर अपना प्रतिवेदन शासन को ” यथाशीघ्र प्रस्तुत करेगी।

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