चुनावी साल व कोरोनाकाल में बिजली की दरों में बढोत्तरी का फैसला नहीं उतर रहा गले। नौकरशाही की टाइमिंग पर उठे सवाल।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने सोमवार को बिजली की नयी दरें लागू की
अलबत्ता बीपीएल के 5 लाख परिवारों को राहत
बढ़ी बिजली दरों पर सीएम के फैसले का इंतजार
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। उत्त्तराखण्ड में बिजली की दरें बढ़ाने की टाइमिंग को लेकर सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई है। चुनावी साल व कोरोना आपदा के कठिन दौर में तीरथ सरकार का बिजली की दरें बढ़ाने का फैसला एक आत्मघाती कदम माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी के बिजली-पानी बिल माफ के नारे के बीच तीरथ सरकार ने बिजली बिल में इजाफा कर विपक्ष को हमलावर होने का मौका भी दे दिया है। हालांकि, नयी दरों में बीपीएल के 5 लाख उपभोक्ताओं को राहत देने की बात कही है। लेकिन घरेलु व कामर्शियल उपभोक्ताओं को बढ़ी दरों पर ही बिजली का बिल देना होगा।
2022 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। और नये सीएम तीरथ के राज में विद्युत नियामक आयोग ने कोरोनाकाल में बिजली की नई दरें लागू कर दी।गौरतलभ है कि त्रिवेंद्र सरकार में भी नियामक आयोग नेबिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन उस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पायी थी।
इधर, उत्त्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव कधने जा रही आएम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल दिल्ली की तर्ज प्रदेश में भी बिजली-पानी शुल्क माफ करने कीबात कहकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, पूर्व सीएम हरीश रावत भी बिजली पानी बिल माफ करने की बात उठाने लगे हैं। ऐसे में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी तीरथ सरकार की बिजली दरों में बढ़ोतरी को मुद्दा अवश्य बनाएंगे।
यह भी बात सामने आ रही है की कोरोना को देखते हुए बीते साल से ही केंद्र व राज्य सरकारें कमर्शियल सेक्टर व लोगों को कर समेत अन्य मामलों में छूट प्रदान कर रही है। कोरोना का देश की अर्थव्यवस्था पर पड़े कुप्रभाव की वजह से आम जनता भी छूट की मांग कर रही है।
यह बात भी सामने आ रही है कि अधिकारियों ने भी लंबे समय से लंबित बिजली की दरों पर मौका देखते ही सीएम की मंजूरी ले ली। भाजपा भी चुनावी साल में बिजली का झटका लगने से होने वाले नुकसान के आंकलन में जुट गई है। जनता को बढ़ी बिजली दरों पर सीएम के फैसले का इंतजार भी रहेगा। देखना यह है कि सीएम विद्युत नियामक आयोग की इन बिजली दरों पर कितनी कैंची चलाते हैं।
उत्तराखंड में महंगी हुई बिजली
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने सोमवार को वर्ष 2021- 22 के बिजली टैरिफ जारी कर दिया है। बिजली की घरेलू व व्यावसायिक दरों में इजाफा किया गया है। अब 101 से 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालो घरेलु उपभोक्तओं को 3.75 रुपये की बजाय 4 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल चुकाना होगा। यानी अब इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 25 पैसे अधिक चुकाने होंगे।
इसी तरह 201 से 400 यूनिट उपभोग करने पर प्रति यूनिट 5.15 की बजाया 5.50 रुपये चुकाने होंगे। यानी इस श्रेणी के लिए प्रति यूनिट 35 पैसे बढ़ाए गए हैं।
400 से अधिक यूनिट खर्च पर प्रति यूनिट चार्ज 5.90 से बढ़कर 6.25 रुपय कर दिय गया है। यानी इस श्रेणी में भी प्रति यूनिट 35 पैसे का इजाफा किया गया है।
बीपीएल और मात्र 100 यूनिट खर्च करने वालों को
उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया है। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या पूरे राज्य में पांच लाख के करीब है। इसके अलावा बर्फ वाले इलाकों के उपभोक्ताओं के लिए भी टैरिफ में बदलाव नहीं किया गया। इसके अलावा प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के टैरिफ में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी और इनसे पूर्व की भांति ही प्रति यूनिट दो रुपये अस्सी पैसे के हिसाब से बिल वसूला जाएगा।
देखिये बिजली की नयी दरें
कमर्शियल श्रेणी के 50 यूनिट प्रतिमाह खर्च करने वालों और 25 किलोवाट विद्युत भार तक के एलटी उपभोक्ताओं के टैरिफ में भी कोई इजाफा नहीं किया गया है।
कमर्शियल श्रेणी के 25 किलोवाट तक के उपभोक्ताों के लिए अब टैरिफ 5 रुपये 80 पैसा प्रति यूनिट होगा। अभी तक इसकी दर 05 रुपये 75 पैसा थी। 25 किलो वाट से ऊपर के उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट पांच रुपये अस्सी पैसा की दर से बिल लिया जाएगा। इस श्रेणी के लिए अभी तक पांच रुपये 60 पैसे की दर तय थी। 75 किलोवाट से ऊपर उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ पांच रुपये पचहत्तर पैसा प्रति यूनिट तय किया गया है जो अभी तक पांच रुपये पैंसठ पैसा था। इसी तरह औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के टैरिफ में भी मामूली इजाफा किया गया है। 25 किलोवाट से अधिक अनुबंधित विद्युत भार वाले उपभोक्ताओं के लिए अब टैरिफ चार रुपये 30 पैसा होगा जो अभी तक चार रुपये पच्चीस पैसा था।
आयोग ने बिजली के बिल तय समय से पहले जमा करने पर छूट का भी प्रावधान किया है। यदि कोई उपभोक्ता बिजली बिल जारी होने के दस दिन के भीतर इलेक्ट्रानिक माध्यम से करता है तो उसे कुल बिल पर टैक्स छोड़कर 1.25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। कैश, चेक से 10 दिन के भीतर भुगतान करने पर 0.75 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।यह छूट एलटी उपभोक्ताओं के लिए प्रतिमाह अधिकतम 10 हजार और एचटी उपभोक्ताओं के लिए प्रतिमाह अधिकतम एक लाख तक होगी।
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