राज्य कर विभाग ने टैक्स जमा नहीं करने वाले 5746 व्यापारियों की जांच की। छापेमारी के विरोध में उग्र आंदोलन की चेतावनी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। कर न जमा करने की सूचना पर राज्य कर विभाग के विशेष जांच अभियान के तहत 5746 व्यापारियों की दस्तावेजों की जांच की गई।
राज्य कर विभाग ऐसे करदाताओं के सम्बन्ध में सात जुलाई से विशेष जाँच अभियान चला रहा है जिनके द्वारा काफी समय से Nil रिटर्न दाखिल की जा रही थी अथवा कोई कर जमा नही किया जा रहा था।
वि0अनु0शा0 इकाई द्वारा केन्द्र के अधिकार क्षेत्र के व्यापारी सर्वश्री कृष्णा इन्टरप्राइजेज हरिद्वार के व्यापार स्थल की जाँच की गयी। जाँच पर पाया गया कि व्यापारी द्वारा वर्ष 2017-18 से 2018-19 में प्रान्त के भीतर ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करते हुए लगभग रू0 1.13 करोड़ की गलत आई०टी०सी० का लाभ लिया जा रहा था। जाँच के दौरान ही व्यापारी ने 5 लाख रुपए राजकीय कोष में जमा कराये गये ।
इसके अलावा खटीमा में 2 ट्रांसपोटर्स के गोदामों की जाँच की गयी। जाँच के दौरान विजयलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट के गोदाम में 40 बैग तम्बाकू बिना कागजातों के पाये गये जिनका अनुमानित मूल्य रू० 2 लाख आंका गया। जबकि अग्रवाल ट्रांसपोर्ट के गोदाम की जाँच के दौरान इलैक्ट्रिकल व हार्ड वेयर गुड्स के 06 नग बिना कागजों के पाये गये, जिनका अनुमानित मूल्य 2.50 लाख आंका गया है । सामान को जब्त कर लिया गया।
इस सम्बन्ध में राकेश वर्मा, संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक), राज्य कर, देहरादून सम्भाग ने व्यापारियों एवं व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों को बताया कि ऐसे व्यापारी, जिनकी टर्नओवर 20 लाख से कम है, परन्तु उनके द्वारा जीएसटी पंजीयन प्राप्त किया गया है, उनको भी जीएसटी रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य है।
व्यापारियों के मध्य ये भ्रांति है कि रू0 20 लाख से कम टर्नओवर वाले छोटे पंजीकृत व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न फ़ाइल करना एवं टैक्स जमा करना अनिवार्य नहीं है।
छापेमारी के विरोध में उग्र आंदोलन की चेतावनी
इधर, प्रदेश में जारी कर विभाग की छापेमारी के विरोध में व्यापारिक संगठनों ने आवज बुलन्द की है। दून उद्योग व्यापार मंडल ने चेतावनी दी कि GST छापेमारी के विरोध में उग्र आंदोलन किया जाएगा। छापेमारी बंद नहीं होने पर प्रदेश बंद भी किया जाएगा।
दून उद्योग व्यापार मंडल के संरक्षक अनिल गोयल ने कहा कि जीएसटी अधिकारी पहले व्यापारियों की समस्याओं को समझें ,उनके साथ बैठक करें। दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि ताजी गठन के समय टैक्स की कुल राशि 500-600 करोड़ से बढ़कर अब लगभग सात हजार करोड़ हो गई है। कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में आयात किये जारहे माल पर आईजीएसटी टैक्स लगता है और यह टैक्स केंद्र के खाते में जाता है। इसके बावजूद कर विभाग व्यापरियों को परेशान कर रहा है
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