आज कामरेड कमला राम नौटियाल जैसे असल लीडर की जरूरत – डा० महेश कुड़ियाल


डा० मधु थपलियाल की पुस्तक “लीडर” का विमोचन

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। समाज का सही रूप में विकास करने के लिए हर क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों को समाज हित में काम करने के लिए आगे आना होगा. उत्तराखंड को पूर्ण रूप से सशक्त राज्य बनाने के लिए एक सही रोड माप अति आवश्यक है ० ये कहना था उत्तराखंड के वरिष्ट न्यूरो सर्जन डा० महेश कुरियल का. डा० कुरियल ने कहा कि, नकली दवाइयां बेचने वालों का तथा मनुष्य की जान को बचाने वाली दवाइयों को अत्यधिक मूल्यों पर बेचने वालों के खिलाफ सक्त कार्यवाइ होने चाहिए.


कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अथिति डा० महेश कुरियल, अति-विशिष्ट अथिति अनूप नौटियाल, विशिष्ट अथिति श्री सुधीर नौटियाल, निदेशक उद्योग विभाग, डा० शिव प्रसाद कुरियल, वरिष्ट रेडियोलोजिस्ट, डा० मधुर उनियाल, हेड – ट्रामा सर्जरी, एम्स ऋषिकेश, डा० मधु थपलियाल, श्रीमती कमला नौटियाल, द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. तथा सुभाशीष थपलियाल द्वारा “ॐ भूर्भु स्वः “ से कार्यक्रम के शुरुआत की गयी.


डा० मधुर उनियाल ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में – एक अच्छे डॉक्टर को एक अच्छा चिकित्सक लीडर होना चाहिए जो निस्वार्थ मनुष्यता की सेवा कर सके.
डा० शिव प्रसाद कुरियल, वरिष्ट रेडियोलोजिस्ट ने कहा कि डा० मधु थपलियाल ने का० कमला राम नौटियाल के नेतृत्वा गुणों पर लीडर पुस्तक समाज के सामने रख कर – समाज के सामने एक आदर्श स्थापित किया है. उन्होंने अपने बचपन के संस्मरण साझा करते हुए कहा कि उनके जैसा शेर नेता उन्होंने नहीं देखा.


वरिष्ट पत्रकार जय सिंह रावत ने कमला राम नौटियाल के जीवन के बहुत सारे संस्मरण सबके सामने रखे और कहा कि वो एक ऐसे नेता थे जिन्होंने कभे पद का लालच नहीं किया और जनता के हितों के आन्दोलन लाडे. एक बार तो वो जज के खिलाफ ही धरने पर बैठ गए – ऐसा होता है नेता – लीडर


जौनसारी साहित्यकार श्रीमती सुनीता चौहान ने डा० मधु थपलियाल द्वारा लिखी पुस्तक लीडर की समीक्षा अपने सब्दों में बताया कि किस तरह – तिलोथ गोली काण्ड में उन्होंने सर पर डंडे खाते हुए – जनहित के लिए अपने जान भी खतरे में रख दी थी. उन्होंने कहा कि आज हम फिरसे ऐसे नेता को ढून्ढ रहे हैं.


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लीडर पुस्तक के लेखिका डा० मधु थपलियाल ने बताया कि इस कोरोना युग में उन्हें महसूस हुआ कि उनके पिता का० कमला राम नौटियाल ने शुरू से हे जिस उत्तराखंड राज्य की लड़ाई लड़ी – जो जन्शंघर्शों के नेता रहे – जो असल माइनों में लीडर थे – आज ऐसे लीडर की कमी उन्हें खली और उन्होंने इस पुस्तक का नाम लीडर रखा. उन्होंने उनके जीवन से जुड़े सनास्मरण सबके सामने रखे – और उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के अन्दर एक लीडर होता है.
विशिष्ट अथिति श्री अनूप नौटियाल ने दुश्यंत कुमार की पंग्तियाँ – हो गयी है पीर पर्वत – सी पिघलनी चाहिए” से शुरुआत करते हुए – “मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही – हो कही भी आग – लेकिन आग जलनी चाहिए” के माध्यम से अपनी बात रखी. उन्होंने इस पुस्तक लेखन के लिए डा० मधु थपलियाल को बधाई दी.

कार्यक्रम के अध्यक्ष सुधीर नौटियाल, निदेशक उद्योग विभाग ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का आभार जताया तथा कामरेड कमला राम नौटियाल के संस्मरण सुनाते हुए – उत्तराखंड में उद्योग विभाग की लीडरशिप के बारे में भी बताया.

कार्यक्रम में वरिष्ट कांग्रेसी नेता आर० पी० रतुरी, कर्नल सुंदर लाल पैनुली, प्रो० जानकी पंवार, प्रो० के एल तलवार, पत्रकार गजेन्द्र सिंह नेगी, रमेश रावत, अर्केतेक्ट के सी कुरियल, डा० प्रियंक उनियाल, डा० दीपक भट्ट, डा० महावीर सजवान, किरण भट्ट , दुर्गा नौटियाल, महावीर नौटियाल, का० हरी ओम पाली, इंजिनियर विनोद नौटियाल, वैज्ञानिक डी० पी० उनियाल, प्रो० आशीष थपलियाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन वरिष्ट पत्रकार बिपिन बनियाल ने किया.

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