…जब भारत आये चंद्रमा पर कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग

20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर उतरे थे नील आर्मस्ट्रांग

किससे मांगी थी नील आर्मस्ट्रांग ने माफी

विवेक शुक्ला,वरिष्ठ पत्रकार लेखक

चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग दिल्ली में
सारा भारत चंद्रयान-3 की सफलता की कामना कर रहा है। यह बेहतरीन मौका है जब हम याद कर लें चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले इंसान नील आर्मस्ट्रांग की राजधानी दिल्ली की यात्रा को । वे 20 जुलाई 1969 को अपने दो साथियों के साथ चंद्रमा पर उतरे थे। उसके बाद तो सारी दुनिया उनके नाम और काम से वाकिफ हो गई थी। उस कामयाबी के चार महीनों के बाद वे नवंबर के महीने में राजधानी पधारे थे। उनका यहां भव्य स्वागत हुआ था।

नील आर्मस्ट्रांग राजधानी में अपनी चंद्रमा की यात्रा के संस्मरण साझा करने के लिए आए थे। वे उस समय सारी दुनिया के हीरो थे। वे ऍस्ट्रोनॉट बनने से पहले अमेरिकी एयरफोर्स में थे। उनकी एक प्रेस कांफ्रेस रफी मार्ग के करीब स्थित रेड क्रास बिल्डिंग में आयोजित की गई थी। उन्हें मिलने और देखने देखने के लिए दिल्ली के तमाम पत्रकार और बहुत सारे सामान्य नागरिक भी रेड क्रास बिल्डिंग में पहुंच गए थे।

पत्रकारों के सवालों के नपे-तुले उत्तर देते रहे थे नील आर्मस्ट्रांग । वे बहुत खुश मिजाज किस्म के इंसान थे। हर सवाल का जवाब देने से पहले प्रति प्रश्न कर रहे थे। वे पत्रकार सम्मेलन की समाप्ति के बाद मजे-मजे में आटोग्राफ दे रहे थे।

नील आर्मस्ट्रांग राजधानी के कुछ नामवर संपादकों से अलग से भी मिले थे। एक बार हिंदुस्तान टाइम्स के मशहूर कार्टुनिस्ट सुधीर धर ने इस खाक सार को बताया था कि उन्होंने नील आर्मस्ट्रांग को उनके कुछ कैरिकेचर बनाकर भेंट किए थे। उन्हें देखकर वे गदगद हो गए थे। इससे पहले नील आर्मस्ट्रांग जब पालम एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए बहुत से सरकारी अफसर मौजूद थे।


जाहिर है, वो सेल्फी युग से पहले का दौर था। वे पालम एयरपोर्ट पर अपने प्रशंसकों का अभिभादन स्वीकार कर रहे थे। वे बेहद थके हुए लग थे। उन्होंने एयरपोर्ट पर इतना ही कहा था कि वे बचपन से ही भारत आना चाहते थे। उन्होंने तब उम्मीद जताई थी कि एक दिन भारत भी चंद्रमा पर कदम रखेगा। उनकी भविष्यवाणी अब सही साबित होने जा रही है।

Sudhir Dar with Neil Armstrong

आर्मस्ट्रांग जिस मिशन के तहत चंद्रमा गए थे उसका नाम अपोलो 11 था। आर्मस्ट्रांग इसके कमांडर थे। उनके अलावा इसमें एल्ड्रिन, जो चाँद पर उतरने वाले दूसरे व्यक्ति बने, और माइकल कॉलिंस जो चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते मुख्य यान में ही बैठे रहे, शामिल थे।

किससे मांगी थी नील आर्मस्ट्रांग ने माफी

नील आर्मस्ट्रांग ने दिल्ली में देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी मुलाकात की थी। वे उनसे मिलने उनके 1 सफदरजंग रोड स्थित आवास में गए थे। उस वक्त नटवर सिंह भी मौजूद थे। वे तब भारतीय विदेश सेवा के अफसर थे। जब नील आर्मस्ट्रांग को इंदिरा जी ने बताया कि वो अपोलो-11 की लैंडिंग को देखने के लिए भारतीय समय के अनुसार सुबह साढ़े चार बजे तक जगी रही थीं तो नील आर्मस्ट्रांग ने उनसे मुस्कराते हुए माफी मांगी थी। वे बापू की समाधि पर भी गए थे।

दरअसल उस दौर में हर आम और खास नील आर्मस्ट्रांग से मिलने को उत्सुक था। अपने साथियों के साथ, इस उपलब्धि के लिये आर्मस्ट्रांग को अमेरिका में प्रेसिडेंसियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया था। अपने अभियान से वापस आने के बाद वे बहुत से देशों की य़ात्रा कर रहे थे। वे यहां बार-बार भारत सरकार से आहवान कर रहे थे कि वह विज्ञान की शिक्षा पर अधिक बल दे। वे एक बार चैन्नई भी गए थे। दरअसल अपोलो 11 मिशन के बाद वे दुनिया के सबसे नामवर सेलिब्रेटी बन गए थे। वे दिल्ली में अशोक होटल में ठहरे थे।

वरिष्ठ पत्रकार विवेक शुक्ला

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