यूपी में धर्म परिवर्तन के लिए शादी अमान्य। उत्त्तराखण्ड में भी मंथन जारी। देखें यूपी के अध्यादेश के मुख्य बिंदु

लव जिहाद अध्यादेश- योगी के बाद उत्त्तराखण्ड सरकार भी लेगी नया फैसला!

उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ पर लगाई मुहर

गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के साथ कथित लव जिहाद पर भी रोक लगने की संभावना। अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह के नियमों में फेरबदल।

उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020′ का मुख्य उद्देश्य यह है कि जबरन, दबाव डालकर, लालच देकर या किसी तरह के छल कपट से होने वाले धर्म परिवर्तनों को रोका जा सके। दूसरे धर्म में शादी कर धर्म परिवर्तन को भी रोका जा सकेगा। नाबालिग महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।

अविकल उत्त्तराखण्ड

लखनऊ/ देहरादून। उत्तर प्रदेश में सिर्फ धर्म परिवर्तन के लिए की गई शादी अमान्य मानी जायेगी। इसके अलावा अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह के नये नियमों का उल्लंघन करने पर सजा भी दी जाएगी। योगी सरकार ने मंगलवार को अवैध धर्मांतरण कानून” उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 “पर मुहर लगा दी।

Love jihad yogi
योगी के बाद भी त्रिवेंद्र उठाएंगे जरूरी कदम

उम्मीद के मुताबिक मंगलवार को गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश उत्तर प्रदेश मन्त्रिमण्डल ने पास कर दिया। लव जिहाद से जुड़े इस अध्यादेश में कहा गया है कि किसी दूसरे धर्म में शादी करने के लिए व धर्म परिवर्तन के लिए डीएम की स्वीकृति जरूरी है। शादी से पहले 2 माह की नोटिस देना भी अनिवार्य किया गया है।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020′ (Love jihad’ Ordinance News in UP) के कानून का रूप लेने के बाद गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के साथ-साथ कथित लव जिहाद पर भी रोक लगने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश सरकार के लव जिहाद के खिलाफ लाये गए अध्यादेश में साफ कहा गया है कि छल कपट, प्रलोभन,जबरन, बहला फुसला कर एक धर्म से दूसरे धर्म में किये गए धर्म परिवर्तन को गैरकानूनी माना जायेगा। यही नहीँ, अध्यादेश में अधिकतम 10 साल की सजा व 25 हजार का जुर्माना भी किया गया है।

योगी सरकार के इस फैसले के बाद उत्त्तराखण्ड कैबिनेट भी धर्मांतरण से जुड़े मुद्दे पर जल्द ही ठोस निर्णय के सकती है। हाल ही में उत्त्तराखण्ड में समाज कल्याण विभाग ने अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह की प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन पत्र मांगे गए थे। इसके बाद कुछ संगठनों ने लव जिहाद व धर्मांतरण का मुद्दा उठाकर त्रिवेंद्र सरकार से इस नियम को बदलने का दबाव बनाया।

शोर मचने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह भी विजय बहुगुणा सरकार के शासनादेश को बदलने की बात कह चुके है। विजय बहुगुणा के कार्यकाल में 27 जनवरी 2014 के संशोधित शासनादेश के बाद अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को प्रोत्साहन राशि 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गयी थी।

इस मुद्दे के गर्म होने के बाद शासन स्तर पर अंतरजातीय व अंतर्धार्मिक विवाह से जुड़े नियमों का परीक्षण किया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व आला अफसर भी इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रख चुके हैं।

Love jihad yogi

उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट के ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ की मुख्य बातें

‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ का उद्देश्य है कि जबरन, दबाव डालकर, लालच देकर या किसी तरह के छल कपट से होने वाले धर्म परिवर्तनों को रोका जा सके। नाबालिग महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। इस अध्यादेश में दूसरे धर्म में शादी करके किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को भी रोकने का प्रावधान किया गया है।

धर्म परिवर्तन के लिए डीएम की मंजूरी जरूरी

शादी में धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को यह बताना होगा कि धर्म परिवर्तन जबरन, दबाव डालकर, लालच देकर या किसी तरह के छल कपट से नहीं किया जा रहा है। डीएम की अनुमति से पहले 2 महीने का नोटिस देना होगा। ऐसा न करने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा होगी, वहीं कम से कम 10 हजार का जुर्माना भी देना होगा।

अमान्य व शून्य हो जाएगी शादी

अगर कोई सिर्फ लड़की के धर्म परिवर्तन के लिए उससे शादी करेगा तो वह शादी शून्य या अमान्य मानी जायेगी।

नियम तोड़ने पर मिलेगी यह सजा

नियमों का उल्लंघन करने पर 1 साल से 5 साल तक की सजा झेलनी पड़ सकती है। इसके अलावा 15 हजार का जुर्मान भी लगेगा। अगर लड़की नाबालिग या अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से है तो 3 से 10 साल तक की सजा व कम से कम 25,000 का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

सामूहिक धर्म परिवर्तन पर सजा व जुर्माना

सामूहिक धर्म परिवर्तन करवाने वाले को 3 साल से 10 साल तक सजा का प्रावधान किया गया है। यही नहीं कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना भी भरना होगा। इसके अलावा अध्यादेश में धर्म परिवर्तन में शामिल संगठनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की व्यवस्था भी की गई है।

नाम छिपाकर शादी करने पर 10 साल की सजा

इस अध्यादेश में नाम छिपाकर शादी करने वाले के लिए 10 साल तक की सजा मुकर्रर की गई है। इसके साथ ही यह अपराध संज्ञेय अपराध नॉन बेलिबल की श्रेणी में होगा ।

यह भी पढ़ें, plss clik

…ऐसे शादी के बन्धन में बंधे तो मिलेंगे पूरे 50 हजार, बहुगुणा सरकार का आदेश चढ़ा परवान

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *