VRS मंजूर होने के बाद कहा, हुजूर फिर से नौकरी करना चाहता हूँ

और चार दिन में VRS मंजूरी का आदेश कर दिया कैंसिल

VRS मंजूरी के नौ दिन बाद कहा, अब मेरा स्वास्थ्य ठीक, सर्विस करना चाहता हूँ

देखें सभी आदेश व पत्राचार के साथ तथ्यात्मक खबर

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। यह सब उत्तराखण्ड में ही सम्भव है। आयुर्वेद विवि का यह मामला 2019 का है। भाजपा की सरकार थी। और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत थे।

कहानी आयुर्वेद विवि के दून कैंपस की कुछ यूं है। एसोसिएट प्रो. डॉ डीपी पैन्यूली फरवरी 2019 में VRS के लिए आवेदन करते हैं. 18सितम्बर 2019 में VRS आवेदन मंजूर होता है.और फिर VRS आवेदन मंजूरी के नौ दिन बाद 26 सितम्बर को डॉ पैन्यूली फिर से नौकरी करने की इच्छा व्यक्त करते हैं। और चार दिन बाद नयीं कुलसचिव VRS स्वीकृति का 12 दिन पुराना आदेश रद्द कर देती हैं। और डॉ पैन्यूली फिर से काम करना शुरू कर देते हैं…देखें पूरी स्टोरी सिलसिलेवार-

1 फरवरी 2019 – आयुर्वेद विवि के मुख्य कैंपस देहरादून के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ डी पी पैन्यूली VRS स्वैच्छिक रिटायरमेंट के लिए आवेदन करते हैं।

1 अप्रैल 2019 – तत्कालीन कुलसचिव राम जी शरण शर्मा दून कैम्पस के निदेशक से VRS के बाबत कुछ बिंदुओं पर विशेष जानकारी मांगते हैं।

तत्कालीन कुल सचिव रामजी शरण शर्मा 1 अप्रैल के अपने पत्र में लिखते है कि- स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति उपरान्त भविष्य में नियुक्ति हेतु कोई दावा प्रस्तुत न किये जाने से संबंधित शपथ पत्र।
डॉ० डी०पी० पैन्यूली को स्वैच्छिक सेवानिवृत प्रदान किये जाने में कोई कठिनाई तो उत्पन्न नहीं होगी (देखें नीचे विस्तृत पत्र)।

डॉ पैन्यूली की ओर से इस आशय का शपथ पत्र जमा होने के बाद तत्कालीन कुल सचिव राम जी शरण शर्मा 18 सितम्बर 2019 को नौकरी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट स्वीकार कर लेते हैं। लगभग 8 महीने बाद VRS पर मुहर लगती है।

तेजी से घूमा VRS का मामला

इसके बाद तत्कालीन सचिव राम जी शरण शर्मा की जगह डॉ माधवी गोस्वामी कुलसचिव बनती हैं। और फिर डॉ पैन्यूली 18 सितम्बर को VRS मंजूर होने के बाद एक्टिव होते हैं।

26 सितम्बर 2019 – डॉ पैन्यूली नौकरी की फिर से दरियाफ्त करते हैं। लिखते हैं कि अब मेरा स्वास्थ्य ठीक है और मैं सेवा में बने रहने का इच्छुक हूँ, (देखें हस्तलिखित पत्र)।

इस पत्र पर बिजली की फुर्ती की तरह कार्यवाही होती है-

30 सितम्बर 2019- और 18 सितम्बर का स्वैच्छिक रिटायरमेंट मंजूर करने सम्बन्धी तत्कालीन कुलसचिव राम जी शरण शर्मा का आदेश कैंसिल कर दिया जाता है। देखें तत्कालीन कुलसचिव डॉ माधवी गोस्वामी ने क्या लिखा-

18 सितम्बर, 2019 जोकि डा० देवी प्रसाद पैन्यूली का त्याग-पत्र (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) को स्वीकृत करने के सम्बन्ध में निर्गत किया गया था, को निरस्त किया जाता है। 2 उक्त आदेश माननीय कुलपति महोदय की अनुमति/सहमति से निर्गत किया जा रहा है।

13 जुलाई 2022-तत्कालीन कुलसचिव डॉ सुनील जोशी डॉ पैन्यूली को मुख्य कैंपस दून का निदेशक बना देते हैं

21 अगस्त 2023- डॉ पैन्यूली को निदेशक पद से हटाकर प्रो.सती को नया निदेशक बनाया जाता है।

बहरहाल, इस पूरे स्वैच्छिक रिटायरमेंट के इस पूरे एपिसोड ने नियमों की अवहेलना और पालन पर नयी बहस छेड़ दी है। इधर निदेशक पद से हटने के बाद डॉ पैन्यूली मूल पद पर ड्यूटी बजा रहे हैं…

30 सितम्बर 2919 का वह पत्र जिसमें डॉ पैन्यूली का स्वीकृत VRS आदेश निरस्त किया गया था

कार्यालय आदेश ।
उत्तराखण्ड
शासन
कार्मिक अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या- 589 / कार्मिक-2 / 2003-55 (38)/2003 दिनांक 13 मई, 2003 के नियम 06 व 07 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत विश्वविद्यालय द्वारा सम्यक विचारोपरान्त विश्वविद्यालय के पत्र संख्या 1663 / उ०आ०वि० / अधि0-37/2019-20 दिनांक 18 सितम्बर, 2019 जोकि डा० देवी प्रसाद पैन्यूली का त्याग-पत्र (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) को स्वीकृत करने के सम्बन्ध में निर्गत किया गया था, को निरस्त किया जाता है। 2 उक्त आदेश माननीय कुलपति महोदय की अनुमति/सहमति से निर्गत किया
जा रहा है।
(डा० माधवी गोस्वामी)
कुलसचिव

26 सितम्बर 2019-डॉ पैन्यूली ने कहा, VRS आवेदन कैंसिल किया जाय

सेवा में राजेस्ट्रार उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला, देहराइन

द्वारा-उचित माध्यम

महोदया,

निवेदन है कि पूर्व मे आवस्थ होने के कारण मैने दिनांक 01.02. 2019 को स्वैच्छिक सेवा निवृत्तिव लिये आवेदन किया था

अब: स्वास्थ्य ठीक होने के कारण सेवा में रहने का इच्छुक हूँ।, अत:- पुन: सेव सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही करने की कृप मै इस करें।

सधन्यवाद,भवदीप, (डा. डी०पी० पैन्पूली

1 अप्रैल 2019- तत्कालीन कुलसचिव राम जी शरण शर्मा का पत्र

सेवा में,
परिसर निदेशक,
आयुर्वेद संकाय, गुख्खा परिसर, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून ।
विषय : डॉ० डी०पी० पैन्यूली एसोसिएट प्रोफेसर (गाणित प्रोफेसर पद), रसशास्त्र विभाग का स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के संबंध में।
महोदय.
उपर्युक्त विषयक अपने पत्र संख्या- 111/ उ०आ०वि० / आयु10/2019, दिनांक 11 फरवरी, 2018 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसमें आपके परिसर में कार्यरत डॉ० सी०पी० पैन्यूली, एसोसिएट प्रोफेसर (नामित प्रोफेसर पद), रसशास्त्र विभाग द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति संबंधी प्रार्थना पत्र दिनांक 01 फरवरी, 2019 आपके माध्यम से विश्वविद्यालय को प्रेषित किया गया है। इस संबंध में कृपया निम्नलिखित बिन्दुओं पर अपनी सुस्पष्ट आख्या संस्तुति सहित विश्वविद्यालय
2-
को उपलब्ध कराने का कष्ट करें –
डॉ० डी०पी० पैन्यूली से पुनः बिना शर्त के स्वैच्छिक सेवानिवृत्त संबंधी प्रार्थना पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत किया जाए।
डॉ० डी०पी० पैन्यूली के विरूद्ध विभाग में कोई अनुशासनिक कार्यवाही तथा माननीय न्यायालय में कोई वाद लम्बित / विचाराधीन तो नहीं है गया स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति उपरान्त भविष्य में नियुक्ति हेतु कोई दावा प्रस्तुत न किये जाने, से संबंधित शपथ पत्र।
डॉ० डी०पी० पैन्यूली को स्वैच्छिक सेवानिवृत प्रदान किये जाने में कोई कठिनाई तो उत्पन्न नहीं होगी
भवदीय,
(रामजी करण शर्मा)

18 सितम्बर 2019- डॉ पैन्यूली का VRS आवेदन मंजूर

सेवा में,
परिसर निदेशक,
आयुर्वेद संकाय, मुख्य परिसर,
उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून।
विषय :– डाँ० देवी प्रसाद पैन्यूली, एसोसिएट प्रोफेसर, रसशास्त्र एवं मैषज्य कल्पना विभाग, आयुर्वेद संकाय, मुख्य परिसर देहरादून का त्याग पत्र (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) स्वीकृत / अनुमति प्रदान किये जाने विषयक |
महोदय,
उपर्युक्त विषयक आपके पत्र संख्या-111/ उ०आ०वि०/ आयु०सं०/- 2019 दिनांक 11 फरवरी, 2019 एवं पत्र संख्या-366/उ०आ०वि०/आयु0सं0/2019-20 दिनांक 04 अप्रैल, 2019 के साथ संलग्न डॉ० देवी प्रसाद पैन्यूली, एसोसिएट प्रोफेसर, रसशास्त्र एवं मैषज्य कल्पना का प्रार्थना पत्र दिनांक 01 फरवरी, 2019 एवं दिनांक 03 अप्रैल, 2019 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। तद्कम में कार्मिक अनुभाग-2 के. शासनादेश संख्या- 1844 / कार्मिक-2/2002 दिनांक 09 अप्रैल 2003 एवं उत्तराखण्ड सरकारी सेवक त्याग-पत्र नियमावली, 2003 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत विश्वविद्यालय द्वारा सम्यक विचारोपरान्त डॉ० देवी प्रसाद पैन्यूली का त्याग पत्र (स्वैच्छिक सेवानिवृति) को स्वीकार करते हुये अनुमति प्रदान की जाती
है। 2- कृपया उपरोक्तानुसार प्रश्नगत प्रकरण में उक्त शासनादेश एवं नियमावली में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। 3 उक्त आदेश माननीय कुलपति महोदय की अनुमति / सहमति से निर्गत किया जा रहा है।
(रामजी शरण शर्मा) कुलसचिव

13 जुलाई 2022- डॉ पैन्यूली बने दून कैम्पस के निदेशक

दिनांक : 13 जुलाई, 2022
कार्यालय आदेश
तात्कालिक प्रभाव से विश्वविद्यालय हित में प्रोफेसर राधाबल्लभ सती, रोग निदान विभाग, मुख्य परिसर, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून से परिसर निदेशक, मुख्य परिसर का प्रभार वापस लेते हुए कार्यों के संचालन हेतु डा० डी०पी० पैन्यूली, नामित प्रोफेसर रस शास्त्र विभाग, मुख्य परिसर, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून को अपने वर्तमान कार्यो के साथ-साथ प्रभारी परिसर निदेशक, आयुर्वेद संकाय, मुख्य परिसर, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून का प्रभार सौंपा जाता है।
2- उक्तानुसार शिक्षकगण अविलम्ब संबंधित आदेश का अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
संख्या एंव दिनांक तदैव ।
(प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी) कुलपति

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उत्तराखंड आयुर्वेद विवि- वीआरएस मंजूर फिर भी बना दिया निदेशक

प्रोफेसर राधाबल्लभ सती दून आयुर्वेद परिसर के निदेशक बने

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