Breaking- सालाना तबादले में कार्मिकों को छूट मिली, तीन शासनादेश जारी

कार्मिक सचिव ललित मोहन रयाल ने जारी किए आदेश, देखें तबादले से जुड़े विस्तृत नये नियम व शर्तें

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। शासन ने वार्षिक स्थानांतरण में कार्मिकों को छूट प्रदान करते हुए तीन शासनादेश जारी किए। कार्मिक सचिव ललित मोहन रयाल ने बुधवार को उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा व अभियांत्रिकी सेवा के कार्मिकों के तबादले से सम्बंधित शासनादेश जारी किए।

1- ताजे शासनादेश के तहत बीमारी से सम्बंधित मामलों को 15 प्रतिशत ट्रांसफर की सीमा से अलग रखा गया है।

2- शिक्षा विभाग में अब मध्य सत्र में ट्रांसफर हो सकेंगे

3- राज्याधीन समस्त विभागों में अभियन्त्रण सेवा के अधीक्षण अभियन्ता को गृह वृत्त / जनपद से बाहर
तैनाती दी जा सकेगी, अधिशासी अभियन्ता को गृह खण्ड से इतर स्थानों में तैनाती की जा
सकेगी, सहायक अभियन्ता / कनिष्ठ अभियन्ता को गृह उपखण्ड / तहसील से बाहर तैनात किया
जा सकेगा।

विषयः
सेवा में,
के सम्बन्ध में।
स्थानांतरण सत्र 20023-24 में स्थानांतरण की अधिकतम सीमा निर्धारण आदि प्राविधानों
महोदय उपर्युक्त किया एवं साता विभाग, उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या-1 118324 / 23 दिनांक 18.04.2023 का अन्य ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके माध्यम से वर्तमान स्थानान्तरण सत्र 2023-24 हेतु वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 को भारा 23 अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष सामान्य स्थानान्तरण हेतु निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार स्थानान्तरण की कार्यवाही करने के निर्देश निर्गत किये गये हैं।
2 के मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त लोक सेवकों के लिए धार्मिक स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के सन्दर्भ में वर्तमान स्थानांतरण स 21023-24 तु विभागान्तर्गत प्रत्येक संवर्ग ने स्पानतिरण की अधिकतम सीना को 15 प्रतिशत तक सीमित रखने का निर्णया गया है। उक्तानुसार वर्तमान स्थानान्तरण सत्र हेतु निर्धारित 15 प्रतिशत स्थानान्तरणको सीमा को पात्रता थी में आने वाले कार्मिकों का 15 प्रतिशत समझा जाए, किन्तु स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 17(1)(ख) की श्रेणी (एक), (दो) यह (तीन) से आच्छादित कार्मिकों से अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण अधिकतम सीमा के अतिरिक्त किये जा सकेंगे अर्थात् दिगन्तर्गत रामान्तरण अधिनियम की धारा 17()() की श्रेणी (एक) (दो) एवं (तीन) से आच्छादित कार्मिकों के अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण हेतु प्राप्त प्रत्यावेदन में से अ कार्मिकों के प्रत्यावेदनों की संख्या सीमा तक सुगम श्रेणी से दुर्ग श्रेणी में अनिवार्य स्थानान्तरण हेतु पात्र कार्मिकों को तैयार की गयी सूची उपलब्ध कार्मिकों को अनिवार्य रूप से रित किया जायेगा।
3 चक्के अतिरिक्त मुझे यह भी कहने का निदेश हुआ है कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 3(घ) में पष्ट रूप से उल्लिखित रोगों था कैंसर वह कैंसर एस / एचआईवी पॉजिटिव) हृदय अथवा एस्ट्री किया गया हो) किडनी रोग (दोनों हो जाने से बालिसिस पर निर्भर, हनी ट्रांसप्लान्ट किया गया हो अथवा एक किडनी निकाली गयी हो) (दोनों फेफड़े हो अथवा एक फेफडा पूर्णतः स्पाईन की रा) मिर्गी एवं मानसिक रोग से ग्रस्त कार्निका कोण अधिनियम की धारा 3() में उल्लिखित राक्षण का प्रमाण पत्र प्ररा करने पर अनिवार्य स्थानान से छूट अथवा अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण प्रस्तावित किया जा सकता है किन्तु उपरोक्त रोगों के अतिरिक्त अन्य गम्भीर रोगों जिनका उल्लेख चारा नहीं है ऐसे गम्भीर रोगों स्थानान्तरण अधिनियम की धारा में लिखित सक्षम सार से निर्गत प्रमाण मंत्र का परीक्षण महास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा किया जायेगा। यह समिति करेगी कि कार्मिक अमुक नीर रोग से है और इस रोग से प्रसित होने के कारण सम्बन्धित कार्मिक की दुर्गम अथवा किसी विशेष स्थान पर तैनाती की जा सकती है अथवा नहीं दन्तारा) में सक्षम न प्रमान पुत्र एवं उक्त समिति की संस्तुति स्थानान्तरण अधिनियम की धारा ४(घ) के आधार पर कार्मिक का स्थानान्तरण प्रस्ताव स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-27 के अन्तर्गत गठित समिति को सन्दर्भित किया जायेगा। 2
Generated from Office by BILAS DODIAL 50-KARWK SECTION 3G SECTION OFFICER, Fred Vigance Department on 10/05/2023 00:43 PM
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4- यह भी कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा घसेकार्मिकों को रंग में स्थानान्तरण से छूट होने के कारण कति कर्मिकों को सुगम क्षेत्र से एक ही कार्यालय में वर्षों से कार्यरत होने की स्थिति हो रही है। अतः यह निर्णय लिया गया है कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 7 (घ) में लिखित से दिकर्मकों को सुगम के एक कार्यालय / जनपद में चार वर्ष पूर्ण होने के सन्त सुन के दूसरे निकटवर्तील जगपद हा पद रिक्त हो, स्थानाचारित किया जागा पदसि न होने की दशा में श्रेणी के दो कार्मिकों को पारस्परिक रूप से ताजा है।
5- शासन द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि किसी भी विभाग द्वारा भविष्य में स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-17(2) (ख) में उल्लिखित कारणों के अतिरिक्त संवर्ग परिवर्तन संवर्ग से बाहर नान्तरण कोई भी स्थानानारण अधिनियम की धारा 27 के अन्तर्गत गठित समिति विचारार्थ प्रस्तुत नहीं किये जायेंगे।
Signed by Lalit Mohan
भवदीय,
(ललित मोहन
Rayal Date: 19-05-2023 17:39:33
उच्च शिक्षा विभाग / विद्यालयी शिक्षा विभाग से स्थानानारण अधिनियम 2017 छूट किये जाने के सम्बन्ध में। उत्तराखण्ड लोक के स्थानान्तरण अधिनियम 2017 की में महोदय
ययन में कठिनाई का निवारण के संबंध में प्रधान है
इस अनोख्या के उपरान अन्य विभागों की नीतियाँ अधिनियम पर इस अधिनियम का यह प्रभाव होगा: परन्तु यदि किसी विभाग द्वारा अपने विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों के कारण इस
अधिनियम के केसी प्राविधान में कोई परिवर्तन अपेक्षित हो अथवा कार्य में कोई विचलन किया जाना अवश्यक हो अथवा कोई हो तो ऐसे परिवलन प्रस्ताव रुकारण मुख्य विकीमें गठित समिति प्रस्तुत किया जायेगा। इस समिति की संस्तुति पर गा
मुख्यमंत्री की के अनुमोदन के उपरान्तीति परिवर्तन / विचलन छूट अनुमन्य होगा। 2 अतः इस सम्बन्ध में उक्त समिति की संस्तुति के मुझे का निवेश हुआ है कि द्वारा सम्यक उच्च शिक्षा / विद्यालयी शिक्षाविभाग हेतु छात्रहित कार्य अधिनियम 2017 के कतिपय प्रधान निम्न छूट प्रदान की जाती है

(क) यदि किसी महाविद्यालय/विद्यालय में शैक्षणिक सत्र के कैंसर एमए (पोजिट) हृदयबाय पास सर्जरी अथवा एजियोप्लास्टी किया गया हो, किन रोग दोनों किडनी फेल हो जाने से डायलिसिस पर निर्भर, किडनी ट्रांसप्लान्ट क्रिया गया हो एक किसी बकुलोसिस (दोनों फेकतो अथवा एका पूर्णतः खराब हो) स्पाईन की टूटने सार्थ (स्टेज) मिनी मानसिक रोग आदि अन्य गम्भीर रोग के संज्ञान में तो कार्मिकों को न स्थान में रिक्ति उप की दशा में सक्षम प्राधिकारी द्वारा शैत्रसमाप्ति स्वस्थ हो जाने पर भी पहले हो एक नितान्त अस्थायी तौर पर कार्य योजिए किया जा सकेगा इन मामलों में चिकित्सा बोर्ड / सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र आवश्यक होगा।
निम्नलिखित मामलों में छात्रों को अनवरत शिक्षा कराने के उद्देश्य शिक्षा/महानिदेश विद्या शिक्षा के अनुमोदन पर मुखा शिक्षा अधिकारी द्वारा विभागीय कार्य कर्मयोजित किया जा सर्वागा छात्रसंख्या शून्य हो परन्तु शिक्षक कार्यरत ह
संस्था में विषय में पर्याप्त छात्र संख्या होने के बावजूद विषय शिक्षण न हो
में स्वीकृत सीटों में संख्या न्यून अधिक हो परन्तु सबंधित विषय में शिक्षकों की संख्या अधिक/न्यून हो इस प्रकार के प्रण अपर शिक्षा / अपर सचिव, विद्यालयी शिक्षा / महानिदेशक, विद्याल शिक्षा समिति का गठन किया जायेगा। 4. शिक्षकों की सेवानिवृत्ति स्थानांतरण दीर्घ व अन्य कारणों से शिक्षकविहीन हो जाने की दशा में
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0988/2023 988/2023
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सरकार विभागीय योजनाओं के विभाग द्वारा यानुसार पी.एम.यूपीआईयू का नाम किया जायेगा। उक्त गठन छः गाह जो भी पहले हो की अवधि कर्मिकों को ताजित किया जा ऐसे कर्मों अपर सचिव, उच्च शिक्षा / अपर सचि
शिक्षा/महानिदेशक विद्यालय शिक्षा की समिति का गठन किया ग
कुरानुसार अतार कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करें।
भवदीय,
विषयः राज्याधीन समस्त विभागों में अभियन्त्रण सेवा के अभियन्ताओं को स्थानान्तरण अधिनियम 2017 के कतिपय प्राविधानों से छूट प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में। महोदय,
उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिये वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा-27 में अधिनियम के क्रियान्वयन में कठिनाई का निवारण के संबंध में प्राविधान है कि :- इस अधिनियम के प्रख्यापन के उपरान्त अन्य विभागों की वार्षिक स्थानान्तरण नीतियों / अधिनियमों पर इस अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव होगा;
परन्तु यह कि यदि किसी विभाग द्वारा अपने विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों के कारण इस अधिनियम के किसी प्राविधान में कोई परिवर्तन अपेक्षित हो अथवा कार्यहित में कोई विचलन किया जाना आवश्यक हो अथवा कोई छूट अपरिहार्य हो तो ऐसे परिवर्तन / विचलन / छूट हेतु प्रस्ताव सकारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। इस समिति की संस्तुति पर मा० मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन के उपरान्त ही वांछित परिवर्तन / विचलन / छूट अनुमन्य होगा।
2 अतः इस सम्बन्ध में उपरोक्त समिति की संस्तुति के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त राज्याधीन समस्त विभागों में अभियन्त्रण सेवा के अभियन्ताओं हेतु स्थानान्तरण अधिनियम 2017 के कतिपय प्राविधानों से निम्नवत् छूट प्रदान की जाती है :-

1. राज्याधीन समस्त विभागों में अभियन्त्रण सेवा के अधीक्षण अभियन्ता को गृह वृत्त / जनपदसे बाहर
तैनाती दी जा सकेगी, अधिशासी अभियन्ता को गृह खण्ड से इतर स्थानों में तैनाती की जा
सकेगी, सहायक अभियन्ता / कनिष्ठ अभियन्ता को गृह उपखण्ड / तहसील से बाहर तैनात किया
जा सकेगा।
राज्याधीन समस्त विभागों में दुर्गम क्षेत्र में तैनात अभियन्ता, दुर्गम में ही तैनाती हेतु इच्छुक होने की दशा में अनिवार्य स्थानान्तरण से छूट हेतु अर्ह होगा, बशर्तें ऐसे अभियन्ता के विरुद्ध कोई जांच एवं शिकायत आदि प्रशासनिक आधार के मामले प्रचलित न हों।
राज्याधीन समस्त विभागों में अभियन्त्रण सेवा के 58 वर्ष से अधिक आयु के अभियन्ता को पद रिक्त होने की दशा में उनके इच्छित स्थान पर तैनाती दी जा सकेगी, किन्तु बिन्दु-1 में उल्लिखित पदों के इतर पदों पर स्थानान्तरण / तैनाती स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-17 (2) (क) के प्रतिबन्धों के अधीन की जायेगी।
3- उक्त के अतिरिक्त मुझे यह भी कहने का निदेश हुआ है कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-17 (ख) (एक) से (सात) के अन्तर्गत अनुरोध के आधार पर एक से अधिक कार्मिकों के प्रत्यावेदन प्राप्त होने पर दुर्गम स्थल में अधिक समय तक तैनात रहे कार्मिक को वरीयता दी जायेगी। 4-
कृपया तदनुसार अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करें।
भवदीय,
(ललित मोहन स्याल) अपर सचिव ।

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