ग्राफिक एरा का दुनिया को एक और बड़ा तोहफा
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से व्यायाम को सुखद बनाया
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। ग्राफिक एरा के शिक्षकों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का शानदार इस्तेमाल करके शारीरिक व्यायाम की कई परेशानियों को एक सुखद अहसास में बदल दिया। केंद्र सरकार ने इस नए आविष्कार का पेटेंट ग्राफिक एरा के दो शिक्षकों और एक वैज्ञानिक के नाम दर्ज करके इस पर अपनी मुहर लगा दी है। खास बात ये है कि ये गौरवशाली खोज करने वाले शिक्षकों में ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला भी शामिल हैं।
जिम से शरीर में होने वाले दर्द से निजात दिलाने वाला यह आविष्कार एक्सरसाइज के कारण पैरों, घुटने आदि को पीड़ा से बचाएगा। यही नहीं, दर्द होने की स्थिति में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित यह डिवाइस खुद उसका पता लगाकर मसाज से लेकर सिकाई तक करेगी।
यह आविष्कार करने वाली टीम में ग्राफिक एरा के संस्थापक अध्यक्ष और कम्प्यूटर साईंस के लोकप्रिय शिक्षक डॉ कमल घनशाला के साथ ही ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी की कम्प्यूटर साईंस इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर आकांक्षा गुप्ता और डॉ विशाल गुप्ता शामिल हैं। डॉ विशाल गुप्ता एनर्जी मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं।
इस टीम की यह खोज एक्सरसाइज के दौरान पैर, जोड़ों और घुटनों को दबाव से बचाएगी। इसके लिए इसमें पैड्स के साथ स्प्रिंग लगाया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ा एक मोटर ऐसे स्प्रिंग को कंट्रोल करेगा। इस तरह व्यायाम से घुटनों में आने वाले दबाव को स्प्रिंग एब्जॉर्व कर लेगा। शरीर के दर्द की अनुभूति का पता लगाने के लिए फोर्स सेंसर और फैटीग सेंसर इस्तेमाल किए गए हैं।
ब्लड फ्लो के आधार पर सेंसर माइक्रो कंट्रोलर के जरिये डिवाइस को शरीर में दर्द होने की सूचना देगा। कम दर्द होने पर यह डिवाइस उस जगह सिकाई शुरू कर देगी। इसके बाद भी दर्द के सिग्नल मिलने पर मसाज और जिंजर ऑरेंज ऑयल भी यह डिवाइस खुद रिलीज करेगी। इस तरह यह डिवाइस शरीर को दर्द से बचाकर व्यायाम को एक सुखद अहसास में बदल देगी।
यही नहीं, यह डिवाइस कोई एक्ससाइज गलत ढंग से करने पर सिग्नल देकर उसकी सूचना देगी। यानि इस डिवाइस को इस्तेमाल करने वाले गलत एक्सरसाइज से होने वाली परेशानी से भी बचेंगे।
केंद्र सरकार ने इस लाजवाब आविष्कार का पेटेंट डॉ. कमल घनशाला, डॉ आकांशा गुप्ता और डॉ विशाल गुप्ता के नाम दर्ज करके इस खोज पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी है। इस टीम को 20 वर्ष के लिए यह पेटेंट दिया गया है।
डॉ आकांक्षा गुप्ता ने बताया कि डॉ कमल घनशाला के नेतृत्व में एक साल दिन रात काम करके यह आविष्कार किया गया है। बहुत से लोग गठिया, पैरालिसिस और न्यूरो डिसऑर्डर के कारण एक्सरसाइज नहीं कर पाते। एक्सरसाइज न कर पाने के कारण उनका ठीक होना तो दूर, मर्ज और बढ़ता जाता है। विशेष रूप से ऐसे लोगों की परेशानी और दिन ब दिन बढ़ती बीमारी देखकर इस तरह की कोई डिवाइस बनाने का ख्याल आया था।
टीम ने इस विचार को बहुत गंभीरता से लिया और फिर टीम इस गंभीर समस्या का हल तलाशने में जुट गई। तमाम तरह के प्रयोगों के बाद यह कामयाबी मिली है। यह डिवाइस खिलाड़ियों के लिए भी बहुत उपयोगी साबित होगी। जो खिलाड़ी काफी ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं, कोई गलत स्टैप उन्हें परेशानी में डाल सकता है। यह डिवाइस एलार्म देकर उन्हें गलत स्टैप से रोकेगी और नुकसान से बचाएगी।
ग्राफिक एरा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने कहा कि दुनिया की हर नई टेक्नोलॉजी से जुड़े होने के कारण शिक्षक युवाओं का भविष्य संवारने के साथ ही देश और समाज को कुछ बड़ा देने की सोचते हैं। यह डिवाइस ऐसी ही सोच को अमली जामा पहनाने का एक सुखद परिणाम है। जल्द ही इस डिवाइस को लाभ पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए इसके व्यावसायिक उत्पादन की योजना बनाई जाएगी।
यह टीम किसानों की जिंदगी में नई खुशियां लाने के लिए भी एक यूनिक डिवाइस बनाने पर काम कर रही है।
एक के बाद एक नई खोजों के जरिये दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय के इस नए आविष्कार और उसका पेटेंट मिलने पर आज विश्वविद्यालय परिसर में खूब खुशियां मनाई गईं।
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