हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए जमीन न देने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री से मिले
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। जॉलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तार से आशंकित टिहरी बांध विस्थापित व इलाके के एक प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा विधायक बृजभूषण गैरोला के नेतृत्व में सीएम धामी को अपनी समस्या बताई।और उन्हें हवाई अड्डे के आबादी क्षेत्र में विस्तार न करने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया ।
क्षेत्रीय विधायक बृज भूषण गैरोला ने टिहरी बांध विस्थापितों और जौलीग्रांट क्षेत्र के लोगों की इस गंभीर समस्या पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि बार-बार उजड़ने से लोगों को बचाना बेहद जरूरी है
विधायक गैरोला ने कहा कि हवाई अड्डे के विस्तार या एरो सिटी बनाने के लिए यदि सरकार को जमीन की आवश्यकता है तो वह आबादी क्षेत्र की बजाए जंगल क्षेत्र व सरकारी जमीन के विकल्प पर काम करें जिससे किसी को विस्थापित ना करना पड़े और न सरकार को इसके लिए किसी प्रकार का मुआवजा देना पड़े ।
गजेंद्र रावत ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में ऐसे दुकानदार और स्वरोजगार करने वाले लोग हैं जिनके पास घर चलाने के लिए इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है और यदि जबरदस्ती उनकी जमीन दुकान का अधिग्रहण कर दिया गया तो ऐसे में वे लोग मजबूरी में आत्महत्या जैसे कदम उठा सकते हैं क्योंकि उनके पास रोजी रोटी का कोई और इंतजाम नहीं है ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि जन भावना का सम्मान किया जाएगा और इस पूरे प्रकरण का परीक्षण करवाया जाएगा ।
प्रतिनिधिमंडल में जौलीग्रांट क्षेत्र के पूर्व ग्राम प्रधान सागर मनवाल अठूरवाला के वयोवृद्ध नेता विक्रम सिंह भंडारी कमल सिंह राणा बलदेव सिंह सुमेर सिंह नेगी और दिनेश सिंह सजवान शामिल थे
ज्ञापन
सेवा में श्रीमान
पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार
विषय : देहरादून हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के विषय में
माननीय मुख्यमंत्री जी
देहरादून हवाई अड्डे के विस्तारीकरण हेतु हमारी जमीन का माफ जोख किया जा रहा है जिसके कारण टिहरी बांध विस्थापित अठूरवाला और जौलीग्रांट के सैकड़ों परिवार, दुकानदार, होटल, ढाबे तमाम स्वरोजगार करने वाले लोग आशंकित होकर आंदोलन कर रहे हैं बार-बार उजड़ने का दंश हम लोग दो बार झेल चुके हैं लोगों के पास रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं है हम लोग की खेती की जमीन बचाने को संघर्ष कर रहे हैं
जन भावना को समझने के लिए हमने महापंचायत का भी आयोजन किया जिसमें सर्वसम्मति से हवाई अड्डे के विस्तारीकरण या एरोसिटी के निर्माण के लिए जमीन न देने का संकल्प लिया गया है
टिहरी बांध के निर्माण के लिए हम टिहरी के लोगों ने अपने पुरखों की बेशकीमती जमीन घर बार पैत्रिक संपत्ति सब कुछ का राष्ट्र के नाम त्याग किया
1980 में हमे भानियावाला बसाया गया 2003-04 में हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए एक बार फिर हटाया गया और अब 2022 में फिर से हम लोग उजड़ने के डर से आशंकित है
सरकार यदि देहरादून हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना चाहती है तो उसके लिए उस विकल्प पर काम किया जाए जिससे किसी को बेघर न होना पड़े सरकार के पास अपनी निजी भूमि व भारी मात्रा में जंगल क्षेत्र मौजूद है पूर्व में उसका सर्वे भी किया जा चुका है और यदि हवाई अड्डे का विस्तारीकरण जंगल की ओर किया जाता है तो सरकार को इसके लिए न तो किसी को विस्थापित करना पड़ेगा और ना ही किसी प्रकार का मुआवजा देना पड़ेगा इससे क्षेत्र के सैकड़ों वे दुकानदार होटल मालिक ढाबे वाले भी बच जाएंगे जिन्होंने वर्षों की तपस्या के बाद अपना स्वरोजगार कायम किया है।
क्योंकि सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी भी इन्हीं से जुड़ी हुई है ऐसे में जन भावना के अनुरूप काम करना बेहद जरूरी है इसलिए हमारी सरकार से गुजारिश है कि सरकार टिहरी बांध विस्थापित और जौलीग्रांट क्षेत्र के लोगों की जमीन की बजाए विस्तारीकरण के लिए जंगल वाला विकल्प अपनाएं ताकि जन भावनाएं भी आहत न हों और विकास का कार्य बदस्तूर आगे बढ़े
इस अवसर पर गजेंद्र सिंह रावत कंडल अठूर वाला सागर मनवाल, विक्रम सिंह भंडारी, कमल सिंह राणा, बलदेव सिंह सुमेर सिंह नेगी
व दिनेश सिंह सजवान मौजूद रहे।ब
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