दून में खनन निदेशक को बेखौफ माफिया ने अपहरण कर बनाया बंधक

स्टोन क्रशर व खनन पट्टे में हिस्सेदारी का बनाया दबाव,मुकदमा दर्ज

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच उत्तराखण्ड सरकार के खनन विभाग के निदेशक एस एल पैट्रिक को गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर स्टोन क्रशर व पट्टे में हिस्सेदारी का दबाव बनाने व 50 लाख फिरौती मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वसंत विहार इलाके में हुई यह सनसनीखेज वारदात।

घटना 9 अप्रैल की है। खनन निदेशक की तहरीर पर दून पुलिस ने ओमप्रकाश तिवारी समेत अन्य के खिलाफ कैंट थाने में विभिन्न धाराओं 342,344,504,506 में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

कुछ दिन पहले दून में ही बदमाशों ने दिनदहाड़े एक फ्लैट में घुस कर डकैती डाली। बाद में आशारोड़ी के पास मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हो गया। मुठभेड़ में एक दारोगा भी घायल हुआ।

इन दोनों घटनाओं से दहशत का माहौल देखा जा रहा है।

खनन निदेशक की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा

नकल प्रार्थना पत्र हिन्दीलिखित टाईप शुदा वादी सेवा में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून। विषय श्री ओम प्रकाश तिवारी पुत्र श्री शंकर दत्त तिवारी, आदर्श बिहार कारगी रोड, देहरादून द्वारा अपहरण की नियत से बंधक बनाये जाने तथा इसकी एवज में रु० 50.00 लाख की फिरौती मांगे जाने एंव पैसा न दिये जाने पर जान-माल की धमकी आदि के सम्बन्ध में प्राथमिकी दर्ज किये जाने विषयक महोदय, अवगत कराना है कि प्रार्थी भूतत्व एव खानिकर्म निदेशालय, उत्तराखण्ड देहरादून में निदेशक के पद पर कार्यरत है। विभागीय कार्य हेतु उसका सचिवालय के खनन विभाग में बैठकों आदि हेतु आवागमन रहता है। कुछ समय पूर्व सचिवालय में एक व्यक्ति, जिसका नाम श्री ओम प्रकाश तिवारी है. प्रार्थी को अपर सचिव श्री लक्ष्मण सिंह जी के कार्यालय में मिला एंव स्वयं को अपर सचिव का नजदीकी बताते हुए

प्रार्थी को अपनी इच्छा से अवगत कराया कि वह प्रदेश में खनन कार्यों से सम्बन्धित प हो एवं क्रेशर से सम्बन्धित का करना चाहता है, जिस हेतु जानकारी चाही। प्रार्थी द्वारा उसे अवगत कराया गया कि समय-समय पर खनन सम्बन्धी ई-निविदायें आमंत्रित की जाती है. जो विज्ञापन के माध्यम से होती है. तद् नु सार वह उसमें प्रतिभाग कर सकता है। ई-निविदा एव स्टोन केशर आदि की जानकारी हेतु वह अक्सर शासन में ही अपर सचिव महोदय के कार्यालय कक्ष में प्रार्थी से मिलता रहा। इसी क्रम में अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में उक्त ओम प्रकाश तिवारी द्वारा प्रार्थी से खनन सम्बन्धी कार्य एंव निविदाओं में किस प्रकार प्रतिभाग किया जाये, ऐसी जानकारी के लिए समय की आशा की गयी, परन्तु प्रार्थी की शासकीय व्यस्तता के कारण प्रार्थी से दिन रविवार (अवकाश दिवस) का समय चाहा गया, परन्तु पारिवारिक व्यस्तता के कारण समय दिया जाना सम्भव न होने के कारण प्रार्थी द्वारा उसे दिनांक 08.04.2024 की शाम को मिलने हेतु कहा गया दिनांक 08.04.2024 को शासकीय कार्य में व्यस्त रहने के कारण उक्त ओम प्रकाश तिवारी की फोनकॉल पर प्रार्थी द्वारा उसे अगले दिन शाम को निलने को कहा गया, जिस पर उसके द्वारा प्रार्थी से घर पर मिलने को कहा गया। यह कि दिनांक 09.04.2024 की सांयकाल समय लगभग 08.000 बजे प्रार्थी जब घर पहुंचा तो लगभग 25 मिनट बाद ही उक्त ओम प्रकाश तिवारी अपनी कार द्वारा प्रार्थी के घर 34-इन्दानगर वसन्त विहार, देहरादून पहुंचा और मोबाईल नम्बर-9897191224 से प्रार्थी के मोबाईल नम्बर-8192802321 पर कॉल किया एवं प्रार्थी द्वारा दरवाजा खोलने पर उत्ते अन्दर आने को कहा, परन्तु उसने यह कहकर कि घरवाले डिस्टैब होंगे, कहीं आस-पास स्टोरेंट में बैठ जाते हैं. ताकि विस्तार से यह खनन प्रक्रियाओं को समझ सके। प्रार्थी ने अपनी सरकारी गाडी में उसे साथ बैठने को कहा जिस पर उसके द्वारा कहा गया कि प्रार्थी उसके साथ ही उसकी गाडी में बैठ जाये और वह स्वयं ही प्रार्थी को घर छोड देगा दे परन्तु प्रार्थी द्वारा अपने ड्राईवर को निर्देशित किया कि वह गाडी लेकर पीछे-पीछे आ जाये। श्री ओमप्रकाश तिवारी द्वारा नजदीकी रेस्टोरेन्ट में न रुककर प्रार्थी को कहा की डिनर टाईम है शोर-गुल होगा अतः बल्लपुर चौक पर जहा गैस्ट हाउस है और उसके कर्मचारी भी प्रक्रियाओं को समक्ष लेगे, शारदा पैलेस गेस्ट हाउस, चकराता रोड़ समीप बल्लूपुर चौक, में प्रथम तल पर स्थित कमरा नम्बर-101 में लेकर गया, जहां उसका कर्मचारी/साथी, नामालूम भी मौजूद था जिसके साथ उसने प्रार्थी से खनन प्रक्रिया से सम्बन्धित बातचीत की तभी प्रार्थी के कर्मचारी ने पलंग के साइड से नमकीन और शराब की बोतल निकालकर वहां रखी टेबल पर रखती और ओम प्रकाश तिवारी द्वारा जबरदस्ती प्रार्थी को शराव का सेवन करने के लिए विवश किया। प्रार्थी द्वारा अपने स्वस्थ का हवाला देकर मना किया गया, जिस पर उसके द्वारा जबरदस्ती करने की कोशिश की गयी, जिससे प्रार्थी को उसकी गलत मंशा का आभास हुआ और प्रार्थी उठने लगा तभी अभियुक्त ओम प्रकाश तिवारी द्वारा प्रार्थी का हाथ पकडकर पलंग पर खींचा गया और अपने साथी कर्मचारी को बाहर भेजकर बाहर से दरवाजा बन्द करा दिया गया। अभियुक्त द्वारा धमकी व प्रताडना देकर प्रार्थी से कहा गया कि वह खनन के दुधारू विभाग का निदेशक है और मोटी आसामी है, अतः प्रार्थी उसे 50 लाख रुपये नगद दे दे और अपने विभागो पंजीकृत किसी स्टोन केशर अथवा खनन पट्टे में उसकी हिस्सेदारी करवा दे, अन्यथा वह प्रार्थी व उसके परिवार को जान-माल का नुकसान पहुंबायेगा। धमकाते हुए उसने यह भी कहा कि उसके पास प्रार्थी एवं उसके परिवार के विरुद्ध सबूत हैं, क्योंकि वह पिछले 02 माह से अपने 30-35 गुर्गों के माध्यम से जाल फैलाकर न सिर्फ प्रार्थी व उसके परिवार रैकी करा रहा है वरन सभी बड़े-बड़े अधिकारियों का चिटटा भी उसके पास है। उसे सब पता है कि पार्थी, उसकी पत्नी एवं उसका बेटा क्या काम करता है और कब-कब, कहां-कहां आते-जाते है, किस-किस से मिलते हैं वह सभी की खोज खबर रखता है यदि उसे पैसा व हिस्सेदारी नहीं दी गयी तो यह प्रार्थी व उसके परिवार को तबाह कर देगा। स्वयं। गुडा एंव पत्रकारिता जगत का व्यक्ति बताकर प्रार्थी को भयाक्रान्त किया और साथ ही अपने मोबाईल से किसी व्यक्ति को फोन कर रस्सी लाने के लिए कहा, ताकि प्रार्थी को बंधक बनाकर अपनी कुचेष्ठा में सफल हो सके। प्रार्थी ने उसके भयानक इरादों को भांपकर, जैसे-तैसे किसी तरह अपना हाथ छुड़ाकर अपने मोबाईल से ड्राईवर श्री बबलू को उसके मोबाईल गम्बर-9389643963 पर रात्रि 09.58 में कॉल किया और उसे बन्द दरवाजा खोलकर प्रार्थी की जान बचाने हेतु सहायता मांगी। जिस पर अभियुक्त द्वारा कहा गया कि बाहर उसके गुर्गे खड़े हैं कोई नहीं आ सकता, या तो पैसे मंगवाओं और हिस्सेदारी दिलवाओ नहीं तो तुम्हारी जान की खैर नहीं। प्रार्थी की खुशकिस्मती रही कि उसके ड्राईवर बबलू ने समय रहते दिलेरी दिखाकर किसी तरह से बाहर से बन्द दरवाजा खोल दिया और जैसे-तैसे प्रार्थी को बाहर निकालकर प्रार्थी के जीवन की रक्षा की। प्रार्थी को घबराहट एंव भयभीत अवस्था में प्रार्थी का ड्राईवर उसके घर लाया। प्रार्थी डायबीटिज एवं उच्च रक्त चाप का मरीज है अत घरवालों ने प्रार्थी को दवाई दी एवं घबराहट के कारण नींद न आने पर नींद की गोली दी, ताकि आराम कर सके। दिनांक 10.04.2024 को दिन के सगय ही कुछ राहत होने पर आवश्यक शासकीय कार्यों के निपटान हेतु अपने कार्यालय जाते

समय प्रार्थी द्वारा उक्त घटनास्थल, शारदा पैलेस गैस्टहाउस की जानकारी ली कि यह किसका है तब पता चला कि गैस्टहाउस अभियुका ओम प्रकाश तिवारी का नहीं है बरन् किसी अन्य का है। गैस्टहाउस के कर्मचारी से पूछने पर उसने बताया कि श्री ओम प्रकाश शर्मा द्वारा दिनांक 08.04.2024 को उक्त कमरा बुक किया गया था परन्तु गैस्ट के न आने के कारण बुकिंग दिनांक 09.04.2024 के लिए करायी गयी। प्रार्थी द्वारा अभियुक्त का कोई आई०डी० प्रूफ मांगने पर उसके द्वारा मोबाईल पर ओम प्रकाश तिवारी का आधार कार्ड दिखाया गया, जिसका स्क्रीनशॉट प्रार्थी द्वारा लिया गया। विलम्ब होने के कारण एंव कार्यालय में अतिआवश्यक कार्य व सचिवालय की बैठकों में प्रतिभाग करने हेतु प्राथी अपने कार्यालय गया व बैठकों में प्रतिभाग किया एंव सम्पूर्ण प्रकरण से अपने उच्चाधिकारियों एंव अपने सहयोगियो अवगत कराया। परन्तु मानसिक तनाव एंव अस्वत्यता के कारण सायं लगभग 05:00 बजे प्रार्थी के ड्राईवर द्वारा प्रार्थी को घर छोडा गया और प्रार्थी के घरवालों द्वारा प्रार्थी को दवा आदि देकर आराम कराया गया। प्रार्थी इस स्थिति में नहीं था कि यह दिनांक 10.04.2021 को ही अपनी प्राथमिकी मा० महोदय के समक्ष दर्ज करा सके। आज दिन तक प्रार्थी अवस्थ रहा और अभी सेहत में सुधार होने पर प्रार्थी मा० महोदय के समक्ष अपनी प्राथमिकी दर्ज करा रहा है. ताकि दोषी/अभियुक्तगणों को सजा मिल सके और प्रार्थी को न्याय सके, उसके व उसके परिवार के जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। महोदय यह भी अवगत कराना है कि अभियुक्त द्वारा प्रार्थी के मोबाईल पर व्हाटसएप मैसेज भी भेजे गये, जिसमें स्वयं को बचाने हेतु मित्रता की बात करते हुए अपने आधार कार्ड की जानकारी प्रार्थी को होने का पता चलने पर प्रार्थी को धमकी भरे मैसेज किये गये हैं और स्वयं को बचाने हेतु ऐसा मैसेज किया जा रहा है जैसे कि प्रार्थी अभियुक्त का कर्जदार हो. एंव प्रार्थी को ब्लैकमेल करने हेतु अर्नगल, अवांछनीय एंव भ्रामक आरोप लगा रहा है। इस सम्वन्ध में प्राणी काटसएप मैसेज के स्क्रीनशॉट्स की विगत 05 दिवस की प्रतियां भी संलग्न कर रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि अभियुक्त प्रार्थी एंव उसके परिवार को जान-माल का नुकसान बचाने व झूठे आरोपों में फसाने की धमकी देकर साजिश कर रहा है। प्रार्थी एवं उत्तके परिवार को गम्भीर मानसिक एवं शारीरिक संवेदना से गुजरना पड रहा है और बी०पी० व शुगर का मरीज होने के कारण कभी भी कोई हादसा प्रार्थी को झेलना पड़ सकता है। अतः महोदय से प्रार्थना है कि अभियुक्त एंव उसके साथियों द्वारा कारित गम्भीर अपराधों को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर, सख्त से सख्त कार्यवाही किये जाने की कृपा करें और प्रार्थी एंव उसके परिवार की जान-माल की सुरक्षा प्रदान करने की कृपा करें। साथ ही प्रार्थी एंव उसके परिवार को सुरक्षा भी प्रदान करें। दिनांक 11.04.2024 प्रार्थी SD अग्रेजी अपठित 11/04/24 (एस०एस० पैट्रिक) पुत्र स्व० श्री प्यारे पैट्रिक निवासी 34 इन्द्रानगर, वसन्त विहार देहरादून। मो७नं०- 8192802321,9410139630 प्रतिलिपि सविद, खनन, उत्तराखण्ड शासन, देहरादून को सूचनार्थ एंव इस अनुरोध के साथ कि प्रार्थी एवं उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान किये जाने हेतु सम्बन्धित को आवश्यक निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें। SD अग्रेजी अपठित 11/04/24 (एस०एल० पैट्रिक)

नोट- मैं सीसी कानि0 172 गिरीश कुमार प्रमाणित करता हूँ कि प्रार्थना पत्र की नकल शब्द व शब्द अंकित है। कोई भी शब्द घटाया व बढाया नही गया है। कानि० 172 ना०पु० गिरीश कुमार कोतवाली कैंट

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