पटवारी भर्ती घोटाले में 44 अभ्यर्थी की मिलीभगत पर लगी मोहर

नकल विरोधी अध्यादेश को सीएम धामी ने दी मंजूरी

अविकल उत्तराखण्ड

हरिद्वार। राजस्व विभाग के अंतर्गत राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी / लेखपाल) परीक्षा -2022 के संबंध में गतिमान जांच प्रक्रिया के दौरान अभी तक 44 परीक्षार्थियों की संलिप्तता पायी गई।

हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पत्र में विवेचना के दौरान 44 परीक्षार्थियों के नामों की सूची वर्तमान में उपलब्ध करायी गई है, जिनके द्वारा राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी / लेखपाल) परीक्षा – 2022 में अनुचित साधनों से परीक्षा देने की पुष्टि हुई है। प्रकरण में उक्त अभियोग की विवेचना वर्तमान में प्रचलित होने तथा विवेचना के दौरान अन्य छात्रों की संलिप्तता की पुष्टि होने पर पूरक रिपोर्ट से आयोग को अवगत कराये जाने का उल्लेख किया गया है।

सूची में उल्लिखित 44 अभ्यर्थियों को आयोग की आगामी परीक्षाओं से प्रतिवारित किये जाने के संबंध में मा० आयोग की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अनुचित साधन से परीक्षा में सम्मिलित होने के संबंध में अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण प्राप्त किये जाने हेतु 15 दिवस का समय प्रदान करते हुए नोटिस निर्गत किया जाय तथा सूची को आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाय ।

  1. इसी प्रकार वर्तमान में गतिमान जे.ई. एवं ए.ई. की परीक्षा में 12 परीक्षार्थियों के द्वारा अनुचित साधनों से परीक्षा देने की पुष्टि होना वर्तमान में पाया गया है। इस प्रकरण में अभियोगों की विवेचना वर्तमान में प्रचलित है, जिसमें विवेचना के दौरान अन्य छात्रों की संलिप्तता की पुष्टि होने पर पूरक रिपोर्ट से आयोग को अवगत कराये जाने का उल्लेख किया गया है। उक्त प्रकरण में भी मा० आयोग की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आयोग की आगामी परीक्षाओं से प्रतिवारित किये जाने हेतु अनुचित साधन से जे.ई./ए.ई. की परीक्षा में सम्मिलित होने के संबंध में सूची के 12 अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण प्राप्त किये जाने हेतु 15 दिवस का समय प्रदान करते हुए नोटिस निर्गत किया जाय तथा सूची को आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाय।
  2. जहां तक आगामी परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों के निर्माण का प्रश्न है, मा० आयोग द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी / लेखपाल) परीक्षा -2022 एवं उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा (मुख्य) परीक्षा -2021 तथा वन आरक्षी परीक्षा- 2022 के पुराने प्रश्न पत्रों को नष्ट करते हुए उक्त परीक्षाओं हेतु विषय विशेषज्ञों के नवीन पैनल द्वारा पुनः नवीन प्रश्न पत्रों का निर्माण कड़ी सुरक्षा में कराया जा रहा है।
  3. अपचारी कार्मिक संजीव प्रकाश चतुर्वेदी की देखरेख में राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी / लेखपाल) परीक्षा- 2022 एवं वन आरक्षी परीक्षा 2022 के प्रश्न पत्रों का निर्माण किया गया था, जिन्हें विनष्ट करते हुए नवीन प्रश्न पत्र का निर्माण नवीन पैनल द्वारा कराया जा रहा है। अपचारी कार्मिक संजीव कुमार द्वारा वर्तमान वर्ष 2023 में निर्धारित किसी भी परीक्षा के प्रश्न पत्र का निर्माण नहीं कराया गया है। अपचारी कार्मिक संजीव प्रकाश चतुर्वेदी एवं संजीव कुमार, दोनों वर्तमान में जेल में निरूद्ध है, दोनों अपचारी कार्मिकों को निलम्बित करते हुए विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है।

नकल विरोधी अध्यादेश पर सीएम धामी का ग्रीन सिग्नल

उत्तराखण्ड प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने गुरुवार 9 फरवरी, 2023 को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं।

यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।

अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी।

इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।

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