आयुष हॉस्पिटल, थेरेपी व वेलनेस केंद्रों के संचालन के मानक तय

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देहरादून। उत्तराखण्ड में संचालित आयुष चिकित्सालय, आयुष पद्धति थैरेपी सेवा प्रदान करने वाले केन्द्रों तथा आयुष वैलनेस केन्द्रों आदि के पंजीकरण एवं संचालन हेतु मानकों का निर्धारण कर दिया है।

21 अगस्त को इस बाबत अपर सचिव विजय जोगदंड ने शासनादेश जारी कर दिया।

प्रेषक,
डॉ० विजय कुमार जोगदण्डे, अपर सचिव.
सेवा में,
उत्तराखण्ड शासन ।
निदेशक,
आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें, उत्तराखण्ड देहरादून ।
आयुष एवं आयुष शिक्षा अनुभाग विषय:-
देहरादून: दिनांक 21 अगस्त, 2023 राज्य में संचालित आयुष चिकित्सालय, आयुष पद्धति थैरेपी सेवा प्रदान करने वाले केन्द्रों तथा आयुष वैलनेस केन्द्रों आदि के पंजीकरण एवं संचालन हेतु मानकों के निर्धारण किये जाने के सम्बंध में ।
महोदय
उपरोक्त विषयक अपने पत्र संख्या – 2919 – जी-422 / 2022-23 दिनांक 03 जुलाई, 2023 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके द्वारा राज्य में संचालित आयुष चिकित्सालयों, आयुष हैल्थ एवं वैलनेस केन्द्रों, आयुष पद्धति थैरेपी सेवा प्रदान करने वाले केन्द्रों के अनुश्रवण पंजीकरण / संचालन हेतु मानकों के निर्धारण किये जाने का अनुरोध किया गया है।
2- उक्त के सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि राज्य में संचालित आयुष चिकित्सालयों, आयुष हैल्थ एवं वैलनेस केन्द्रों, आयुष पद्धति थैरेपी सेवा प्रदान करने वाले केन्द्रों के अनुश्रवण पंजीकरण / संचालन हेतु शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त निम्नानुसार मानक निर्धारित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है :-
आयुष चिकित्सा विधाओं के माध्यम से स्वास्थ्य संवर्द्धन, रोग प्रतिरोधक एवं स्वास्थ्य पुर्नस्थापन तथा उपरोक्त के साथ साथ चिकित्सा सेवायें देने वाले समस्त आयुष चिकित्सालय, आयुष थैरेपी केन्द्र, पंचकर्म केन्द्र, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रों आदि को आयुष विभाग द्वारा संचालित वैलनेस पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीकृत किया जाना होगा।
उपरोक्त केन्द्रों को मानक अधिसूचित किये जाने की तिथि से आगामी 01 वर्ष तक पंजीकरण हेतु कोई भी शुल्क देय नहीं होगा। तत्पश्चात प्रत्येक केन्द्र से पंजीकरण शुल्क रू० 200 / – लिया जायेगा ।
प्रत्येक केन्द्र हेतु पंजीकरण अवधि 03 वर्ष रहेगी व प्रत्येक 03 वर्ष में पंजीकरण का नवीनीकरण भी किया जाना अनिवार्य होगा।
पंजीकरण शुल्क ई-चालान के माध्यम से निर्धारित हेड में ट्रेजरी में जमा किया जायेगा।
पंजीकरण पूर्णतः ऑनलाईन माध्यम से पोर्टल पर केन्द्र द्वारा स्वयं किया जा सकेगा अथवा जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होकर भी पंजीकरण कराया जा सकेगा। पंजीकृत केन्द्रों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं एवं सेवाओं का शुल्क सूचना पट्ट के
माध्यम से अथवा केन्द्र की वेबसाईट पर सार्वजनिक रूप से प्रर्दशित किया जायेगा।
AAES-GES/2073-0420shyas Rusatiduapertrephenputer No. 58 [7147916/2023 प्रत्येक केन्द्र में पैरेपी आदि के लिए आने वाले आगुन्तकों/ लाभार्थियों का सम्पूर्ण विवरण
/147916/2023 रखा जायेगा।
प्रत्येक केन्द्र द्वारा आयुष की जिस विधा के अधीन सेवायें प्रदान की जा रही है, उससे
निर्धारित नियमों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उक्त केन्द्रों में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर प्रत्यायन की व्यवस्था तथा श्रेणियां निर्धारित की जायेंगी, जिस हेतु श्रेणियों के निर्धारण सम्बन्धी मानक पृथक से जारी किये जायेंगे।
केन्द्र
चिकित्सा सेवायें भी
प्रदान
किये जाने की स्थिति में
क्लीनिकल एस्टिबलेसमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत निर्धारित समस्त नियमों का भी पालन किया
द्वारा
.
जायेगा।
.
. उपरोक्त प्रत्येक केन्द्र द्वारा आवश्यकता के आधार पर पुरुष / महिला प्रसाधन तथा स्नानागार की समुचित व्यवस्था की जायेगी।
. जिस थैरेपी केन्द्रों में किचन की आवश्यकता होती है, उन पैरेपी केन्द्रों में किचन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जायेगी।
.
केन्द्र द्वारा स्वच्छता हेतु निर्धारित मानकों का पूर्णतः परिपालन किया जायेगा, इसके अन्तर्गत
संक्रमण आदि को रोकने के लिए 01 व्यक्ति की चिकित्सा / थैरेपी पर प्रयुक्त की गयी सामग्री का दूसरे व्यक्ति के लिए उपयोग नहीं किया जायेगा तथा अधिक से अधिक डिस्पोजेबल वस्तुओं का ही उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा।
यदि केन्द्र द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट उत्पन्न किया जाता है तो उसके निस्तारण हेतु स्थापित नियमों के अन्तर्गत यथावश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
प्रत्येक केन्द्र में किसी भी प्रकार की कास मसाज प्रतिबन्धित रहेगी।
पंजीकृत केन्द्रों की समस्याओं / सुझावों पर विचारार्थ तथा केन्द्रों के समन्वय हेतु निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें उत्तराखण्ड नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। जनपद स्तरीय जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी जनपदों में संचालित केन्द्रों के
समन्वय अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे तथा पंजीकृत जनपद स्तरीय केन्द्रों की समस्याओं
का निराकरण एवं अनुश्रवण का कार्य करेंगे।
प्रत्येक केन्द्र अपने निकटतम एलोपैथिक चिकित्सालय को संपर्क करते हुए उक्त चिकित्सालय को आकस्मिक परिस्थितियों हेतु रैफरल केन्द्र के रूप में नामित करेंगे तथा उक्त चिकित्सालय का नाम व नम्बर अपने परिसर के नोटिस बोर्ड पर भी चस्पा करेंगे साथ ही सभी वेलनेस केन्द्र प्राथमिक चिकित्सा किट की उपलब्धता रखेंगे। .
चिकित्सक विहीन केन्द्र में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जायेगा कि उक्त केन्द्र में किसी भी
रोग की चिकित्सा नहीं की जाती है।
आयुष वैलनेस केन्द्र एवं चिकित्सालय ऐसे केन्द्र जो क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेन्ट एक्ट के
अन्तर्गत पंजीकृत हो तथा चिकित्सा सेवाओं के साथ साथ आयुष पद्धति के माध्यम से
स्वास्थ्य संवर्द्धन, रोग प्रतिरोधन तथा पुर्नस्थापन सेवायें प्रदान करते हो तथा इन केन्द्रों में
आयुष चिकित्सा पद्धति के मान्यता / पंजीकृत प्राप्त चिकित्सक तथा सहयोगी कार्मिक
अनिवार्य रूप से उपलब्ध होंगे।
1.1- आयुर्वेद चिकित्सालय एवं वैलनेस केन्द्र ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें आयुर्वेद, मर्म चिकित्सा आदि के माध्यम से प्रदान की जाती हैं। 1.2. पंचकर्म चिकित्सालय एवं वैलनेस केन्द्र ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें पंचकर्म
चिकित्सा के माध्यम से प्राप्त की जाती हैं।
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आयुष वैलनेस थैरेपी केन्द्र ऐसे केन्द्र जो केवल स्वास्थ्य संवर्द्धन, रोग प्रतिरोधन तथा पुर्नस्थापन सेवायें प्रदान करते हों तथा इन केन्द्रों में भी आयुष चिकित्सा पद्धति के मान्यता
No. AAESERVESHES/2015012018yandusatipartiepertenputer No. /147916/2023 1.3- योग चिकित्सालयएवं प्रशिक्षण केन्द्र ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें योग ध्यान के माध्यम से प्राप्त की जाती है।
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/147916/2023
नैचुरोपैथी चिकित्सालय एवं वैलनेस केन्द्र ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें
प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से प्राप्त की जाती हैं।
प्राप्त / पंजीकृत चिकित्सक तथा सहयोगी कार्मिक अनिवार्य रूप से उपलब्ध होंगे। 2.1. पंचकर्म वैलनेस थैरेपी केन्द्र ऐसे केन्द्र जहां उपरोक्त सेवायें पंचकर्म चिकित्सा के माध्यम से प्रदान की जाती है।
2.2. योग वैलनेस प्रशिक्षण केन्द्र ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें योग व ध्यान के
माध्यम से प्राप्त की जाती हैं। 23. नैचुरोपैथी वैलनेस केन्द्र ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें प्राकृतिक चिकित्सा
के माध्यम से प्राप्त की जाती हैं।
आयुष रिसॉर्ट अथवा आयुम ग्राम ऐसे केन्द्र जहां रात्रि विश्राम / भोजन की सुविधा उपलब्ध हो व उक्त केन्द्र केवल स्वास्थ्य संवर्द्धन, रोग प्रतिरोधन तथा पुर्नस्थापन सेवायें प्रदान करते हो तथा इन केन्द्रों में भी आयुष चिकित्सा पद्धति के मान्यता प्राप्त / पंजीकृत चिकित्सक
तथा
सहयोगी कार्मिक अनिवार्य रूप से उपलब्ध होंगे।
3.1. आयुर्वेद ग्राम ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें आयुर्वेद, मर्म चिकित्सा, पंचकर्म
के माध्यम से प्रदान की जाती हैं।
3.2. योग ग्राम ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें योग व ध्यान के माध्यम से प्रदान
की जाती है।
3.3. प्राकृत ग्राम- ऐसे केन्द्र जिनमें उपरोक्त सेवायें प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से
प्राप्त की जाती हैं। प्रत्येक केन्द्र में रिसेप्शन डेस्क तथा न्यूनतम 35 व्यक्तियों के बैठन की व्यवस्था युक्त प्रतीक्षालय की स्थापना अनिवार्य रूप से की जायेगी।

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