उत्तराखण्ड की झांकी के टीम लीडर ने कहा, सीएम धामी के मार्गदर्शन में रचा गया इतिहास

गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को पहला स्थान मिलने पर खुशी की लहर

गणतंत्र दिवस परेड की झांकी निर्माण में संयुक्त निदेशक के एस चौहान की रहती है अहम भूमिका

अविकल उत्तराखण्ड

     देहरादून। गणतंत्र दिवस की गौरवमयी परेड में उत्तराखंड की झांकी को देश भर में पहला साथ मिलने पर प्रदेश में खुशी का माहौल है। राज्य गठन के 22 साल में पहली बार इतिहास रचा गया। इनमें टीम लीडर के एस चौहान ने इस ऐतिहासिक सफलता का पूरा श्रेय सीएम पुष्कर सिंह धामी को दिया है।

चौहान ने कहा कि सीएम धामी ने ही झांकी की मानसखंड थीम का विचार दिया। और इसी विचार को पूरी टीम ने मूर्त रूप दिया। गणतंत्र दिवस की।परेड से पहले सीएम धामी स्वंय झांकी के निर्माण की प्रगति देखने आए थे। और जरूरी सुझाव भी दिए थे।

गणतंत्र दिवस की परेड से पहले सीएम धामी निर्माणाधीन झांकी के बाबत आवश्यक सुझाव देते हुए

गौरतलब है कि राज्य गठन से अभी तक गणतंत्र दिवस परेड में 14 झांकियों का प्रदर्शन राजपथ पर किया गया है जिसमे 13 झांकियों का नेतृत्व के एस चौहान ने किया है। झांकी के सलेक्शन की एक बहुत जटिल प्रक्रिया है। भारत सरकार की विशेषज्ञ समिति के सम्मुख 7 बार के प्रस्तुतिकरण के बाद अंतिम चयन होता है।

प्रति वर्ष औसतन केवल 14-15 प्रदेशों की ही झांकियों का चयन होता है। के एस चौहान टीम लीडर के साथ साथ खुद भी झांकी में कलाकार के रूप में हिस्सा लेते हैं। उन्हें झांकियों का विशेषज्ञ माना जाता है। उत्तराखंड के टीम लीडर के रूप में उनको वर्ष 2005 से अभी तक  5 राष्ट्रपतियों से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

मानसखंड की झांकी में क्या था खास जो प्रथम स्थान प्राप्त किया

        गढ़वाल की चारधाम यात्रा की भांति सरकार कुमाऊं में मंदिर माला मिशन के अंतर्गत पर्यटन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं इसी के दृष्टिगत प्रसिद्ध पौराणिक जागेश्वर धाम को दिखाया गया था। उत्तराखंड का प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क, बारहसिंगा, उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग, गोरल, देश की राष्ट्रीय पक्षी मोर जो उधमसिंह नगर में पाई जाती है, उत्तराखंड के प्रसिद्ध पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल आदि, तथा उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपन कला को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के आगे और पीछे उत्तराखंड का नाम भी ऐपन कला से लिखा गया था।
जागेश्वर धाम के मंदिर घनघोर देवदार के वृक्षों के बीच में है। इसलिए झांकी में मंदिर के आगे और पीछे घनघोर देवदार के वृक्षो का सीन तैयार किया गया था।

उत्तराखंड को मिला चुका है बेस्ट फिल्म डेस्टिनेशन अवार्ड


फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी रहे चौहान ने प्रदेश में फिल्म निर्माण के लिए बेहतरीन माहौल तैयार किया जिससे तकरीबन 900 फिल्में व धारावाहिक की शूटिंग उत्तराखंड में संचालित की गई, जिससे हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने उत्तराखंड को दो बार वेस्ट फिल्म डेस्टिनेशन के प्रथम पुरस्कार और दो बार द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया ।

झांकी में भी प्रदेश को मिल चुके हैं राष्ट्रीय पुरस्कार


के एस चौहान के नेतृत्व में गणतंत्र दिवस 2021 के अवसर पर प्रदर्शित गई केदारनाथ की झांकी को वेस्ट 3 स्टेट में अवार्ड प्राप्त हुआ जबकि राष्ट्रीय रंगशाला मे आयोजित हुए कार्यक्रम में भी उत्तराखंड के दल को स्थान प्राप्त हों चुका है।

टीम लीडर/संयुक्त निदेशक, सूचना कलम सिंह चौहान ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य की झांकी को राज्य गठन के उपरांत पहली बार देश मे प्रथम स्थान प्राप्त  होना पूरे उत्तराखंड राज्य के लिए गौरव के क्षण है। मुझे बेहद खुशी है कि मुझे इस झांकी में उत्तराखंड राज्य से टीम लीडर के रूप में अपने कर्तव्यों को निर्वाह करने का अवसर मिला।

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गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी ने पहला स्थान हासिल कर बनाया इतिहास

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