2017 विधानसभा चुनाव में कार में पकड़े गए कैश का मुद्दा गरमाया. नोट के बदले नौकरी की सुगबुगाहट..
सर्वोच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार की कार्रवाई को उचित माना. सीएम धामी
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। उत्तराखण्ड के बहुचर्चित विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के फैसले के बाद अब कुछ हैरतअंगेज कहानियों की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ कर्मियों की याचिका खारिज कर ऋतु खंडूडी के फैसले पर मुहर लगा दी। इससे पूर्व,नैनीताल हाईकोर्ट की डबल बेंच ने तदर्थ कर्मियों के स्टे को खारिज कर दिया था। बीते अगस्त महीने से जारी इस प्रकरण में कई नेताओं व अधिकारियों के रिश्तेदारों की सूची भी वॉयरल हूई थी। संघ के नेताओं के नाम भी सामने आए थे।
Uksssc भर्ती घोटाले के साथ विधानसभा भर्ती घोटाले का पूरे देश में हो हल्ला मचा। उत्तराखण्ड की जिम्मेदारी संभाल रहे संघ के नेता युद्धवीर यादव समेत तीन लोगों को यहां से कार्यमुक्त किया गया।
2016 से 2021 के बीच तदर्थ नौकरी देने के मुद्दे पर पूर्व विधानसभाध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल व प्रेमचन्द अग्रवाल के फैसले पर भी अब तेजी से उंगलियां उठेंगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन दोनों के कार्यकाल में नौकरी पाए 250 (22 उपनल के भी) लोगों के सामने अब आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
इनमें कई लोगों ने अपनी गृहस्थी जोड़ने के लिए बैंक लोन भी ले लिया हुआ है। इधर, तदर्थ नौकरी के खेल में दलालों की भूमिका की चर्चाएं भी आम हो रही है। सत्ता के गलियारे में पैठ बना चुके ये दलाल अपने सगे सम्बन्धियों के अलावा अन्य लोगों को भी ‘उपकृत’ कर चुके हैं।
2017 के विधानसभा चुनाव में एक कार में पकड़े गए लाखों रुपए की कहानी को भी इसी मुद्दे से जोड़कर देखा जा रहा है। उस समय यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था। कैश के बदले नौकरी के इन मामलों के भी अब सामने आने उम्मीद है। आने वाले कल में सुप्रीम कोर्ट से झटका खाये पूर्व विस कर्मी से जुड़े इन मामले की जांच की मांग जोर पकड़ सकती है।
Uksssc भर्ती घोटाले में अभ्यर्थियों से करोड़ों की हेराफेरी के बाद हाकम सिंह समेत कई अभियुक्त जेल में बंद है। uksssc की तर्ज पर विधानसभा में भी नोट के बदले नौकरी देने वाले ‘हाकम सिंह गैंग’ के चेहरे से पर्दा उठना भी बेहद जरूरी माना जा रहा है। uksssc की तरह विधानसभा भर्ती घोटाले के हाकम सिंह गैंग के पर्दाफाश को लेकर सीएम धामी व स्पीकर ऋतु खंडूडी की संयुक्त पहल का भी जनता को बेसब्री से इंतजार है..
“विधानसभा भर्ती प्रकरण पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। जैसे ही विधानसभा में नियुक्तियों में अनियमितता की बात सामने आई थी, हमने विधानसभा अध्यक्ष जी से इसकी जांच कर आवश्यक कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया था। इस संबंध में गठित समिति द्वारा जब भर्तियो में अनियमितता को सही पाया गया तो हमने तत्काल ऐसी भर्तियो को निरस्त कर दिया था। अब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार की कार्रवाई को उचित माना है। हम प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त करते हैं कि प्रतिभावान युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। समस्त रिक्त पदों पर समयबद्ध तरीके से पूर्ण पारदर्शिता से नियुक्तियां की जा रही है। हमने इसकी पुख्ता व्यवस्था की है। राज्य लोक सेवा आयोग को सभी भर्तियों की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य लोक सेवा आयोग ने भर्ती कैलेण्डर जारी कर भर्तियो की प्रक्रिया प्रारंभ भी कर दी है। विभिन्न विभागों में रिक्त हजारों पदों पर भर्तियां समय पर सुनिश्चित की जाएंगी। समस्त भर्ती प्रक्रिया पर उच्च स्तर से लगातार माॅनिटरिंग की जा रही है।”- सीएम पुष्कर सिंह धामी
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