मंगलवार को किया आदेश। 70 करोड़ के एरियर की पहली 23 करोड़ की किस्त
उच्च न्यायालय में 27 नवंबर को है सुनवाई
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। एरियर के लिए लंबे समय से उच्च न्यायालय में लड़ रहे पुलिस कर्मियों को शासन ने 70 करोड़ के सापेक्ष 23 करोड़ की पहली क़िस्त जारी कर दी है। अपर सचिव सुनील पांथरी की ओर से डीजीपी उत्त्तराखण्ड को लिखे अनुरोध पत्र के बाद संयुक्त सचिव ओमकार सिंह ने यह आदेश किये। लेकिन आदेश में यह भी साफ किया गया है कि अगर राज्य सरकार इस मामले ने सुप्रीम कोर्ट में जीत जाती है तो भुगतान किए एरियर की वसूली भी की जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि एरियर से जुड़े अवमानना के इस मामले की सुनवाई अभी 27 नवंबर को कोर्ट में होनी है। उससे पहले आरक्षी से लेकर सहायक उपनिरीक्षक या इनके समकक्ष स्तर के कर्मियों को 2006 से लेकर 11 दिसंबर 2011तक उच्चीकृत ग्रेड पे के एरियर के भुगतान की पहली क़िस्त दी जा रही है। यह छठे वेतनमान की सिफारिश के आधार पर दी गयी। शासन के 8 सितम्बर 2020 के आदेश के तहत यह किस्त प्रदान की जा रही है।
उच्च न्यायालय नैनीताल में योजित अवमानना वाद में अभिसूचना इकाई के कांस्टेबल आशीष बिष्ट बनाम राज्य सरकार, गृह सचिव नितेश झा व डीजीपी अनिल रतूड़ी से जुड़े एरियर प्रकरण पर 27 नवंबर को सुनवाई है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि एरियर की यह क़िस्त इस शर्त के साथ दी जा रही है कि उच्चतम न्यायालय में दायर विशेष अनुज्ञा याचिका में राज्य सरकार की तत्काल व प्रभावी पैरवी के बाद पक्ष में फैसला आता है तो भुगतान की गई एरियर की राशि की वसूली की जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि प्रशासकीय विभाग हर महीने इसकी मॉनिटरिंग करेंगे और रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंपेंगे।
लंबे समय से चल रही कानूनी जंग
नैनीताल हाईकोर्ट ने 15 हजार पुलिसकर्मियों को तीन किस्तों में एरियर के भुगतान करने का शासन को आदेश दिया था लेकिन राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर की। इसके बाद कांस्टेबल आशीष बिष्ट ने उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने गृह सचिव पुलिस महानिदेशक को अवमानना नोटिस जारी किया । इसी अवमानना के मामले में 27 नवंबर को हाई कोर्ट नैनीताल में सुनवाई होनी है। इस सुनवाई से पहले राज्य सरकार ने 15 हजार पुलिसकर्मियों को एरियर की पहली किस्त 23 करोड़ 80 लाख 34 हजार जारी कर दी।
ये है मामला
पुलिस विभाग में 2008 में सिपाहियों को छठे वेतनमान का लाभ दिया गया था। 2008 में जब छठा वेतनमान मिला तब उत्त्तराखण्ड पुलिस के सिपाही का ग्रेड पे 1900 था।
2011 में कांस्टेबल वा हेड कांस्टेबल के ग्रेड पे में बढ़ोत्तरी हुई थी
लेकिन 2011 में सिपाहियों के ग्रेड पे दो हजार हो गया था । इसी तरह से हेड कांस्टेबल का 2000 से बढकर 2400 ग्रेड पर हो गया था । इसीलिए 15 हजार पुलिसकर्मी 2006 से उच्चीकृत ग्रेड पे के हिसाब से एरियर की मांग कर रहे हैं।
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