पर्यटक व धार्मिक स्थल पैक। पुलिस-प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ी। स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से पर्यटक व यात्री परेशान। अन्य राज्यों की ढील का दे रहे उदाहरण.
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। सैंपलिंग कम होने की वजह से कुछ दिन उत्त्तराखण्ड में प्रतिदिन संक्रमित मरीज चिन्हित होने का आंकड़ा बेशक हजार से कम रहा हो। लेकिन रविवार को फिर से यह संख्या हजार पार कर 1419 पर ठिठक गई।
अनलॉक 5 के बाद स्वंय सीएम त्रिवेंद्र रावत ने साफ कह दिया है कि अभी कुछ महीने और कठिन है। काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। सीएम ने कोविड 19 के दिशा निर्देश में कोताही बरतने पर सीधे तौर पर एसडीएम व सीओ स्तर के पुलिस अधिकारी को जिम्मेदार मानने का ऐलान किया है। पर्यटक बढ़ने से पुलिस व प्रशासन की भूमिका बहुत बढ़ गयी है। इधर, 51481 संक्रमित मरीज हो गए हैं जबकि राज्य में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ते हुए 652 तक जा पहुंचा है।
मौजूदा समय में थोड़ी ढिलाई के बाद उत्त्तराखण्ड के पर्यटक व तीर्थ स्थलों पर भीड़ उमड़ने लगी है। कई जगह अव्यवस्था की खबरें भी आम हो रही है। मसूरी, नैनीताल, लैंसडौन समेत ऋषिकेश, हरिद्वार, बद्री-केदार आदि इलाकों में जन दबाव पहले से अधिक बढ़ गया है। बद्री-केदार में दर्शनों के लिए लाइन लगनी शुरू हो गयी। नैनीताल के अलावा कॉर्बेट पार्क फुल हो गया। सीमित व्यवस्था वाले स्थानों में प्रशासन को सोशल डिस्टेंसिग का पालन करवाना भी मुश्किल भरा साबित हो रहा है। हालांकि, चेकपोस्ट व स्मार्ट सिटी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन को लेकर पर्यटक व यात्री काफी खीज भी रहे है।
हाल ही में उत्त्तराखण्ड आये एक कद्दावर केंद्रीय मंत्री के करीबी को चेकपोस्ट पर औपचारिकता पूरी करने में 3 घंटे लग गए।
कुछ पर्यटकों को वापस भी होना पड़ा। उत्त्तराखण्ड आ रहे लोगों का यह भी कहना है कि अन्य राज्यों में उन्हें ऐसी झेलू औपचारिकताओं से पाला नहीं पड़ा। जबकि उत्त्तराखण्ड में जिले में अंदर भी आवागमन में रजिस्ट्रेशन का नियम अभी भी अनिवार्य रूप से लागू है। इन नियमों में ढील मिलने के बाद यात्रियों को समय बचने की भी उम्मीद है।
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