सात उचक्के फिल्म से मिलती जुलती है गैंगेस्टर यशपाल तोमर की कहानी

यशपाल तोमर ने महिलाओं की आड़ में शिकार फांस कर कमाई अकूत धन दौलत

गुरुग्राम से हुआ था गिरफ्तार। उत्तराखंड का एक चर्चित नौकरशाह भी था साथ में होने की थी चर्चा

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। कुख्यात अपराधियों की लिस्ट में शातिर यशपाल तोमर का नाम  तब सामने आया जब हरिद्वार के एक बडे व्यापारी से उसकी सम्पत्ति हड़पने के लिये धमकी दिये जाने का प्रकरण थाना ज्वालापुर हरिद्वार में पंजीकृत किया गया। एसटीएफ उत्तराखण्ड की गोपनीय जांच शुरू की गयी तो शातिर यशपाल तोमर के कारनामों की ऐसी कहानी प्रकाश में आई जो बॉलीवुड की फिल्म ‘‘सात उचक्के’’ से मिलती जुलती थी। इस फ़िल्म में किरदार किसी की सम्पत्ति हड़पने के लिये या किसी पर दबाव बनाने के लिये या किसी को जेल भेजने के लिये एक काल्पनिक घटना को स्टोरी बनाकर पुलिस के सामने इस तरह से प्रस्तुत करता है कि वो तथ्यों के आधार पर बिलकुल सच लगे और निर्दोष व्यक्ति के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराकर उसे जेल भेज दिया जाता है, फिर खेल शुरू होता है जेल जाने वाले व्यक्ति को अपने इशारों में चलाने का।

  फिल्मी कहानी की तरह यशपाल तोमर  की आपराधिक गतिविधियों कोे जब एसटीएफ उत्तराखण्ड ने कड़ी से कड़ी जोड़कर जांच की गयी तो कई हैरान करने वाली घटनायें प्रकाश में आयी। यशपाल तोमर मूलतः ग्राम बरवाला थाना रमाला जनपद बागपत का रहने वाला है जो पेशे से किसान था। इसके परिवार में पांच भाइयों की करीब 09 बीघा जमीन थी। वहीं से यशपाल तोमर थाना बरवाला के तत्कालीन एक पुलिस अधिकारी के सम्पर्क में आया और पुलिस की सारी गतिविधियों को करीब से जानकर एक सफेदपोश शातिर अपराधी बन गया जिसने अब तक ज्ञात करीब 153 करोड़ की सम्पत्ति विभिन्न राज्यों में अपने एवं अपने निकट रिश्तेदार के नाम पर अर्जित कर ली।

सर्वप्रथम यशपाल तोमर वर्ष 2002 में थाना कोतवाली हरिद्वार से पुलिस पर जानलेवा हमला करने, अवैध हथियार रखने व धोखाधडी के जुर्म में गिरफ्तार हुआ था । जेल में रहकर उसने अपना नेटवर्क स्थापित किया इसके उपरान्त वर्ष 2004 में हरिद्वार के एक व्यापारी के विरूद्ध थाना सरसावा व साहिबाबाद थाने में अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण व बलात्कार का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया । इस मुकदमे की आड़ में उस पर समझौते का दबाव बनाकर उसकी भूपतवाला स्थित करोडो की जमीन को औने पौने दाम में खरीद अपने सहयोगी के नाम पर करा लिया।

उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान राज्य के विभिन्न थानो में अलग-अलग भोले-भाले व्यापारियों/किसानो के विरूद्ध काल्पनिक स्टोरी बनाकर संगीन धाराओं जैसे बलात्कार, जान से मारने का प्रयास, छेडछाड, चोरी आदि के विभिन्न मुकदमें पंजीकृत कराये गये। इसके गैंग में सहयोगी के रूप में कई अन्य पुरुष व महिलायें भी शामिल है,  यशपाल तोमर की प्लानिंग के अनुसार गैंग में शामिल महिलाएं बलात्कार और छेड़खानी के अभियोग दर्ज कराया करती थी। बाद में इन मुकदमों की आड़ में यशपाल तोमर समझौते के नाम पर उनसे उनकी सम्पत्ति को हासिल कर लेता था।  
  जांच में यशपाल तोमर के द्वारा 28 मुकदमे ऐसे पाये गये जिनमें इसके द्वारा निर्दोष लोगों को ब्लैकमेल करके दबाव बनाकर उनकी सम्पत्ति को हासिल कर अपने लोगो के नाम करा लेता था। इसने इस दौरान अपने सम्बन्ध बड़े रसूखखदार लोगों से भी बना लिये, जिसमें शासन-प्रशासन, पुलिस व सफेदपोश वाले लोग थे। यशपाल तोमर और उसके साथियों का इतना भय था कि कोई भी व्यक्ति इसके विरूद्ध शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर पाता था, जिसने भी थोड़ा हिम्मत जुटायी तो वह यशपाल तोमर के बुने जाल में फंसकर जेल चला गया।

जांच के दौरान एसटीएफ की टीम ने पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने का विश्वास दिये जाने पर उनके द्वारा यशपाल तोमर और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमे पंजीकृत कराये गये। इन मुकदमों की विवेचना पुलिस मुख्यालय के आदेश पर जनपद हरिद्वार से स्थानान्तरित होकर एसटीएफ को सुपुर्द हुई। विवेचना से यशपाल तोमर के विरूद्ध अब तक करीब 13 मुकदमे विभिन्न राज्यों में संगीन धाराओं में पंजीकृत हैं। यशपाल तोमर व उसके गैंग की आपराधिक गतिविधियों और समाज विरोधी क्रियाकलाप को देखते हुये उसके विरूद्ध थाना ज्वालापुर हरिद्वार में एक गैगस्टर एक्ट का मुकदमा एस0टी0एफ0 के संस्तुति पर पंजीकृत किया गया। पर्याप्त साक्ष्य संकलित होने पर एस0टी0एफ0 द्वारा शातिर  एवं कुख्यात अपराधी गैगंस्टर यशपाल तोमर को गिरफ्तार कर जिला कारागार हरिद्वार भेजा गया जो वर्तमान में भी कारागार में निरूद्व है।


गैंगस्टर एक्ट की विवेचना के दौरान यशपाल तोमर द्वारा अवैध गतिविधियों से अर्जित की गयी करीब 153 करोड़ की चल व अचल सम्पत्ति की कुर्की / अटेचमेन्ट के आदेश जिला मजिस्ट्रेट, हरिद्वार से प्राप्त कर एस0टी0एफ0 द्वारा उक्त सम्पत्ति को अटेचमेन्ट की कार्यवाही त्वरित गति से की जा रही है, जो निम्नवत्् हैः-
1. ग्राम चिटेहरा, दादरी, जीबीनगर में 10 भू-सम्पत्ति 1.3736 हेक्टयेर अनुमानित कीमत करीब 63 करोड रूपये। ससुर ज्ञान चन्द के नाम से
2. दिल्ली, लोनी गाजियाबाद व गा्रम बरवाला जनपद बागपत में 03 भू-सम्पत्ति, 4188.33 वर्ग गज एवं 130.05 स्क0मीटर करीब 16 करोड रूपये की सम्पत्ति पत्नी श्रीमति अंजना तोमर के नाम से
3. हरिद्वार में करीब 2.455 हेक्टयेर भूमि कीमत करीब 72 करोड रूपये साले अरूण कुमार के नाम से
4. ग्राम रमाला जनपद बागपत में 02 भू-सम्पत्ति करीब 12.477 हेक्टयेर एवं 148.61 वर्ग गज कीमत करीब 98 लाख रूपये भाई नरेष के नाम से
5. गा्रम रमाला जनपद बागपत में 01 भू-सम्पत्ति करीब 472.50 वर्ग गज कीमत करीब 20 लाख रूपये भाई आमबीर के नाम से
वाहनः-
6. चार पहिया वाहन:- र्फाच्यूनर (बुलेट प्रुफ) , इनोवा, विंगर आदि  08 वाहन कीमत करीब 1,25,00,000  (सवा करोड) रूपये जो परिवार के सदस्यो के नाम है।
7. बैंक खाते:-   05 जो स्वॅय यशपाल तोमर व परिवार के सदस्यो के नाम है।

   वर्तमान तक की गई जाॅच से यशपाल तोमर के विरूद्व करीब 13 अभियोग संगीन धाराओं के अन्र्तगत् पंजीकृृत होना पाये गये है जिनमें हाल ही में थाना ब्रहमपुरी जनपद मेरठ में अभियोग पंजीकृृत हुआ है। इसके क्रियाकलापो के सम्बन्ध में यू0पी0 एस0टी0एफ0 की मेरठ यूनिट भी जाॅच कर रही है एवं ग्राम चिटेहरा, दादरी जनपद जीबी0नगर भूमि प्रकरण में ए0डी0एम0, जी0बी0नगर द्वारा जाॅच की जा रही है।

यशपाल तोमर द्वारा अर्जित किये गये अवैध धन को वैध धन बनाने के लिये एक आर्यनवीर एग्रो फुड प्रा0लि0 नाम से कम्पनी बनाई गई है जिसमें इसकी पत्नी श्रीमति अन्जना व इसका सफाई कर्मी  करमबीर सिंह निदेशक है जिसमें करमबीर बी0पी0एल0 कार्ड धारक है। उक्त कम्पनी के आय-व्यय का कोई लेखा-जोखा नही है। यशपाल तोमर ने अपनी कई चार पहिया कीमती वाहन (कार) की चोरी चले जाने के सम्बन्ध में झूठी रिपोर्ट यू0पी0 व दिल्ली के विभिन्न थानो में लिखा कर इन्श्योरेन्स की धनराशि प्राप्त कर ली गई है एवं उक्त वाहन भी प्रयोग किये जा रहे है अथवा उनको कटवाकर धनराशि प्राप्त कर ली गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,एस0टी0एफ0  अजय सिंह के निर्देशन में एस0टी0एफ0 की सभी टीमे जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार के सीजर आदेश के क्रम में मुख्य अभियुक्त गैंग लीडर शातिर अपराधी यशपाल तोमर की उपरोक्त सभी सम्पत्तियों की अटेचमेन्ट हेतु  कार्यवाही कर रही है। 
एसटीएफ, उत्तराखण्ड की इस कार्यवाही से आने वाले समय में इस प्रकार के अन्य अपराधियों पर भी निश्चित रूप से अकॅुश लगेगा एवं यह कार्यवाही उत्तराखण्ड पुलिस के लिये ’’मील का पत्थर’’ साबित होगी।

यशपाल तोमर को गुरुग्राम से किया था गिरफ्तार

यशपाल तोमर को एसटीएफ ने बीती जनवरी 2022 को गुरूग्राम से धर दबोचा था, उस समय वहां इसके साथ उत्‍तराखण्‍ड का एक चर्चित नौकरशाह भी था जिसको बाद में हरियाणा सरकार के एक अधिकारी के हस्‍तक्षेप के बाद छोड़ दिया गया था।


ज्वालापुर की चर्चित की 56 बीघा जमीन मामले में दिल्ली निवासी गिरधारी लाल ने पिछले दिनों एक मुकदमा ज्वालापुर कोतवाली में दर्ज कराया था। जिसमें आरोप था कि यशपाल तोमर उस पर जमीन अपने नाम करने का दबाव डाल रहा है। उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच उत्तराखंड एसटीएफ को सौंपी गई थी। एक टीम आरोपी यशपाल तोमर को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर हरिद्वार ले आई थी और ज्वालापुर कोतवाली में उससे पूछताछ की। बागपत के रहने वाले यशपाल तोमर का विवादित जमीनों से पुराना नाता है। बताया जाता है कि हरिद्वार से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक उसकी सैकड़ों करोड़ रुपये की जमीन हैं। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि यशपाल तोमर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है। ज्वालापुर पुलिस इस मामले में कार्रवाई में जुटी है।


बागपत निवासी यशपाल तोमर विवादित जमीनों पर कब्जे का धंधा करता आया है। हरिद्वार से लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान तक उसका जाल फैला हुआ है। सैकड़ों करोड़ की विवादित संपत्तियों पर यशपाल और उसके गिरोह का कब्जा है। डीजीपी अशोक कुमार के संज्ञान में आने के बाद एसटीएफ की टीम उसे ज्वालापुर की 56 बीघा जमीन के मामले में धमकी देने पर गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लाई है। कनखल निवासी तोष जैन के घर में घुसकर धमकी देने के मामले में भी यशपाल तोमर फरार चल रहा था। उस मुकदमे में भी पुलिस ने यशपाल तोमर की गिरफ्तारी दिखाई है।

एसटीएफ की पड़ताल में गिरोह बनाकर विवादित जमीनें कब्जाने के पुख्ता सुबूत मिलने पर पुलिस ने उस पर कानूनी शिकंजा कस दिया। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी महेश जोशी की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने यशपाल व उसके साथियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी। जिस पर ज्वालापुर कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी की ओर से यशपाल तोमर निवासी बरवाला थाना रमाला बागपत, धीरज डिगानी निवासी संत बाबा टहल दास चैरिटेबल ट्रस्ट, पीली बंगा जिला हनुमानगढ़ राजस्थान, गिरधारी चावला और सचिन चावला निवासीगण निर्माण विहार दिल्ली के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस मुकदमे की पड़ताल में यशपाल के लिए काम करने वाले कई मददगार बेनकाब हो सकते हैं। उनका जेल जाना भी तय माना जा रहा है।


कई राज्यों की नौकरशाही में दखल


एसटीएफ की पड़ताल में यशपाल तोमर के काले कारनामों से लगातार पर्दा उठ रहा है। साथ ही, यह भी पता चल रहा है कि उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान की नौकरशाही में उसका मजबूत दखल है। जिसके बूते वह विवादित और बेशकीमती जमीनें हथियाने के लिए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी राज्य के किसी थाने में रेप, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी, लूट से लेकर किसी भी संगीन धारा में मुकदमा दर्ज कराने की ताकत रखता है। कनखल के कांग्रेस नेता तोष जैन और उनकी पत्नी मोनिका जैनी की गिरफ्तारी इसका ताजा उदाहरण है। वहीं, संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज होने पर विपक्षी के घुटनों के बल आने पर यशपाल करोड़ों की जमीन कौड़ियों में खरीदता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यशपाल कभी भी संपत्ति अपने नाम पर नहीं खरीदता है, वह अपने किसी सगे संबंधी या रिश्तेदार के नाम रजिस्ट्री कराता है।


रेशमा और रिटायर्ड इंस्पेक्टर को ढूंढ रही एसटीएफ


यशपाल तोमर के गैंग में एक शीतल उर्फ रेशमा नाम की युवती भी शामिल है। एसटीएफ को पता चला है कि विवादित जमीनों का सौदा न होने पर यशपाल तुरूप के इक्के की तरह रेशमा का इस्तेमाल करता आया है। जमीनों से जुड़े मामले में रेशमा ने यशपाल तोमर के कहने पर रेप के झूठे मुकदमें दर्ज कराए हुए हैं। एसटीएफ ने इन सभी मुकदमों का कच्चा चिट्ठा बनाया है। जबकि कई अन्य फर्जी मुकदमों में एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर की भूमिका निकलकर सामने आई है। एसटीएफ रेशमा और रिटायर्ड इंस्पेक्टर की तलाश कर रही है।

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