शराब पर सेस लगाकर करेंगे खेलों का विकास, सीएम त्रिवेंद्र का फैसला

खेलों के विकास को शराब पर लगेगा 0.5 प्रतिशत सेस

मुख्यमंत्री के निर्देश
हर ब्लाक में खोले जाएं दो-दो अटल आदर्श विद्यालय
खेल विज्ञान केंद्र, खेल विकास निधि और मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति शुरू की जाए

अविकल उत्त्तराखण्ड


देहरादून। शराब पर सेस (कर) लगाने के बाद जमा रोकड़े से उत्त्तराखण्ड में खेलों का विकास किया जाएगा। यह फैसला सोमवार को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने लिया। इससे शराब महंगी बिकेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों और आम जनता से सुझाव प्राप्त कर प्रस्तावित खेल नीति को 14 अक्टूबर को कैबिनेट में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेलों के विकास के लिए शराब पर 0.5 प्रतिशत सेस लगाया जाए।


बाद में बैठक की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा खेल नीति में ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए विशेष व्यवस्था हो। खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। साथ ही खेल विकास निधि बनाई जाए। बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए आठ वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति शुरू की जाए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को खेल के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। खेल कुम्भ में नए खेल शामिल किए जाएं। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाएं। दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता के लिए व्यवस्था की जाए।


मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों और राजकीय विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए कोटा रखा जाए।

Uttarakhand excise sports


शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक ब्लाक में दो-दो अटल आदर्श विद्यालय खोले जाएं। इनकी स्थापना उच्च गुणवत्तापरक शिक्षा के सभी मानक पूरे करते हुए की जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों कि गरीब बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा के समान अवसर मिल सकें। इन विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों का विकल्प उपलब्ध हो। स्पोकन इंग्लिश पर विशेष ध्यान दिया जाए। विज्ञान की प्रयोगशाला सभी आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित हो।

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बैठक में बताया गया कि 174 विद्यालयों को अटल आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित कर लिया गया है। इनमें से 108 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध है। बैठक में थानो में प्रस्तावित अटल आदर्श विद्यालय की डिजायन पर भी चर्चा हुई।
बैठक में विद्यालयी शिक्षा एवं खेल मंत्री अरविंद पाण्डेय, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, बृजेश कुमार संत, निदेशक शिक्षा आरके कुंवर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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