मनोहर श्याम जोशी चाहते थे वे करें हिरदा के गीतों का अनुवाद

16 सितम्बर जन्मदिवस पर विशेष- लोकगायक हीरासिंह राणा

अविकल उत्तराखंड/विपिन बनियाल


-हीरा सिंह राणा, जिन्हें बहुत प्यार से हम संबोधित करें, तो हिरदा कुमाऊंनी नाम सामने आता है। राणा ने पहाड़ को ही ताउम्र जिया। पहाड़ के सच्चे बेटे, सच्चे प्रेमी। सबसे लोकप्रिय गीत रंगीली बिंदी की बात करें, तो उसका जन्म भी हिमालय के अलौकिक सौंदर्य को देखते हुए ही हुआ।

हालांकि लोगों ने इसे किसी नारी के सौंदर्य से जोड़ते हुए अपने मन के तार छेड़े। राणा के लिए गीतों में पहाड़ का प्रेम, पहाड़ की पीड़ा, लोक जीवन और संघर्षों की बानगी ही शुरू से आखिर तक दिखी है। 16 सितंबर को उनके जन्मदिन पर सभी ने उन्हें शिद्दत से याद किया है। उनका देहांत हो चुका है, लेकिन उनकी रचनाएं अमर हैं। सबसे खास हम लोग जैसे धारावाहिक को लिखकर सोप ओपेरा की भारत में शुरूआत करने वाले दिग्गज साहित्यकार मनोहर श्याम जोशी से जुड़ी है।

दुनिया जोशी की कायल रही है और जोशी हमेशा राणा के रचना संसार से प्रभावित रहे। उन्होंने यह चाहा था कि वह राणा के गीतों का कुमाऊंनी से हिंदी में अनुवाद करे। जोशी मानते थे कि जिस स्तर के राणा के गीत हैं, उन्हें हिंदी में अनुवाद करने से नया और बड़ा फलक मिल पाएगा। इसकी कोशिश भी हुई, लेकिन यह काम हो नहीं पाया। राणा के व्यक्तित्व से जुड़ी तमाम बातों को विस्तार से जानने के लिए यू ट्यूब चैनल धुन पहाड़ की देखिए।

वीडियो-धुन पहाड़ की

वरिष्ठ पत्रकार-विपिन बनियाल

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